Showing posts with label Rahu ki shanti ke upay. Show all posts
Showing posts with label Rahu ki shanti ke upay. Show all posts

Friday, 31 January 2020

Rahu ke upay / राहु को शांत करने के उपाय

Posted by Dr.Nishant Pareek
राहु को शांत करने के उपाय





यह एक ज्वालामुखी ग्रह हैं। इसके विषय में कहावत है कि राहु चलाये कुराह। यह सूर्य, चंद्र तथा मंगल को अपने मुख में रखकर जला देता है। इसके अशुभ फल के कारण व्यक्ति दर दर की ठोकरें खाता रहता है। अपना सम्पूर्ण जीवन गरीबी में जीता है। पौराणिक कथनानुसार इसके सिर्फ सिर है। हदय नहीं है। इसलिये इसे दया भी नहीं आती है।ः- छोटी-बडी आंते, गुदा तथा शरीर के गुप्तांगों का कारक है। स्वभाव से उग्र कू्रर है। इसकी धातु सीसा और रत्न गोमेद है। अंगुलियों में मध्यमा पर इसका प्रभाव है। जप तप पूजा पाठ आदि से यह इतना प्रसन्न नहीं होता, जितना दान से होता है। इसके अशुभ फल को दूर करने के लिये निम्न उपाय करने हितकारी है-


राहु की शांति के लिए श्रावण मास में रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना सर्वोत्तम है।

कुष्ठ रोगी को मूली का दान दें।

गिलहरी को दाना डालें।

 शुक्र को बली करने के उपाय

दो रंग के फूलों को घर में लगाएं और गणेश जी को अर्पित भी करें।

कुष्ठ रोगियों को दो रंग वाली वस्तुओं का दान करें।

हर मंगलवार या शनिवार को चीटियों को मीठा खिलाएं।

अगर राहू आपकी कुंडली में 12 वे घर में बैठा है तो भोजन रसोई घर में करें।
 गुरू को बली करने के उपाय

काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं।

प्रत्येक अमावस्या के दिन उडद की दाल से बने पकौडों पर दही डालकर चील कांवलों को खिलाने चाहिये।

अठारह अमावस्या तक एक खोपरे में काली उडद भरकर दक्षिणा रखकर किसी डाकोत को दान देना चाहिये।

अमावस्या के दिन दूध देने वाली बकरी का उसके बच्चे सहित दान करना चाहिये।

सपेरे से काला सांप जंगल में छुडवाना चाहिये।

 बुध को बली करने के उपाय
अमावस्या व सूर्य ग्रहण के दिन एक गिरीदार फल में सीसा और सोने का सर्प दबाकर उस फल को नीले कपडे में बांधकर दक्षिणा सहित किसी नदी या सरोवर के तट पर दान करना चाहिये।

सीसे से बना छल्ला बायें हाथ की मध्यमा अंगुली में बुधवार शाम को धारण करना चाहिये।

अपनी शक्ति के अनुसार संध्या को काले-नीले फूल, गोमेद, नारियल, मूली, सरसों, नीलम, कोयले, खोटे सिक्के, नीला वस्त्र किसी कोढ़ी को दान में देना चाहिए।

राहु की शांति के लिए लोहे के हथियार, नीला वस्त्र, कम्बल, लोहे की चादर, तिल, सरसों तेल, विद्युत उपकरण, नारियल एवं मूली दान करना चाहिए।

 मंगल मचा रहा है आपके जीवन में दंगल। तो शांत कीजिये इन उपायों से।
 सफाई कर्मियों को लाल अनाज देने से भी राहु की शांति होती है।

राहु से पीड़ित व्यक्ति को इस ग्रह से सम्बन्धित रत्न का दान करना चाहिए।

 राहु से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है।

 मीठी रोटी कौए को दें और ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल और मांसहार करायें.

 राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए।

गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए।

 राहु की दशा से आप पीड़ित हैं तो अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें इससे राहु की दशा शांत होगी।

 चंद्रमा के शुभ फल प्राप्त करने के उपाय
राहु ग्रह से पीडि़त व्यक्ति को रोजाना कबूतरों को बाजरे में काले तिल मिलाकर खिलाना चाहिए।

    ऐसे व्यक्ति को अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।

    हाथी दाँत का लाकेट गले में धारण करना चाहिए।

    अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है।

प्रतिदिन सुबह चन्दन का टीका भी लगाना चाहिए। अगर हो सके तो नहाने के पानी में चन्दन का इत्र डाल कर नहाएं।

    जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए।

    दिन के संधिकाल में अर्थात् सूर्योदय या सूर्यास्त के समय कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए।

    यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास रुपया अटक गया हो, तो प्रातःकाल पक्षियों को दाना चुगाना चाहिए।

    झुठी कसम नही खानी चाहिए।

. अपने पास ठोस चाँदी से बना वर्गाकार टुकड़ा रखें।

भैरव की उपासना और मा शारदा के मन्त्र पाठ करे ।।।

    राहु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शनिवार का दिन, राहु के नक्षत्र (आर्द्रा, स्वाती, शतभिषा) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं।

मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है। यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है, मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें।

राहु - ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः

इस मंत्र के 18.000 जाप किसी विद्वान से करवायें अथवा आप भी प्रतिदिन एक माला जाप कर सकते है। इससे राहु के शुभ फल प्राप्त होंगे।

राहु गायत्री- ओम नीलवर्णाय विद्महे सैहिकेयाय धीमहि तन्नोः राहु प्रचोदयात।

राहु गायत्री मंत्र के प्रतिदिन एक माला जपने से राहु के शुभ फल प्राप्त होते है।

राहु के हवन में दूर्वा की समिधा लगती है। इसके अलावा आप प्रतिदिन दूर्वा को जल देकर राहु के शुभ फल प्राप्त कर सकते है।

                             अथ राहु स्तोत्र

राहुर्दानव मंत्री च सिंहिका चित्त नन्दनः। 
अर्द्धकायः सदा क्रोधी चंद्रादित्य विमर्दनः।।
रौद्रो रूप प्रियो दैत्यः स्वर्भानुर्भानु भीतिदः। 
ग्रहराजः सुधापायी राका तिथ्य भिलाषुकः।।
काल दृष्टिः कालरूपः श्री कण्ठ हदयाश्रयः। 
विधुतुंदः सैहिकेयो घोर रूपों महाबलः।।
ग्रहपीडा करो दंृष्टि रक्त नेत्रो महोदरः।
 पंचविंशति नामानि स्मृत्वा राहुं सदा नरः।।
यः पठेन्महती पीडा तस्य नश्यति केवलम्। 
विरोग्यं पुत्रमतुलां श्रियं धान्यं पशुंस्तथा।।
ददाति राहुस्तस्मैयः पठते स्तोत्र मुत्तमम्। 
सतंत पठते यस्तु जीवेद्वर्ष शतं नरः।।


प्रतिवर्ष चार महारात्रियाँ आती है।  ये है - होली , दीवाली, कृष्ण जन्माष्टमी , और शिव रात्रि।  इनके आलावा सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण ,नवरात्र , आदि में मंगल यंत्र को सिद्ध करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस समय में भोजपत्र पर अष्टगंध तथा अनार की टहनी से बनी कलम से यह ग्रह यंत्र लिखकर पौराणिक या बीज मंत्र के जाप करके इन्हें सिद्ध किया जा सकता है। सिद्ध होने पर उसे ताबीज में डाल कर गले में या दाई भुजा पर पहना जा सकता है। इससे ग्रह जनित अशुभ फल नष्ट होते है. तथा शुभ फलों में वृद्धि होती है।



                              क्या न करें

मांस, मदिरा और तम्बाकू के सेवन से राहु की दशा में विपरीत परिणाम मिलता है अतः इनसे दूरी बनाये रखना चाहिए। आप राहु की दशा से परेशान हैं तो अपने कोई भी निर्णय स्वयं न लेवें। परिवार के सदस्यों को निर्णय लेने दे। आपके गलत निर्णयों से पूरा परिवार संकट में आ सकता है। अथवा आप संयुक्त परिवार से अलग होकर अपना जीवन यापन करें।




Read More
Powered by Blogger.