शनिदेव आ रहे है धनु राशि से मकर में/ आपके लिए कैसा रहेगा इनका भ्रमण। जानिए विस्तार से।
ग्रहों में न्यायाधीश पद पर नियुक्त शनिदेव ३० साल के बाद २४ जनवरी को लगभग ९ बजकर ५६ मिनट पर धनु राशि से अपनी खुद की राशि मकर में आ रहे है। और यहाँ १७ जनवरी २०२३ तक रहेंगे। इसमें भी ११ मई २०२० को सुबह ९ बजकर ३९ मिनट पर वक्री हो जायेंगे। फिर २९ सितंबर सुबह १० बजकर ४२ मिनट पर मार्गी होंगे।
ज्ञातव्य है की शनि लगभग ढाई वर्ष में एक राशि बदलते है। यदि उस राशि में वक्री हो जाये तो समय ज्यादा भी लग जाता है।
मंगल दोष कितने प्रकार के ?
साढ़े साती -
२४ जनवरी को शनि के राशि परिवर्तन से वृष और कन्या की ढय्या समाप्त हो जाएगी। वृश्चिक राशि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। कुम्भ राशि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। इस तरह कुम्भ राशि पर साढ़े साती का पहला चरण शुरू होगा। मकर राशि पर दूसरा चरण और धनु राशि पर तीसरा चरण शुरू होगा।
ढय्या -मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढय्या शुरू हो जायेगा। जो ढाई वर्ष तक चलेगा।
सारांशतः मेष, वृष , कर्क , कन्या , और वृश्चिक राशि के लिए शनि का राशि परिवर्तन शुभ रहेगा। आइये देखते है की प्रत्येक राशि पर विस्तृत फल कैसा रहेगा -
बारहवें भाव में मंगल - मांगलिक योग
मेष :-
ग्रहों में न्यायाधीश पद पर नियुक्त शनिदेव ३० साल के बाद २४ जनवरी को लगभग ९ बजकर ५६ मिनट पर धनु राशि से अपनी खुद की राशि मकर में आ रहे है। और यहाँ १७ जनवरी २०२३ तक रहेंगे। इसमें भी ११ मई २०२० को सुबह ९ बजकर ३९ मिनट पर वक्री हो जायेंगे। फिर २९ सितंबर सुबह १० बजकर ४२ मिनट पर मार्गी होंगे।
ज्ञातव्य है की शनि लगभग ढाई वर्ष में एक राशि बदलते है। यदि उस राशि में वक्री हो जाये तो समय ज्यादा भी लग जाता है।
मंगल दोष कितने प्रकार के ?
साढ़े साती -
२४ जनवरी को शनि के राशि परिवर्तन से वृष और कन्या की ढय्या समाप्त हो जाएगी। वृश्चिक राशि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। कुम्भ राशि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। इस तरह कुम्भ राशि पर साढ़े साती का पहला चरण शुरू होगा। मकर राशि पर दूसरा चरण और धनु राशि पर तीसरा चरण शुरू होगा।
ढय्या -मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढय्या शुरू हो जायेगा। जो ढाई वर्ष तक चलेगा।
सारांशतः मेष, वृष , कर्क , कन्या , और वृश्चिक राशि के लिए शनि का राशि परिवर्तन शुभ रहेगा। आइये देखते है की प्रत्येक राशि पर विस्तृत फल कैसा रहेगा -
बारहवें भाव में मंगल - मांगलिक योग
मेष :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके दसवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह स्थिति कष्ट व मानसिक संताप की
सूचक है । इससे आपको काम - धंधे व जीवन के अन्य क्षेत्रों में अनेक कठिनाइयों का
सामना करना पड़ सकता है । व्यापारियों व
व्यवसायियों को इस दौरान हानि झेलनी पड़ सकती है । यदि आप कृषि व्यवसाय से जुड़े
हैं तो नुकसान से बचने के उपाय करें । आपमें से कुछ अपना व्यवसाय अथवा कार्य
क्षेत्र बदलने के विषय में सोच सकते हैं । आपमें से कुछ को नौकरी मिल सकती है
