रत्न पहनने का प्रचलन प्राचीन काल से
ही चल रहा
है।
सम्पन्न लोग महंगे
से महंगे रत्न
धारण करते है।
लेकिन इन रत्नों
का संबंध ग्रह के शुभाशुभ
प्रभाव को बढ़ाने के
कारण इनकी माँग
और भी ज्यादा
बढ़ गई है।
परन्तु सभी व्यक्ति
इतने सक्षम नहीं
होते कि वे
ग्रह के
आधिकारिक महंगे रत्न पहन सकें। हमारे ऋषि मुनियों
ने प्राचीन काल
से में ही
ग्रह- राशियों के
आधिकारिक वृक्ष उनके गुण
देखकर निर्धारित किये
थे। प्रारम्भ
में सभी लोगों
को महंगे रत्न
उपलब्ध नहीं होते
थे। तब वे
पेड़ की जड़
धारण करते थे।
आज भी कुछ
मूर्धन्य सज्जन वृक्ष की
जड़ को रत्नों
की जगह अपनाते
है। रत्नों की
तरह ही पेड़
की जड़ भी
पूर्ण लाभ देती
है।
वृक्ष की जड़
पहनने के लिए
आपको अपने जन्म नाम की राशि का पता
होना चाहिए। और
अपनी राशि के
स्वामी ग्रह का
भी ज्ञान होना
चाहिए। नीचे सारणी
में आपको ग्रह
और राशि के
साथ आधिकारिक वृक्ष की जड़
का विवरण दिया
जा रहा है
-
राशि ----ग्रह
---- वृक्ष
मेष ------- मंगल---खदिर
वृष---------शुक्र ---- गूलर
मिथुन------बुध-----अपामार्ग
कर्क -------चंद्र
-----पलाश
सिंह--------सूर्य
-----आक
कन्या-------बुध ----अपामार्ग
तुला--------शुक्र
----गूलर
वृश्चिक------मंगल---खदिर
धनु--------- गुरु ----पीपल
मकर--------शनि---शमी
कुम्भ--------शनि
---शमी
मीन --------गुरु
-- -पीपल