Showing posts with label budh in 10th house. Show all posts
Showing posts with label budh in 10th house. Show all posts

Monday, 9 March 2020

dasve bhav me budh ka shubh ashubh fal/ दसवे भाव में बुध का शुभ अशुभ फल

Posted by Dr.Nishant Pareek
दसवे भाव में बुध का शुभ अशुभ सामान्य फल


 शुभ फल : दसवें स्थान में बुध की स्थिति उत्तम मानी जाती है। प्राय: सभी शास्त्रकारों ने दशमभावगत बुध के फल विशेष अच्छे कहे हैं। दसवें स्थान में बुध के होने से जातक न्यायप्रिय और नीतिनिपुण होता है। विवेकी, गुणवान्, गुणनुरागी, सत्यवादी, घैर्यवान्, विनम्र होता है। जातक बुद्धि में श्रेष्ठ- घार्मिक, सात्विक बुद्धिवाला, मनस्वी होता है। जातक ज्ञानी, मघुरभाषी, प्रसंग के अनुकूल बोलने का कौशल्य होता है। शुद्ध तथा सदाचारी, सत्कर्म करनेवाला, श्रेष्ठ कार्य करनेवाला, सत्यपर दृढ़ रहनेवाला होता है।प्रतिष्ठायुक्त, आदरणीय और व्यवहारकुशल, सामाजिक व्यक्ति तथा कीर्तिमान् होता है।

दसवें स्थान में बुध के होने से जातक लोकमान्य और परम प्रतापी होता है। रूपवान्, बलवान्, शूर और पराक्रमी होता है। दसवें भाव में हो तो मातृ-पितृ-भक्त एवं गुरुजनों का भक्त होता है। बुध प्रबल होने से मातृसौख्य प्रचुरमात्रा में होता है। स्मरण शक्ति अच्छी होती है। गणित और भाषाशास्त्र में प्रवीण होता है। जातक विद्वान, काव्य में कुशल होता है।

अपने भुजबल से घनोपार्जन करनेवाला होता है। नानाविघ संपत्तियुक्त, नाना भूषण भूषित, घनाढ़्य, होता है। विलासी होता है। आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न होता है। विविघ भूषणों से युक्त और सुखी होता है। पैतृक सम्पत्ति भी मिलती है। विविघ वैभव से सम्पन्न, राजमान्य होता है। राज्य के सहयोग से अर्थ लाभ करता है अथवा राज्य में उत्तम पद प्राप्त करता है।

राजकीय अघिकार के प्राप्त हो जाने के कारण, और इस राजकीय अघिकार से निग्रह-अनुग्रह सामर्थ्ययुक्त हो जाने के कारण जातक का संसार में विशेष आदर मान होता है, सर्वसाघारण लोगों की दृष्टि में जातक एक मान्य और पूजनीय व्यक्ति होता है।कविता करने से, शिल्पकला से, लेखन से, व्यापार से, क्लीवों के साहाय्य से और साहस से घन मिलता है। जातक को वाहन का सुख प्राप्त करता है।

दशमभाव का बुध जातक को सर्वथा सभी पदार्थों से परिपूर्ण कर देता है। जिस कार्य को प्रारम्भ करता है उसमें प्रारम्भ में ही सफलता प्राप्त होती है। व्यापार में यशस्वी होता है। व्यापार से लाभ कमाता है। दलाली, लेखन और साहूकारी में अच्छा यश किलता है। उपजीविका शिल्प कला से होती है।  मिथुन-तुला-कुम्भ में बुध होने से सर्वे डिपार्टमैन्ट, पीडब्लूडी, पोस्टल डिपार्टमैंट क्लर्कशिप का व्यवसाय रहेगा। लग्न से दशम स्थान में बुध पुरुषराशियों में होने से शास्त्रकारों के वर्णित शुभफल मिलते हैं।
ALSO READ-बुध को प्रबल कीजिये इन आसान उपायों से
अशुभ फल : 28 वें वर्ष में नेत्र में रोग होता है। बुध शत्रु के घर में या पापप्रह के साथ होने से मूढ़, कर्म करने में विघ्न करने वाला होता है। नीचकर्म करता है और आचारभ्रष्ट होता है।
Read More
Powered by Blogger.