परन्तु इस विशेष समय में कार्य करने में कठिनाई आएगी । आप और आपके मालिक के बीच
परस्पर विरुचि की भावना पनप सकती है । गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें । आमदनी से अधिक व्यय आपको निर्धनता के कगार पर
लाकर खड़ा कर सकता है । ऋण लेने से बचें ।
स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है । अपने घुटनों व छाती की सही
देखभाल करें । आपके माता - पिता बीमार हो सकते हैं । यहाँ तक कि जीवन खतरे में पड़
सकता है । घर पर आप व आपकी पत्नी / पति के
बीच मानसिक वैमनस्य परस्पर घृणा का कारण बन सकता है । यात्रा का योग है । आपमें से कुछ में पाप प्रवृत्ति में लिप्त होने
की तीव्र इच्छा पनप सकती है । समाज में अपना मान व प्रतिष्ठा बनाए रखें ।
वृष :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके नवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह विपत्ति व व्यथा का सूचक है । आपके
कार्यक्षेत्र के लिए यह समय कठिनाईपूर्ण है । आपका स्थानान्तरण हो सकता है व कार्य
में सफलता प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ सकता है । शत्रुओं व
अपने नीचे काम करने वाले सहयोगियों से सावधान रहें क्योंकि वे आपको इस समय धोखा दे
सकते हैं । किसी भी ऐसी बात से बचें जिसके कारण आपको अपनी कार्यस्थली अथवा समाज
में बदनामी मिले। मनवांछित लाभ पाने में और सामान्य दिनों से अधिक समय लग सकता है
। वित्त के प्रति भी सावधानी बरतनी पड़ेगी
। इस दौरान आपके फिजूलखर्ची करने की संभावना है । आपमें से कुछ इसके लिए अतिरिक्त
आय भी करेंगे परन्तु अनेक बाधाओं का सामना भी करना पड़ सकता है । मुकदमेबाजी, आपराधिक गतिविधियों व धर्मविरोधी कृत्यों से दूर रहें ।
आपमें से कुछ इस दौरान अपराध जगत फंदे में फँस सकते हैं । स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता
है । मानसिक रुप से आप पत्नी / पति व बच्चों के कारण व अन्य कारणों से भी अशान्त व व्यथित रह सकते हैं । आपका पुत्र किसी
जानलेवा रोग से ग्रस्त हो सकता है । आपमें से कुछ को किसी निकट सम्बन्धी के दाह -
संस्कार में सम्मिलित होना पड़ सकता है ।
मिथुन :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके आठवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह कठिन समय है । आपमें से अधिकांश
को काम-काज, व्यवसाय, व्यापार व किसी भी कार्यक्षेत्र विषम
परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है । कई को तो अनेक कारणों से काम-काज से हाथ
धोना पड़ सकता है । इस समय आप बुरी लत, जुआ व कुसंगति की ओर आकर्षित हो सकते हैं । यहाँ तक कि आपमें से कुछ को दुर्जन
- दुष्ट संगत के चक्कर में पड़कर कारागृह भी जाना पड़ सकता है । समाज में आपका नाम व प्रतिष्ठा भी कलंकित हो
सकती है । आपमें से कुछ संसार त्यागने का मानस भी बना सकते हैं । यात्रा का योग है । इस समय वित्त के प्रति
सावधानी बरतें व व्यय पर लगाम कसें ।
स्वास्थ्य इन दिनों चिन्ता का कारण बन सकता है । आप किसी गम्भीर रोग से
ग्रसित हो सकते हैं जिससे जीवन खतरे में पड़ सकता है । आपको परिवार को भी विशेष ध्यान देने की
आवश्यकता है । ग्रहों की परिवर्तनशीलता के कारण परिवार के सदस्यों को कठिनाईपूर्ण
परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता है । आपमें से कुछ के किसी परिवार के सदस्य अथवा
घरेलू पशु की मृत्यु हो सकती है । अपने निकट व अंतरंग व्यक्तियों से तर्क - वितर्क
न करें क्योंकि परिवार में नए शत्रु बन सकते हैं ।
कर्क:-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके सातवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह जीवन में उदासी का सूचक है ।
जीवन के लगभग हर क्षेत्र, हर पहलू पर पहले
से अधिक ध्यान केन्द्रित करना पड़ेगा । आमदनी सीमित रहेगी और उस पर भी छल - कपट व
धोखाधड़ी से धन - हानि हो सकती है । जो भी हो, ऋण लेने से बचें क्योंकि इस ऋण से मुक्ति मिलने में अत्यधिक
समय लग सकता है । काम - धंधे में भी अपनी
ओर से और अधिक परिश्रम करना पडेगा । अपने गन्तव्य तक पहुँचने के लिए और अधिक दूरी
तय करनी होगी । यदि आप साझेदारी में धंधा करते हैं तो छद्मवेशी धोखेबाजों से
सावधान रहें । यदि सेवारत हैं या किसी पद
पर हैं तो उसकी गरिमा बनाए रखें, ऐसा कुछ न करं जो
वह छिन जाय । विद्यार्थियों को एकाग्रता
से पढ़ाई करने में कठिनाई हो सकती है ।
आपमें से कुछ इस दौरान विदेश जाएँगे । वैसे यात्रा पर जाने से बचें क्योंकि
आपमें से अधिकांश के लिए यह दु:खदायक सिद्ध होगी । यह समय इस बात का द्योतक है कि
आपका अपना घर न रहने के कारण आपको विवश होकर अन्यत्र रहना पड़ेगा । स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है ।
परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें । आपमें से कुछ गुर्दे, यौन - अंग तथा मूत्र - नलिका से सम्बन्धित रोगों से ग्रस्त
हो सकते हैं । अपनी पत्नी / पति व बच्चों की किसी स्वास्थ्य सम्बन्धी शिकायत हेतु
लापरवाही न बरतें क्योंकि बाद में इससे जीवन खतरे में पड़ सकता है । घर पर शान्ति व सामन्जस्य बनाए रखना आवश्यक है
। पहले जीवनसाथी की मृत्यु के कारण आपमें से कुछ पुनर्विवाह कर सकते हैं । मित्रता
को पूर्णतया विकसित होने दें और मित्रों से अच्छा सामन्जस्य बनाए रखें । यदि
सावधानी नहीं बरतेंगे तो आपके अंतरंग मित्र आपको त्याग देंगे । इस समय मानसिक संतुलन बनाए रखना कठिन है ।
आपमें से अधिकांश में निरंतर मानसिक क्लेश व अशान्ति की भावना की संभावना है
। किसी भी प्रकार के मुकदमे आदि से दूर
रहना बुद्धिमानी होगी । यह मुकदमा अथवा चुना लड़ने हेतु अच्छा समय नहीं है ।
सिंह:-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके छठे भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह मुख्य रुप से धन लाभ का सूचक है ।
इस दौरान आप समस्त बिल, ऋण व शुल्क आदि
चुका देंगे । धन सरलता से और आशा से अधिक प्रचुर मात्रा में आएगा । आप भूखण्ड अथवा
मकान क्रय कर सकते हैं । यदि आपके पास पहले से ही भूखण्ड है तो मकान बनाने के विषय
में सोच सकते हैं । यह समय शत्रुओं को हराकर विजय प्राप्त करने का है । स्वास्थ्य
अच्छा रहेगा और आप शान्ति अनुभव करेंगे। व्यावसायिक व सामाजिक दृष्टि से भी आपके लिए
अच्छा समय है । आपमें से कुछ के अधिकारी विशेष रुप से आपका समर्थन करेंगे । मित्र
भी अभूतपूर्व सहायता करेंगे व सहानुभूति दर्शाएँगे । विवाहित व्यक्तियों का दाम्पत्य जीवन सुखमय व
