Wednesday, 1 September 2021

Shukra ka tula rashi me gochar aapke liye kaisa rahega ? शुक्र का तुला राशि में गोचर आपके लिए कैसा रहेगा ? जानिए इस लेख में

Posted by Dr.Nishant Pareek

Shukra ka tula rashi me gochar aapke liye kaisa rahega ?


शुक्र का तुला राशि में गोचर आपके लिए कैसा रहेगा ? जानिए इस लेख में 

                 विलासिता का कारक, महान ग्रह शुक्र 5 सितंबर की मध्यरात्रि 12ः50 मिनट पर अपनी नीच राशि कन्या कन्या से निकलकर स्वयं की राशि तुला में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि पर ये 2 अक्टूबर प्रातः 9ः46 मिनट तक रहेंगे उसके बाद वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जिन जातकों की जन्मकुंडलियों में ये केंद्र और त्रिकोण में भ्रमण कर रहे होंगे उनके लिए तो किसी वरदान से कम नहीं है। अपनी राशि में पहुंचकर ये पञ्चमहापुरुष योगों में से महान मालव्य योग का निर्माण करेंगे। जिनकी जन्मकुंडली में अशुभ भाव में रहेंगे उनको शुभ फल कम मिलेंगे। 

शुक्र विलासितापूर्ण जीवन, ऐश्वर्य, जैविक संरचना, फिल्म उद्योग, स्त्री जाति, कॉस्मेटिक, केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में उच्चपद दिलाने वाले ग्रह हैं। ये वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। कन्या राशि इनकी नीच राशि तथा मीन राशि उच्च राशिगत संज्ञक है। तुला राशि में इनके प्रवेश का अन्य राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।


 मेष- 

  इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके सातवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह स्त्रियों के कारण उत्पन्न हुई परेशानियों के समय का द्योतक है । स्त्रियों के साथ किसी भी मुकदमेबाजी से दूर रहें व पत्नी के साथ मधुर सम्बन्ध बनाएं रखें । यह ऐसी महिलाओं के लिए विशेष रुप से अस्वस्थता का समय है जिनकी जन्मपत्री में शुक्र सातवें भाव में है । आपकी पत्नी अनेक स्त्री रोगों, शारीरिक पीड़ा, मानसिक तनाव आदि से ग्रसित हो सकती हैं ।  धन की दृष्टि से भी समय अच्छा नहीं है । वित्तीय नुकसान न हो अतःस्त्रियों के सम्पर्क से बचें ।  आपको यह आीास भी होसकता है कि कुछ दुष्ट मित्र आपका अनिष्ट करने की चेष्टा कर रहे हैं। व्यर्थ की महिलामंडली के साथ उलझाव संताप का कारण बन सकता है । यह भी संभावना है कि किसी महिला से सम्बन्धित झगड़े में पड़कर आप नए शत्रु बना लें ।  इस समय आपके मानसिक तनाव, अवसाद व क्रोध से ग्रसित होने की संभावना है । स्वास्थ्य का ध्यान रखें क्योंकि आप यौन रोग, मूत्र-नलिका में विकार अथवा दूसरे छोटे-मोटे रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं ।  व्यावसायिक रुप में भी यह समय सुचारु रुप से कार्य - संचालन का नहीं है । दुष्ट सहकर्मियों से दूर रहें क्योंकि वे उन्नति के मार्ग में रोड़े अटका सकते हैं । आपको अपने उच्च पदाधिकारी द्वारा सम्मान प्राप्त हो सकता है । 



वृष-

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके छठे भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह गोचर आपके लिए कुछ कठिन समय ला सकता है । आपके प्रयासों में अनेक परेशानियाँ आ सकती हैं । शत्रुओं के बढ़ने की संभावना है और आपका अपने व्यावसायिक साझेदार से झगड़ा हो सकता है । यह भी संभव है कि आपको अपनी इच्छा के विरुद्ध शत्रुओं से समझौता करना पड़े ।  इस दौरान पत्नी व बच्चों से किसी भी प्रकार के विवाद से बचें । आपको यह भी सलाह दी जाती है कि लम्बी यात्रा से बचें क्योंकि दुर्घटना की संभावना है । स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि आप रोग, मानसिक बेचैनी, भय तथा असमय यौन इच्छा से ग्रसित हो सकते हैं ।  समाज में प्रतिष्ठा व कार्यालय में सम्मान बनाए रखने का इस समय भरसक प्रयास करें नहीं तो आपको अपमान, व्यर्थ के विवाद व मुकदमेबाजी झेलना पड़ सकता है ।


