यह सूर्यदेव से संबंधित उपाय है। इसे लड़का और लड़की दोनों ही कर सकते है। सूर्य भगवान की पूजन से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती है। अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। यह उपाय शुक्ल पक्ष के रविवार से आरम्भ करना चाहिए। इस दिन प्रातः स्नान करके ताम्बे के पात्र में शुद्ध जल भर लें। उसमें एक चुटकी रोली - चावल तथा लाल फूल डाल लें। फिर उगते सूर्य को प्रणाम करते हुए प्रार्थना करें कि हे सूर्यदेव , मैं अपने शीघ्र विवाह हेतु तथा अच्छा पति या पत्नी प्राप्ति हेतु आपकी पूजन कर रहा या रही हूँ। इसमें मुझे सफलता प्रदान करते हुए मेरी मनोकामना पूर्ण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और चरणामृत लें। अर्घ्य हेतु नीचे एक बड़ा पात्र रख ले। ताकि अर्घ्य का जल जमीन पर नहीं गिरकर पात्र में आ जायेगा। फिर फर्श पर लाल आसन बिछा कर सूर्यदेव की तरफ मुख करके इस मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें-
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्रकिरणाय।
मम वाञ्छितम देहि देहि स्वाहा।।
मंत्र जाप करने के बाद सूर्यदेव को प्रणाम करके उठ जाये। अर्घ्य वाले जल को या तो घर में लगे पौधों में डाल दें या मंदिर के पीपल वृक्ष में विसर्जित कर दें। इस दिन दूध , चावल पर चीनी से बना भोजन करें। नमक का उपयोग न करें. पूरे दिन सात्विक रहें। क्रोध से दूर रहते हुए मर्यादा में रहें। फिर प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें। मंत्र जाप रविवार को करें। यदि प्रतिदिन कर सकें तो ज्यादा अच्छा है। सूर्यदेव की कृपा से जल्दी ही आपके विवाह की बात चलने लगेगी।
विशेष - यह प्रयोग लड़के भी कर सकते है। जिनका बहुत प्रयास के बाद भी विवाह नहीं हो रहा हो। ये अर्घ्य देने के बाद यदि सम्भव हो तो बाएं पाँव पर खड़े होकर मंत्र जाप करने का प्रयास करें। यदि नहीं हो तो आसन पर बैठ कर जाप कर सकते है।