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Sunday, 12 July 2020

Tisre bhav me ketu ka shubh ashubh samanya fal / तीसरे भाव में केतुु का शुभ अशुभ सामान्य फल

Posted by Dr.Nishant Pareek

Tisre bhav me ketu ka shubh ashubh samanya fal 


तीसरे भाव में केतुु का शुभ अशुभ सामान्य फल

शुभ फल : तृतीयभाव में केतु होने से जातक बलवान् तथा धैर्यवान् होता है। दानशील पुरुषों के साथ रहनेवाला होता है। तृतीयभाव में केतु होने से जातक गुणी, धनी और सुखी होता है। जातक को विषयभोग, ऐश्वर्य और तेज अधिक मात्रा में प्राप्त होते हैं। केतु तृतीयभाव में होने से जातक को आयु, बल, धन, यश, स्त्री तथा खानपान का सुख मिलता है। केतु तृतीयभाव में शत्रुओं का नाश करता है। जातक शत्रुओं का दमन करता है। केतु शुभराशि में, स्वगृह में वा उच्चराशि में होने से शुभफल मिलता है। 

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अशुभ फल : तीसरे भाव में केतु होने से जातक व्यर्थ की चिन्ताओं से घिरा रहता है। भय, चित में भ्रम और चिन्ता से व्याकुलता होती है। जातक भूत-प्रेतों में विश्वास करता है, या भूत-प्रेतभक्त होता है। समाज से उद्वेग और भय होता है। जातक के भ्राताओं का नाश होता है। भाइयों के कष्ट से युक्त होता है। जातक के मित्रों का नाश होता है। मित्रों को कष्ट होता है। मित्र से भी हानि का डर रहता है। जातक की भुजाओं में पीड़ा होती है। जातक को व्यर्थ के वाद-विवाद से कष्ट होता है। सिंह या धनु में केतु होने से हृदयरोग, बहरापन, कन्धे पर आघात से कष्ट होता है। अशुभफल पुरुषराशियों में अनुभव में आते हैं।


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