मिथुन-

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके पाँचवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह अधिकांश समय आमोद - प्रमोद में व्यतीत होने का सूचक है । वित्तीय रुप में भी यह अच्छा समय है क्योंकि आप अपने धन में वृद्धि कर सकेंगे ।  यदि आप राजकीय विभाग द्वारा आयोजित किसी परीक्षा में परीक्षार्थी हैं तो बहुत करके आपको सफलता मिलेगी ।  यदि सेवारत हैं तो पदोन्नति की संभावना है । आप सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि की भी आशा रख सकते हैं । आपके मित्रों, आपके बड़ों व अध्यापकों की भी आप पर कृपा दृष्टि रहेगी व आपके प्रति अच्छे रहेंगे ।  सम्बन्धों के मधुरता से निर्वाह होने की आशा है और अपने प्रिय के साथ अत्यधिक उत्तेजना व जोशीला परिणय रहने की आशा है । आप दाम्पत्य जीवन के सुख अथवा किसी विशेष विपरीत लिंग वाले से शारीरिक सम्पर्क की आशा कर सकते हैं । आप परिवार के किसी नए सदस्य से मिल सकते हैं । यहाँ तक कि नए व्यक्ति को परिवार में ला सकते हैं ।  इस समय स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा । इस अवधि में आप अच्दे भोजन का आनन्द उठाएँगे, धन लाभ होगा और जिन वस्तुओं की आपने कामना की थी वे मिलेंगी । 


कर्क- 

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके चतुर्थ भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह अधिकतर वित्तीय वृद्धि का द्योतक है । आप समृद्धि बढ़ने की आशा कर सकते हैं । यदि आप कृषि व्यवसाय में है तो यह कृषि संसाधनों, उत्पादों आदि पा लाभ मिलने के लिए अच्छा समय हो सकता है ।  घर में आपका बहुमूल्य समय पत्नी/पति व बच्चों के साथ महत्तवपूर्ण विषयों पर बातचीत करने में व्यतीत होने की संभावना है । साथ ही आप बढ़िया भोजन, उत्तम शानदार वस्त्र व सुगंधियों का आनन्द उठाएँगे ।  सामाजिक जीवन घटनाओं से परिपूर्ण रहेगा । आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी व नए मित्र बनने की संभावना है । आपके नए - पुराने मित्रों का साथ सुखद होगा और आप घर से दूर आमोद - प्रमोद में कुछ आनन्दमय समय बिताने के बारे में सोच सकते हैं । इसमें विपरीत लिंग वालों के साथ का आनन्द उठाने की भी संभावना है ।  स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप अपने भीतर शक्ति महसूस करेंगे । इस विशेष समय में ऐशोआराम के उपकरण खरीदने के विषय में आप सोच सकते हैं ।


सिंह- 

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके तृतीय भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह आपके लिए सुख व संतोष का सूचक है । आप अपनी विवित्तीय स्थिति में लगातार वृद्धि की आशा व वित्तीय सुरक्षा की भी आशा कर सकते हैं ।  व्यवसाय की दृष्टि से यह समय अच्छा होने की संभावना है व आप पदोन्नति की आशा कर सकते हैं । आपको अधिक अधिकार प्राप्त हो सकते हैं । आपको आपके प्रयासों का लाभ भी मिल सकता है ।  सामाजिक दृष्टि से भी समय सुखद है और आपके अपनी चिन्ताओं व भय पर विजय पा लेने की आशा हैं । आपके सहयोगी व परिचातों का रवैया सहयोगपूर्ण व सहायतापूर्ण रहेगा । इस विशेष समय में मित्रों का दायरा बढ़ने की व शत्रुओं पर विजय पाने की संभावना है ।  अपने स्वयं के परिवार से आपका तालमेल अच्छा रहेगा और आपके भाई - बहनों का समय भी आपके साथ आनन्दपूर्वक व्यतीत होगा । आप इस समय अच्छे वस्त्र पहनेंगे व बहुत बढ़िया भोजन ग्रहण कर सकते हैं । आपकी धर्म में रुचि बढ़ेगी व एक मांगलिक कार्य आपको आल्हादित कर सकता है ।  स्वास्थ्य के अच्छे रहने की संभावना है । यदि विवाह योग्य है तो विवाह के सम्बन्ध में सोच सकते हैं क्योंकि यह समय आदर्श साथी खोजना का है । आपमें से कुछ परिवार में नए सदस्य के आगोचर की आशा कर सकते हैं ।  फिर भी संभव है यह समय इतना अच्छा न हो । आपमें से कुछ को व्यापार में वित्तीय हानि होने का खतरा है । शत्रु भी इस समय समस्याएँ पैदा कर सकते हैं । हर प्रकार के विवाद व गलतफहमियों से दूर रहें ।