प्रेममय होगा और प्रेमियों को परस्पर अनेक भावनात्मक क्षण व्यतीत करने को मिल सकते
हैं जो शिशु की इच्छा रखते हैं उन्हें संभव है कि इस समय परिवार में नए सदस्य का
स्वागत करने का सुअवसर मिले । आपको ग्रहों के परिवर्तन के कारण आपके सम्बन्धी भी
सुखी रहेंगे ।
कन्या :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके पाँचवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह अवसाद का द्योतक है । इस दौरान
आप देखेंगे कि आप मूर्खतापूर्ण प्रक्रियाओं, अपने ही सगे सम्बन्धियों व अन्य लोगों से झगड़े - फसाद व
विवाद में उलझ गए हैं । आपमें से कुछ परिवार के सदस्यों के साथ मुकदमेबाजी में भी
लिप्त हो सकते हैं साथ ही विपरीत लिंग वालों के साथ आपकी नहीं बनेगी । अपने
व्यवहार को संयत रखें क्योंकि उतावलापन समाज में आपकी मान मर्यादा को मिटा सकता
है। वित्तीय मामलों में सावधानी बरतें
। कामकाज के भी सही संचालन की आवश्यकता है
। व्यवसायी नया धंधा हाथ में न लें और हानि उठाने को तैयार रहें । यदि आप निवेश या
शेयर बाजार में हैं तो वर्तमान स्थिति संतोषजनक नहीं है । कुछ भी नया आरम्भ न करें
क्योंकि मनवांछित परिणाम मिलने की आशा नहीं है ।
आपकी पत्नी / पति व बच्चों के स्वास्थ्य को विशेष देखभाल की आवश्यकता है ।
अपने बच्चे की किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी शिकायत के प्रति लापरवाही न बरतें । यह
बाद में जानलेवा सिद्ध हो सकता है । यदि स्वास्थ्य सम्बन्धी सावधानियों की अनदेखी
की गई तो आपकी पत्नी / पति बीमार पड़ सकती / सकते हैं । आपमें से अधिकांश के
मानसिक संताप तथा अस्थिरता झेलने की संभावना है । यदि आप विवाहित हैं तो जीवन साथी
के प्रति विमुखता उत्पन्न हो सकती है । घर में सुख - चैन बनाए रखने हेतु आपको कुछ
प्रयास करना पड़ेगा । विद्यार्थियों को पढ़ाई अरुचिकर लगने की संभावना है
तुला :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके चतुर्थ भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह कठिन समय है । जीवन के अन्य
पत्तों के अतिरिक्त वित्त व्यवस्था सही ढ़ंग से सम्भालनी होगी । जितना सम्भव हो,
ऋण व्यय व पैसे की बर्बादी से बचें । आप में
काम - धंधे के प्रति उत्साहहीनता आ सकती है । आपमें से कुछ को अपने कामकाज के
प्रति अरुचि के कारण अपने वरिष्ठ व उच्च अधिकारियों का क्रोध झेलना पड़ सकता है ।
आपमें से कुछ का इस दौरान अन्य जगह स्थानान्तरण भी हो सकता है । सामाजिक दृष्टि से भी यह अच्छा समय नहीं है ।
अपनी लोकप्रियता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयत्नशील रहें । ऐसे क्रिया कलापों से
बचें जिनमें अपमान होने का भय हो ।
स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है । आपमें से कुछ
अकर्मण्यता, उदर रोग, बादी (वायु रोग) अथवा अन्य छोटी - मोटी
व्याधियों से ग्रस्त हो सकते हैं । आपमें
से कुछ मनोव्यथा, भय, मानसिक उलझन व चिन्ता से ग्रस्त हो सकते हैं ।
कुछ के मन में न्याय विरोधी विचार पनप सकते हैं जो मन में पापकर्म करने की तीव्र
इच्छा जागृत कर सकते हैं । शत्रुओं के साथ
विवाद से दूर रहें । आपमें से कुछ को मित्रों व शुभचिन्तकों से अलग होना पड़ सकता
है । घर पर पत्नी व बच्चों के स्वास्थ्य
