चौथे भाव में मंगल - मांगलिक योग - Mars in the forth house - Manglik Yoga:-
कुंडली में चौथा भाव भूमि, भवन, वाहन, माता, सुख, का कारक होता है, इन सभी बातों का विचार चौथे भाव से किया जाता है। इसके साथ ही ख़ुशी, गृहस्थी, रिश्तेदार व जनता का प्रतिनिधित्व का भी विचार किया जाता है। मंगल इस भाव में बैठ कर अपनी पूर्ण दृष्टि से सातवें , दसवें, तथा ग्यारहवें भाव को देख रहा है। इस भाव में मंगल अशुभ माना जाता है तथा कुंडली में मांगलिक योग बनाता है। परन्तु बेनामी सम्पत्ति या अचल सम्पत्ति के लिए यह शुभ है।
कुछ विद्वान् इसे अधिक प्रभावी नही मानते। परंतु मेरे अनुसार तो जहर कितना भी हो जहर ही होता है। जहर की एक बूँद भी मृत्यु का कारण बन सकती है। इस भाव का मंगल वैवाहिक जीवन में तो कटुता लाता ही है, साथ ही मंगल की दृष्टि वाले भाव - सातवां भाव जीवनसाथी , दसवां भाव कार्य क्षेत्र , तथा ग्यारहवा भाव आय का है। इनमे भी अशुभता प्राप्त होती है।
मंगल यहाँ बैठकर परिवार के सुख में कमी करता है, विचारों में मतभेद होते है, जीवनसाथी से यौन सुख में कमी करता है, यौन रोग देता है, विवाह में देरी करवाता है कर्म की हानि करता है, आय को नुकसान पहुँचाता है। माता को कष्ट होता है, पिता का स्वभाव क्रोधी होता है , जीवनसाथी का स्वभाव भी क्रोधी हो जाता है। यदि सातवें भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि हो तो जीवन नरक के समान बन जाता है। यदि सूर्य की दृष्टि हो तो तलाक तक की स्थिति आ जाती है।
कुंडली में चौथा भाव भूमि, भवन, वाहन, माता, सुख, का कारक होता है, इन सभी बातों का विचार चौथे भाव से किया जाता है। इसके साथ ही ख़ुशी, गृहस्थी, रिश्तेदार व जनता का प्रतिनिधित्व का भी विचार किया जाता है। मंगल इस भाव में बैठ कर अपनी पूर्ण दृष्टि से सातवें , दसवें, तथा ग्यारहवें भाव को देख रहा है। इस भाव में मंगल अशुभ माना जाता है तथा कुंडली में मांगलिक योग बनाता है। परन्तु बेनामी सम्पत्ति या अचल सम्पत्ति के लिए यह शुभ है।
कुछ विद्वान् इसे अधिक प्रभावी नही मानते। परंतु मेरे अनुसार तो जहर कितना भी हो जहर ही होता है। जहर की एक बूँद भी मृत्यु का कारण बन सकती है। इस भाव का मंगल वैवाहिक जीवन में तो कटुता लाता ही है, साथ ही मंगल की दृष्टि वाले भाव - सातवां भाव जीवनसाथी , दसवां भाव कार्य क्षेत्र , तथा ग्यारहवा भाव आय का है। इनमे भी अशुभता प्राप्त होती है।
मंगल यहाँ बैठकर परिवार के सुख में कमी करता है, विचारों में मतभेद होते है, जीवनसाथी से यौन सुख में कमी करता है, यौन रोग देता है, विवाह में देरी करवाता है कर्म की हानि करता है, आय को नुकसान पहुँचाता है। माता को कष्ट होता है, पिता का स्वभाव क्रोधी होता है , जीवनसाथी का स्वभाव भी क्रोधी हो जाता है। यदि सातवें भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि हो तो जीवन नरक के समान बन जाता है। यदि सूर्य की दृष्टि हो तो तलाक तक की स्थिति आ जाती है।
Mars in fourth house - Manglik Yoga:-
Fourth house in the horoscope is the
factor of land, building, vehicle, mother, happiness, all these things are
considered from the fourth house. Along
with this, happiness, family, relatives and public representation is also
considered. Mars
is sitting in this feeling and seeing his seventh, tenth, and eleventh sense
with his full vision. In
this sense Mars is considered inauspicious and creates a mangal yoga in the
horoscope. But it is
auspicious for Anonymous property or immovable property.
Some scholars
consider it to be more effective. But according to me, poison is as much poison
as possible. A drop of poison can also cause death. Mars of this place brings a
bit of bitterness in marital life, as well as the vision of Mars - the seventh
house life partner, the tenth house of the work area, and the
eleventh house is of income. They also get inauspiciousness.
Mars decreases in
the happiness of the family by sitting here, differences in thoughts,
decreasing sexual pleasures from life partner, giving sexual dysfunction,
delaying marriage, harming karma, damages the income. The
mother is suffering, the nature of the father is angry, the nature of the
spouse also becomes angry. If
there is a sight of a sinful planet on the seventh house then life becomes like
hell. If there is a
sight of the sun, then the condition of divorce is reached.