Saturday 25 July 2020

Barah bhavo me surya ka shubh ashubh samanya fal / बारह भावों में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल

Posted by Dr.Nishant Pareek

Barah bhavo me surya ka shubh ashubh samanya fal

बारह भावों में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल 

भारतीय ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य से सम्बन्धित नक्षत्र कृतिका उत्तराषाढा और उत्तराफ़ाल्गुनी हैं। यह भचक्र की पांचवीं राशि सिंह का स्वामी है। कुंडली में सूर्य पिता का प्रतिधिनित्व करता है, इसके अलावा लकड़ी मिर्च घास हिरन शेर ऊन स्वर्ण आभूषण तांबा आदि का भी कारक है। मन्दिर सुन्दर महल जंगल किला एवं नदी का किनारा में निवास निवास करता है। शरीर के अंगों में पेट आंख ह्रदय चेहरा आदि का प्रतिधिनित्व करता है। और इस ग्रह से आंख सिर रक्तचाप गंजापन एवं बुखार संबन्धी बीमारी होती हैं। सूर्य की जाति क्षत्रिय है। शरीर की बनावट सूर्य के अनुसार मानी जाती है। हड्डियों का ढांचा सूर्य के क्षेत्र में आता है। सूर्य का अयन ६ माह का होता है। ६ माह यह दक्षिणायन यानी भूमध्य रेखा के दक्षिण में मकर वृत पर रहता है और ६ माह यह भूमध्य रेखा के उत्तर में कर्क वृत पर रहता है। इसका रंग केसरिया माना जाता है। इसकी धातु तांबा और रत्न माणिक उपरत्न लाडली है। यह पुरुष ग्रह है। इससे आयु की गणना ५० साल मानी जाती है। 

सूर्य अष्टम मृत्यु स्थान से सम्बन्धित होने पर मौत आग से मानी जाती है। सूर्य सप्तम द्रिष्टि से देखता है। सूर्य की दिशा पूर्व है। सबसे अधिक बली होने पर यह राजा का कारक माना जाता है। सूर्य के मित्र चन्द्र मंगल और गुरु हैं। शत्रु शनि और शुक्र हैं। समान देखने वाला ग्रह बुध है। सूर्य की विंशोत्तरी दशा ६ साल की होती है। सूर्य गेंहू घी पत्थर दवा और माणिक्य पदार्थो पर अपना असर डालता है। पित्त रोग का कारण सूर्य ही है। और वनस्पति जगत में लम्बे पेड का कारक सूर्य है। मेष के १० अंश पर उच्च और तुला के १० अंश पर नीच माना जाता है। सूर्य का भचक्र के अनुसार मूल त्रिकोण सिंह पर ० अंश से लेकर १० अंश तक शक्तिशाली फ़लदायी होता है। सूर्य के देवता भगवान शिव हैं। सूर्य का मौसम गर्मी की ऋतु है। सूर्य के नक्षत्र कृतिका का फ़ारसी नाम सुरैया है। और इस नक्षत्र से शुरु होने वाले नाम  ई उ ए अक्षरों से चालू होते हैं। इस नक्षत्र के तारों की संख्या अनेक है। 

कुंडली के बारह भावों में सूर्य का शुभ अशुभ फल इस प्रकार है। आपको जिस भाव का फल जानना है, उस भाव की लाइन पर क्लिक कीजिए।

 जैसे आपको पहले भाव में सूर्य का फल जानना है तो आप - पहले भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल" लाइन पर क्लिक कीजिए। 

पहले भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


दूसरे भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


तीसरे भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


चैथे भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


पांचवें भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


छठे भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


सातवें भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


आठवें भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल



नवें भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


दसवें भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


ग्यारहवें भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


बारहवें भाव में सूर्य का शुभ अशुभ सामान्य फल


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