पर ध्यान देना आवश्यक है क्योंकि बीमारी अथवा अन्य कारणों से जीवन जोखिम में पड़ने
का खतरा है । आपमें से कुछ परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के कारण शोकमग्न रहेंगे
। अपने सम्बन्धियों व निकटतम प्रिय व्यक्तियों के साथ किसी अप्रिय स्थिति में
पड़ने से बचें । इस दौरान संभव है अपने परिवार और सम्बन्धियों में आपके कुछ नए
शत्रु बनें। इन दिनों छद्मवेशी शत्रुओं से सावधान रहें । फिर भी, आपमें से कुछ घर में नवजात शिशु के आने की आशा कर सकते हैं
।
वृश्चिक :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके तृतीय भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह शुभ समय का संकेत है । यह आपके
कार्य क्षेत्र के लिए व वित्त हेतु उत्तम समय है । आपमें से अधिकांश अनेक प्रकार
से धनोपार्जन करेंगे । इन दिनों आरम्भ किया गया कोई भी व्यापार, परियोजना या काम - धंधा निश्चित रुप से सफल
होगा । यदि आप मुर्गी पालन अथवा कृषि से
जुड़े हुए हैं तो यह विशेष रुप से शुभ समय है तथा अपने अपने कार्य में आपको विशेष
लाभ होगा । आपमें से कुछ इन दिनों भूमि
अथवा अन्य अचल सम्पत्ति क्रय करने के विषय में सोच सकते हैं । कुल मिलाकर धन
सम्बन्धी मामलों में यह अच्छा व शुभ समय है ।
यदि आप बेरोजगार हैं तो भाग्य आपका द्वार अवश्य खटखटाएगा और आपके सन्मुख कई
लाभप्रद नौकरियों / कार्यों का प्रस्ताव होगा । जो सेवारत है उन्हें वेतन वृद्धि,
उच्च पद व अधिकार मिल सकते हैं । आपकी समझ,
योग्यता तथा प्रयास सभी का ध्यान आकृष्ट करेंगे
। सामाजिक दृष्टि से भी यह शुभ समय है
क्योंकि आप सामाजिक सफलता की सीढ़ी उत्तरोत्तर चढ़ते ही जाएँगे । आपमें से अधिकांश
घर पर नौकरानी और कार्यालय में सहायक नियुक्त करेंगे जो काम-काज में मदद करें । जो
भी हो, आप हर प्रकार के
तक-वितर्क में अपना पक्ष इतने स्पष्ट रुप में सहजता से रखें कि आप ही विजयी होंगे
। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपको लगेगा कि
आपके पैरों में शक्ति व उत्साह के पंख लगे हुए हैं । यदि पूर्व में कोई रोग रहा भी
हो तो आप उससे मुक्ति पाकर सुख - चैन अनुभव करेंगे । घर पर भी पूर्णतया सुख - चैन का वातावरण होगा ।
आपकी पत्नी / पति और अधिक प्रेममय व समर्पित रहेंगी / रहेंगे व आपको दाम्पत्य जीवन
का पूर्ण आनन्द प्राप्त होगा । आपके भाई - बहनों व बच्चों का व्यवहार अच्छा होगा व
वे कार्य में सहायक होंगे । शत्रुओं की
पराजय होगी व आप पर भाग्यलक्ष्मी की कृपा होगी । आपमें से कुछ को यात्रा करनी पड़
सकती है ।
धनु :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके द्वितीय भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह सामान्य रुप से आपके लिए कठिन
समय है । आपमें से अधिकांश को अपने लक्ष्य व परियोजना के मनवांछित परिणाम नहीं
मिलेंगे । यदि आप सेवारत हैं अथवा किसी व्यवसाय में हैं तो सावधानी से एक एक कदम
बढ़ाएँ, छलाँग न लगाएँ क्योंकि
समय अनुकूल नहीं है । यह समय वित्तीय
दृष्टि से भी प्रतिकूल है । अपने खर्चों पर लगाम कसें व कारण खोजें कि आपका धन
कहाँ जा रहा है घ् आपमें से कुछ अनेक स्त्रोतों से धन अर्जित कर सकते हैं परन्तु