कन्या-    

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके द्वितीय भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह आर्थिक लाभ का समय है । इसके अतिरिक्त यह समय जीवनसंगी व परिवार के साथ अत्यंत मंगलमय रहेगा । यदि आप पर लागु हो तो परिवार में नए शिशु के आने की आशा की जा सकती है ।  आर्थिक रुप से आप सुख - चैन की स्थिति में होंगे व आपके परिवार की समृद्धि में निरन्तर वृद्धि की आशा है । व्यक्तिगत रुप से आप बहुमूल्य पोशाक व साथ के सारे साज सामान जिनमें बहुमूल्य रत्न भी शामिल हैं । अपने स्वयं के लिए क्रय कर सकते हैं । कला व संगीत में आपकी रुचि बढ़ेगी । आप उच्च पदाधिकारियों अथवा सरकार से अनुग्रह की आशा कर सकते हैं ।  स्वास्थ्य बढ़िया रहने की आशा है साथ ही सौंदर्य में भी वृद्धि हो सकती है


तुला-         

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके प्रथम भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह आपके लिए भौतिक व ऐन्द्रिक भो विलास सुख का सूचक है । आप व्यक्तिगत जीवन में अनेक घटनाओं की आशा कर सकते हैं । यदि आप अविवाहित हैं तो आपको आदर्श साथी मिलेगा । आपमें से कुछ परिवार में ए कनए सदस्य के आने की आशा भी कर सकते हैं । सामाजिक रुप से नए लोगों से मिलने व विपरीत लिंग वालों का साथ पाने हेतु यह अच्छा समय है । समाज में आपको सम्मान मिलने व प्रतिष्ठा बढ़ने की संभावना है । आपको सुस्वादु देशी-विदेशी बढ़िया भोजन का आनन्द उठाने के ढ़ेर सारे अवसर मिलेंगे । इस दौरान जीवन को और ऐश्वर्ययुक्त व मादक बनाने हेतु आपको वस्तुएँ व अन्य उपकरण उपलब्ध होंगे । आप वस्त्र, सुगन्धियाँ (छत्रादि), सौंदर्य प्रसाधन व वाहन का भी आनन्द उठा सकते हैं ।  वित्तीय दृष्टि से यह समय निर्विघ्न है । आपकी आर्थिक दशा में भी सुधार होगा ।  यदि आप विद्यार्थी हैं तो ज्ञानोपार्जन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने हेतु यह उत्तम समय है ।  आप इस समय विशेष में शत्रुओं के विनाश की आशा कर सकते हैं । ऐसे किसी भी प्रभाव से बचें जो आपमें नकारात्मक आक्रोश जगाए । 


 वृश्चिक-              

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके बारहवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह जीवन में प्रिय व अप्रिय दोनों प्रकार की घटनाओं के मिश्रण का सूचक है । एक ओर जहाँ इस दौरान वित्तीय लाभ हो सकता है वहीं दूसरी ओर धन व वस्त्रों की अप्रत्याशित हानि भी हो सकती है । यह अवधि विदेश यात्रा पर पैसे की बर्बादी व अनावश्यक व्यय की भी द्योतक है ।  इस समय आप बढ़िया वस्त्र पहनेंगे जिनमें से कुछ खो भी सकते हैं । घर में चोरी के प्रति विशेष सतर्कता बरतें ।  यह समय दाम्पत्य सुख भोगने का भी है । यदि आप अविवाहित हैं तो विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के साथ सुख भोग सकते हैं ।  मित्र आपके प्रति सहयोग व सहायता का रवैया अपनाएँगे व उनका व्यवहार अच्छा होगा ।  नुकीले तेज धार वाले शस्त्रों व संदेहात्मक व्यतियों से दूर रहें । यदि आप किसी भी प्रकार से कृषि उद्योग से जुड़े हुए हैं तो विशेष ध्यान रखें क्योंकि इस समय आपको हानि हो सकती है । 


धनु- 

इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके ग्यारहवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह मूल रुप से वित्तीय सुरक्षा व ऋण से मुक्ति का द्योतक है । आप अपनी अन्य आर्थिक समस्याओं के समाधान की भी आशा कर सकते हैं ।  यह समय आपके प्रयासों में सफलता प्राप्त करने का है । आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी व प्रतिष्ठा निरन्तर ऊपर की ओर उठेगी ।  आपका ध्यान भौतिक सुख, भोग - विलास के साधन व वस्तुएँ, वस्त्र, रत्न व अन्य आकर्षक उपकरणों की ओर रहने की संभावना है । आप स्वयं का घर लेने के विषय में भी सोच सकते हैं ।  सामाजिक रुप से यह समय सुखद रहेगा । मान - सम्मान में वृद्धि होगी तथा मित्रों का सहयोग मिलता रहेगा ।  विपरीत लिंग वालों के साथ सुखद समय व्यतीत होने की आशा कर सकते हैं । यदि विवाहित है तो दाम्पत्य जीवन में परमानन्द प्राप्त होने की आशा रख सकते हैं । 


