सातवें भाव में मंगल :- मांगलिक योग / Mars in the seventh house: - Manglik Yoga
सातवें भाव से मुख्य रूप से जीवनसाथी के विषय में विचार किया जाता है। उसमे जीवनसाथी से प्राप्त सुख, उसके आचार - विचार , शारीरिक स्वरूप , तथा स्वभाव के बारे में पता लगता है। इस भाव में मंगल होने से व्यक्ति मांगलिक होता है। मंगल इस भाव में बैठ कर दसवें भाव अर्थात कार्य क्षेत्र , पहले भाव अर्थात शरीर , स्वभाव , तथा दूसरे भाव अर्थात धन व कुटुंब भाव पर दृष्टि डालता है। मंगल के कारण इन भावों से सम्बन्धित क्षेत्रों में अशुभ फल प्राप्त होते है। इसमें सबसे अधिक अशुभता जीवनसाथी के विषय में प्राप्त होती है। इसमें मंगल चाहे लड़के की कुंडली में हो या लड़के की कुंडली में हो , फल एक जैसा ही मिलता है। यदि लड़के की कुंडली में सातवें भाव में मंगल हो तो उसके अपनी पत्नी से मतभेद होंगे। इसके साथ ही यदि मंगल - मेष, सिंह, वृश्चिक , मकर , व कुम्भ राशि में हो तो दो विवाह होने की सम्भावना होती है, चाहे लड़के की कुंडली में हो या लड़की की कुंडली में , परिणाम समान ही रहेगा।
यदि मंगल मिथुन, सिंह, कन्या, धनु , मकर, व वृश्चिक राशि में हो तो जातक क्रोधी, घमंडी, दुराचारी, चरित्रहीन , होता है. सातवें, तथा आठवें, भाव का मंगल बहुत कष्ट देने वाला होता है, सातवें भाव का मंगल अन्य पाप ग्रहों की अपेक्षा अधिक अशुभ माना जाता है। यदि मंगल का किसी अन्य पाप ग्रह के साथ कैसा भी सम्बन्ध हो जाये तो इसका अशुभ प्रभाव और भी ज्यादा हो जाता है।
Mars in the seventh house: - Manglik Yoga
सातवें भाव से मुख्य रूप से जीवनसाथी के विषय में विचार किया जाता है। उसमे जीवनसाथी से प्राप्त सुख, उसके आचार - विचार , शारीरिक स्वरूप , तथा स्वभाव के बारे में पता लगता है। इस भाव में मंगल होने से व्यक्ति मांगलिक होता है। मंगल इस भाव में बैठ कर दसवें भाव अर्थात कार्य क्षेत्र , पहले भाव अर्थात शरीर , स्वभाव , तथा दूसरे भाव अर्थात धन व कुटुंब भाव पर दृष्टि डालता है। मंगल के कारण इन भावों से सम्बन्धित क्षेत्रों में अशुभ फल प्राप्त होते है। इसमें सबसे अधिक अशुभता जीवनसाथी के विषय में प्राप्त होती है। इसमें मंगल चाहे लड़के की कुंडली में हो या लड़के की कुंडली में हो , फल एक जैसा ही मिलता है। यदि लड़के की कुंडली में सातवें भाव में मंगल हो तो उसके अपनी पत्नी से मतभेद होंगे। इसके साथ ही यदि मंगल - मेष, सिंह, वृश्चिक , मकर , व कुम्भ राशि में हो तो दो विवाह होने की सम्भावना होती है, चाहे लड़के की कुंडली में हो या लड़की की कुंडली में , परिणाम समान ही रहेगा।
यदि मंगल मिथुन, सिंह, कन्या, धनु , मकर, व वृश्चिक राशि में हो तो जातक क्रोधी, घमंडी, दुराचारी, चरित्रहीन , होता है. सातवें, तथा आठवें, भाव का मंगल बहुत कष्ट देने वाला होता है, सातवें भाव का मंगल अन्य पाप ग्रहों की अपेक्षा अधिक अशुभ माना जाता है। यदि मंगल का किसी अन्य पाप ग्रह के साथ कैसा भी सम्बन्ध हो जाये तो इसका अशुभ प्रभाव और भी ज्यादा हो जाता है।
Mars in the seventh house: - Manglik Yoga
The seventh house
is mainly considered for a life partner. It
seems to know about the pleasures, the conduct, the physical body, and nature
of the life partner. Being a Mangal (mars) in this sense, the person is mangal.
In this sense,
the tenth house (the work area), sitting in Mars in the sense, puts a vision on
first thoughts, body, nature, and other values ie wealth and family. Due
to Mars these areas get inauspicious results in the respective areas. In this,
the most inauspicious life partner is received. Whether
it is in the boy's horoscope or in the girl's horoscope, the results get
similar. If
there is a Mars in the seventh house in the horoscope of the boy, then there
will be differences with his wife. Along
with this, there is possibility of having two marriages in Mangal - Aries, Leo,
Scorpio, Capricorn and Aquarius, whether in the boy's horoscope or in the
horoscope of the girl, the result will remain the same.
If Mars is in
Gemini, Lion, Virgo, Sagittarius, Capricorn, and Scorpio, then the person is
grumpy, arrogant, mischievous, characterless. The seventh, and eighth, the Mars
is very distressing, the Mars of the seventh house is considered more unlucky
than other sinful planets. If any other sin of Mars is related to the planet,
then its inauspicious effect becomes even more intense.