वह धन हाथ में रखना कठिन होगा । पैत्रिक सम्पत्ति से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के
विवाद से दूर ही रहें क्योंकि यह आपके सुखी जीवन व आत्मगौरव को ठेस पहुँचा सकते
हैं । इस विशेष समय में आप व्यर्थ के झगड़ों में पड़कर नए शत्रु बना सकते हैं ।
आपमें से कुछ में नृशंसता / निर्दयता पनप सकती है और संभव है कि आप कोई अपराध कर
बैंठे । आपमें से कुछ तो अपने परिवार में ही नए शत्रु बना सकते हैं । छोटी - छोटी बातों पर अपने पति / पत्नी को
परेशान न करें । बच्चों का ध्यान रखें क्योंकि ग्रह - स्थिति परिवर्तन उनके लिए
जोखिम बन सकता है । स्वास्थ्य का इस समय
सही रुप से ध्यान रखें । आप स्वयं को दुर्बल व निस्तेज अनुभव कर सकते हैं । साथ ही
शक्तिहीन भी हो सकते हैं । आपमें से अधिकांश थोड़ा कठिन काम करके ही थकान महसूस
करेंगे । साथ ही अपने रुप रंग पर भी ध्यान दें ।
आपमें से कुछ इन दिनों विदेश जा सकते हैं जबकि कुछ के निरुद्देश्य इधर -
उधर भटकने की संभावना है ।
मकर :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके प्रथम भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह कठिन चुनौतीपूर्ण समय का सूचक है
। वित्त न्यूनतम स्थिति में होगा । व्यर्थ के खर्चे व अनावश्यक ऋण से बचें क्योंकि
यह और अधिक ह्रास का कारण बन सकता है ।
व्यक्तिगत रुप से आप निराशावादी हो सकते हैं व बाहर से आपका व्यक्तित्व
अप्रियकर हो सकता है । आपमें से कुछ पूर्व निश्चित् उद्देश्यों को पूर्ण करने में
कठिनाई महसूस कर सकते हैं । आपमें से कुछ को न्यायिक हिरासत में भी जाना पड़ सकता
है । स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें ।
अस्वस्थता का कारण रोग न होकर शस्त्र, विष, अग्नि, शारीरिक पीड़ा व थकान हो सकता है । इन वस्तुओं
से स्वास्थ्य को खतरा है अत: दूर रहने की चेष्टा करें । आपकी पत्नी/पति को भी
शारीरिक पीड़ा, दर्द अथवा बेचैनी
हो सकती है अत: उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें । आपमें से कुछ को सिर में दर्द हो सकता है या
ऐसा भी लग सकता है कि शरीर की समस्त शक्ति व सत्र निकल गया है । इस समय काफी
मानसिक व्यथाएँ भी हो सकती है । अपनी
प्रतिष्ठा व मान बनाए रखने हेतु यह एक चुनौतीपूर्ण समय है अत: ऐसे क्रियाकलापों से
बचें जो इन पर प्रभाव डाल सकते हैं । इन
दिनों यात्रा करनी पड़ेगी । आपको सुदूर स्थानों पर जाना पड़ सकता है तथा आपका
स्थानान्तरण विदेश में हो सकता है । परन्तु आपमें से अधिकांश के लिए अपने स्वजनों
व प्रियजनों तथा घर की सुख-सुविधाओं से दूर रहना कोई सुखद अनुभव नहीं होगा । घर
में सुख शान्ति बनाए रखिए । इस विशेष समय में आपके अपने भाई - बहनों व उनकी
पत्नियों / पतियों से झगड़ा हो सकता है । अपनी पत्नी / पति व बच्चें से भी कोई अप्रिय
बात न करें व उन्हें जीवन को खतरे में डालने वाली वस्तुओं से दूर रखें । आपको किसी
निकटजन का अन्तिम संस्कार सम्पन्न करना पड़ सकता है । आपमें से कुछ को अचानक
धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ सकता है । मित्रता अमूल्य निधि है जिसे शनि की यह गति
विपरीत रुप से प्रभावित कर सकती है अत: मित्रों व मित्रता को सुरक्षित रखें ।
स्वयं को सतर्क व चुस्त - दुरुस्त रखें क्योंकि इस समय विशेष में आप बुराइयों का
