Wednesday 29 January 2020

Budh ko prabal karne ke aasan upaay / बुध को प्रबल करने के आसान उपाय।

Posted by Dr.Nishant Pareek
 बुध को प्रबल करने के आसान उपाय।

बुध ग्रह अन्य जिस किसी भी ग्रह के साथ बैठता है अथवा उसके प्रभाव में होता है। उसी के अनुसार फल देता है। यह त्वचा, सांस की नली, आंतडियां, बुद्धि, तथा नपुंसकता का कारक है। उदासीन स्वभाव वाला ग्रह है। क्रूर ग्रह के साथ बैैठने पर कू्रर तथा सौम्य ग्रह के साथ बैठने पर सौम्य हो जाता है। इसकी धातु मिश्रित सोना, तांबा, तथा चांदी का अनुपात 1ः2ः4 है। इसका रत्न हरा पन्ना है। अंगुलियों में कनिष्ठिका पर इसका अधिकार है। इसकी अशुभता निवारण और शुभता प्राप्त करने के लिये निम्न उपाय कारगर सिद्ध होते है-





प्रत्येक बुधवार को उबले हुए मूंग नींबू का रस मिलाकर सेवन करे।

अपने आस पास के भिखारियों को चावल मंूग की खिचडी सत्रह बुधवार खिलाये।

हर बुधवार को गणेश जी की प्रतिमा के चरणों में एक सौ आठ दूर्वा चढाये। और साथ में ओम गं गणपतये नमः का जाप करे।
ALSO READ- चंद्र के शुभ फल प्राप्त करने और अशुभ फल दूर करने के उपाय

बुधवार के दिन तीसरे प्रहर हरा कपडे में मूंग, हरा अमरूद, सोना, चांदी, तांबा धातु का टुकडा बांधकर दक्षिणा सहित किसी गणेश मंदिर में पंडित को दान करे।

बुधवार को हरी घास, हरा चारा, साग सब्जी आदि गाय को खिलाये।

बुध की शांति के लिए स्वर्ण का दान करना चाहिए।

हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान उत्तम कहा जाता है।

हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना भी इस ग्रह दशा में श्रेष्ठ होता है।

बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान भी ग्रह की पीड़ा में कमी ला सकती है।

इन वस्तुओं के दान के लिए ज्योतिषशास्त्र में बुधवार के दिन दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है।

बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए।

Also read-मंगल मचा रहा है आपके जीवन में दंगल। तो शांत कीजिये इन उपायों से।
गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए।

ब्राह्मणों को दूध में पकाकर खीर भोजन करना चाहिए।

बुध की दशा में सुधार के लिए विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है।

रविवार को छोड़कर अन्य दिन नियमित तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार होता है।

अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है।

मौसी, बहन, चाची बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार बुध ग्रह की दशा से पीड़ित व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है।

 अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।
ALSO READ- शनि आ गये है मकर राशि में। जानिये आपकी राशि पर क्या प्रभाव पडेगा।

    बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें।

    घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए।

    अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियाँ एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।

    तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।

    बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं।

बुध- ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

इस बुध के मंत्र के 4000 जाप होते है। जो कि किसी विद्वान ब्राहमण से करवाने चाहिये। इसके अलावा आप भी प्रतिदिन एक माला जाप कर सकते है।

बुध गायत्रीः- ओम चंद्र पुत्राय विद्महे रोहिणीप्रियाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात।

इस मंत्र की प्रतिदिन एक माला जाप करने से बुध ग्रह बली होता है। और शुभ फल देता है।

हवन में अपामार्ग की लकडी से बुध की आहूति लगती है। इसके अलावा अपामार्ग की जड को बुधवार के दिन हरे कपडे में सिलकर पुरूष दायें हाथ पर और महिला बायें हाथ पर बांध सकती है।

प्रतिदिन बुध नाम स्तोत्र के पाठ करने से भी बुध के शुभ फल प्राप्त होते है।

                    अथ बुध नाम स्तोत्र

अहो चंद्रसुतः श्रीमान् मागधायां समुद्भवः। अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहुः खडग्खेटक धारकः।।
गदाधर नृसिंहस्थः स्वर्गनाभः शमान्वितः। कृष्ण वृक्षस्य पत्रंच इन्द्र विष्णु प्रपूजितः।।
ज्ञोयो बुधः पंडितश्च रोहिणेयश्च सोभतः। कुमारो राज पुत्रश्च शैशवः शशि नंदनः।।
गुरू पुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा। सौम्यः सर्वगुणो पेतो रत्न दान फलप्रदः।।
एतानि बुध नामानि प्रातः काले पठेन्नरः। बुद्धिं र्विवृद्धितां याति बुध पीडा न जायते।।







प्रतिवर्ष चार महारात्रियाँ आती है।  ये है - होली , दीवाली, कृष्ण जन्माष्टमी , और शिव रात्रि।  इनके आलावा सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण ,नवरात्र , आदि में मंगल यंत्र को सिद्ध करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस समय में भोजपत्र पर अष्टगंध तथा अनार की टहनी से बनी कलम से यह ग्रह यंत्र लिखकर पौराणिक या बीज मंत्र के जाप करके इन्हें सिद्ध किया जा सकता है। सिद्ध होने पर उसे ताबीज में डाल कर गले में या दाई भुजा पर पहना जा सकता है। इससे ग्रह जनित अशुभ फल नष्ट होते है. तथा शुभ फलों में वृद्धि होती है।


Powered by Blogger.