मकर- 

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके दसवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह समय मानसिक संताप, अशान्ति व बेचैनी लेकर आया है । इस दौरान शारीरिक कष्ट भोगना पड़ेगा । धन के विषय में विशेष सतर्क रहें तथा ऋण लेने से बचें क्योंकि इस पूरे समय आपकी ऋण में डूबे रहने की संभावना है । शत्रुओं से सावधान रहें तथा अनावश्यक व्यर्थ के विवाद से दूर रहें क्योंकि इससे कलह बढ़ सकता है व शत्रुओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है । समाज में बदनामी व तिरस्कार न हो, इसके प्रति सचेत रहें ।  अपने सगे सम्बन्धियों व महिलाओं के प्रति व्यवहार में विशेष सतर्कता बरतें क्योंकि मूर्खतापूर्ण गलतफहमी शत्रुओं की संख्या बढ़ा सकती है । अपने वैवाहिक जीवन में स्वस्थ संतुलन बनाए रखने हेतु अपनी पत्नी/पति से विवाद से दूर ही रहें ।  आपको अपने उच्चाधिकारी अथवा सरकारजनित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । अपने समस्त कार्यों को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने हेतु आपको अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ सकता है ।


कुम्भ- 

    इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके नवम् भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह आपकी मंजूषा में नए वस्त्र संचित करने का सूचक है । इसके अतिरिक्त यह शारीरिक व भौतिक सुख व आनन्द का परिचायक है ।  वित्तीय लाभ व मूल्यवान आभूषणों का उपभोग भी इस समय की विशेषता है । व्यापार अबाध गति से चलेगा व संतोषजनक लाभ होगा ।  यह समय शिक्षा में सफलता भी इंगित करता है । स्वास्थ्य अच्छा रहेगा ।  घर परिवार में आपको भाई - बहनों का सहयोग व स्नेह पहले से भी अधिक मिलेगा । आपके घर कुछ मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे और यदि अविवाहित हैं तो विवाह करने का निर्णय ले सकते हैं । आपको आपका मनपसन्द जीवन साथी मिलेगा जो सौभाग्य लेकर आएगा ।  यह समय सामाजिक गतिविधियों के संचालन का है अतः आपके नए मित्र बनाने की संभावना है । आपको आध्यात्म की राह दिखाने वाला पथ - प्रदर्शक भी मिल सकता है । कला में आपकी अभिरुचि इस दौरान बढ़ेगी । आपके सद्गुणों सत्कृत्यों की ओर स्वतः ही सबका ध्यान आकृष्ट होगा । अतः आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में चार चाँद लगेंगे ।  इस समय मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी व शत्रुओं की पराजय होगी । यदि आप किसी प्रकार के तर्क - वितर्क में लिप्त हैं तो आपके ही जीतने की ही संभावना है । आप इस दौरान लम्बी यात्रा पर जाने का मानस बना सकते हैं । 


मीन-

   इस अवधि में शुक्र चन्द्रमा से आपके आठवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह अच्छे समय का प्रतीक है । इस विशेष समय में आप भौतिक सुख-साधनों की आशा कर सकते हैं तथा पूर्व में आई विपत्तियों पर विजय पा सकते हैं । आप भूमि जायदाद व मकान लेने के विषय में विचार कर सकते हैं ।  यदि आप अविवाहित युवक या युवती हैं तो अच्छी वधू / वर मिलने की आशा है जो सौभाग्य भी लाएगी / लाएगा । आप मनोहारी व सुन्दर महिलाओं का साथ पाने की आशा रख सकते हैं ।  स्वास्थ इस दौरान अच्छा रहेगा ।  यदि आप विद्यार्थी हैं तो और अधिक उन्नति करेंगे । आपकी प्रखरता की ओर सबका ध्यान जाएगा अत: सामाजिक वृत्त में  आपका मान व प्रतिष्ठा बढ़ेगी ।  व्यवसाय हेतु अच्छा समय है । व्यापार व व्यवसाय शुभ - चिन्तकों व मित्रों की सहायता से फूलेगा। किसी राजकीय पदाधिकारी से मिलने की संभावना है 


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