शिकार हो सकते हैं ।
कुम्भ :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके बारहवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह धन की कमी व वित्तीय रेखा के
नीचे की ओर आने का द्योतक है । इस समय व्यर्थ के व्यय व धन बर्बाद करने का खतरा है
। यदि आप कृषि अथवा कृषि उत्पादों से सम्बद्ध कार्य करते हैं तो विशेष सावधानी
बरतें कि हानि न हो । भोजन - सामग्री भण्डार में संचित कर लें क्योंकि कठिनाई के
समय इसकी आवश्यकता पड़ सकती है ।
स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है । किसी भी प्रकार की शारीरिक
व्याधि की उपेक्षा न करें क्योंकि यह जानलेवा सिद्ध हो सकती है । आपके पैरों व नेत्रों
को विशेष देखभाल की आवश्यकता है । काम -
धंधे पर भी ध्यान दें । काम - काज में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के प्रति सावधान
रहें । आपमें से कुछ को अपने कार्य स्थल पर नेकनामी व पद बनाए रखने में कठिनाई आ
सकती है । आपमें से कुछ को अपना धंधा या व्यापार बदलना पड़ सकता है । यात्रा का योग है । आपमें से अधिकांश को विदेश
यात्रा करनी पड़ सकती है व परिवार से दूर रहना पड़ सकता है । परन्तु अधिकतर
व्यक्तियों के लिए यह यात्रा महंगी पड़ेगी ।
घर में शान्ति बनाए रखना आवश्यक है क्योंकि आप स्वजनों से विवाद में पड़
सकते हैं । आपमें से कुछ में गहन चिन्ता, घुतिहीनता व जीवन के प्रति उत्साहहीनता की संभावना है । गंभीर निर्णय लेते समय यह असाधारण सावधानी
बरतने का समय है । आपमें से कुछ बुद्धि व विचार शक्ति को अनदेखा कर सकते हैं । ऐसा
कुछ न करें जिससे प्रतिष्ठा प्रभावित हो ।
मीन :-
इस अवधि में शनि चन्द्रमा
से आपके ग्यारहवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह आपके लिए शुभ समय है ।
वित्तीय रुप से समय बहुत अच्छा है । चाहे आप व्यापार में हों या किसी व्यवसाय में,
आपको अप्रत्याशित लाभ होने की संभावना है । यह
धन लाभ आपके लिए आनन्द व और अधिक लाभ प्राप्त करने के अवसर लेकर आएगा । आपके हर
प्रकार के प्रयास सफल होंगे व परियोजना के मनवांछित परिणाम प्राप्त होंगे । इस समय
विशेष में जायदाद प्राप्त होने की भी संभावना है । जो व्यक्ति गृह निर्माण सामग्री,
कोयला, चमड़े आदि का व्यवसाय करते हैं, वे अपने - अपने व्यापार में और भी अधिक मुनाफे की आशा रख सकते हैं । यदि आप
सेवारत हैं तो पदोन्नति की संभावना है । उच्च शिक्षा हेतु यह समय शुभ है । यह आपके
सोच को और भी उद्यमशील बनाने का समय है ।
सामाजिक जीवन भी संतोष प्रद रहेगा । समाज में आपका मान, स्तर व प्रतिष्ठा बढ़ने की संभावना है । आपमें
से कुछ को समाज द्वारा विशिष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है । यदि आप विवाहेच्छुक हैं तो आपको मनपसन्द साथी
मिल सकता है व विवाह हो सकता है । यदि आप एकल हैं तो विपरीत लिंग वाले मनोहारी
व्यक्ति का साथ मिल सकता है । आपके मित्र आपके सहायक होंगे व नए मित्र बन सकते हैं
। आपके मालिक व सहयोगियों का आपके प्रति व्यवहार सकारात्मक होगा । पत्नी / पति व
बच्चे सुख प्राप्ति के स्त्रोत होंगे । आप परिवार की मनोकामना पूर्ण करने वाली
वस्तुएँ प्राप्त करेंगे । स्वास्थ्य अच्छा रहेगा ।