बारहवें भाव में मंगल - मांगलिक योग / Mars in the twelfth house - Manglik Yoga
मंगल के बारहवें भाव में बैठने से भी मांगलिक योग बनता है। कुंडली के इस भाव से व्यय , शय्या सुख, निद्रा, त्याग, व यात्रा का विचार किया जाता है। मंगल इस भाव में बैठ कर तीसरे भाव , छठे भाव , और सातवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है। इसके कारण व्यक्ति के पराक्रम और परिश्रम में कमी होती है अथवा परिश्रम व्यर्थ जाता है। रोग तथा शत्रुओं में बढ़ोतरी होती है। जीवनसाथी से सम्बन्धों तनाव लाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति क्रूर स्वभाव वाला , नेत्र रोगी, विरोधी , व्यभिचारी , निद्रा पीड़ित ,हो जाता है। परन्तु यदि सूर्य का साथ हो तो व्यक्ति प्राणी विज्ञान अथवा वनस्पति विज्ञान का विद्वान् बनता है।
इस भाव के मंगल से व्यक्ति के जीवन में धन की विशेष हानि , दुर्घटनाएं, घात , सर दर्द , आधासीसी, रक्त विकार , गुप्त व यौन रोग से पीड़ा, जेल यात्रा , व्यभिचारी , तथा अपराधी जैसे गुण आने की सम्भावना होती है।
इस भाव के मंगल की एक विशेषता ये भी होती है कि बारहवां भाव जीवनसाथी अर्थात सातवें भाव से छठा होने के कारण सातवें से शत्रु की पूर्ण भूमिका निभाता है। बारहवें भाव में अन्यत्व के गुण भी होते है। यहाँ का मंगल ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाता है जो होता तो दूसरा है, परन्तु समय के साथ वो अपना बन जाता है। उसकी वजह से परिवार बिखर जाता है। इस व्यक्ति पति की प्रेमिका या पत्नी का प्रेमी भी हो सकता है। यह मंगल व्यक्ति के शय्या सुख में कमी करता है। यदि शुक्र से सम्बन्ध हो तो यह सुख वासना में बदल जाता है। इसके लिए व्यक्ति भटकता रहता है।
मंगल के बारहवें भाव में बैठने से भी मांगलिक योग बनता है। कुंडली के इस भाव से व्यय , शय्या सुख, निद्रा, त्याग, व यात्रा का विचार किया जाता है। मंगल इस भाव में बैठ कर तीसरे भाव , छठे भाव , और सातवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है। इसके कारण व्यक्ति के पराक्रम और परिश्रम में कमी होती है अथवा परिश्रम व्यर्थ जाता है। रोग तथा शत्रुओं में बढ़ोतरी होती है। जीवनसाथी से सम्बन्धों तनाव लाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति क्रूर स्वभाव वाला , नेत्र रोगी, विरोधी , व्यभिचारी , निद्रा पीड़ित ,हो जाता है। परन्तु यदि सूर्य का साथ हो तो व्यक्ति प्राणी विज्ञान अथवा वनस्पति विज्ञान का विद्वान् बनता है।
इस भाव के मंगल से व्यक्ति के जीवन में धन की विशेष हानि , दुर्घटनाएं, घात , सर दर्द , आधासीसी, रक्त विकार , गुप्त व यौन रोग से पीड़ा, जेल यात्रा , व्यभिचारी , तथा अपराधी जैसे गुण आने की सम्भावना होती है।
इस भाव के मंगल की एक विशेषता ये भी होती है कि बारहवां भाव जीवनसाथी अर्थात सातवें भाव से छठा होने के कारण सातवें से शत्रु की पूर्ण भूमिका निभाता है। बारहवें भाव में अन्यत्व के गुण भी होते है। यहाँ का मंगल ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाता है जो होता तो दूसरा है, परन्तु समय के साथ वो अपना बन जाता है। उसकी वजह से परिवार बिखर जाता है। इस व्यक्ति पति की प्रेमिका या पत्नी का प्रेमी भी हो सकता है। यह मंगल व्यक्ति के शय्या सुख में कमी करता है। यदि शुक्र से सम्बन्ध हो तो यह सुख वासना में बदल जाता है। इसके लिए व्यक्ति भटकता रहता है।
Mars in the twelfth house - Manglik Yoga
Even sitting in
the twelfth house of Mars makes the Manglik Yoga. With
this sense of horoscope, the thought of expenditure, bed-pleasures, sleep,
renunciation, and travel is considered. Mars,
sitting in this house, sees the third house, the sixth house, and the seventh
house with full vision. Due
to this, there is a decrease in the power and hard work of the person or hard
work is wasted. There
is an increase in disease and enemies. Relations with the spouse brings
stress With
this effect, the person becomes cruel, eye-patient, anti-adultery, sleepy
sufferer. But
if the sun is joined then the person becomes a scholar of zoology or botany.
From Mars to this
place, there is a possibility of special properties of wealth, accidents,
death, headache, migraines, blood disorders, confidential and sexually
transmitted diseases, prison trips, adulterous and criminal.
One feature of
this sense of Mars is also that the 12th place is playing the full role of the
enemy from the seventh due to the life partner, who is the sixth from the
seventh place. The
twelfth side also has the properties of untouchability. Here
Mars plays the role of a person who would have been second, but with time he
becomes his own. Because
of this the family gets scattered. This
person may also be a lover of husband's girlfriend or wife. This Mars reduces the bed
pleasures of the person. If there is a
relation with Venus then this happiness turns into lust. For this, the person wanders.