अपने पूर्वजों की तस्वीर यहां न लगाएं वरना होगा बुरा, जानिए कुछ विशेष बातें:-
अपने घर में अपने पूर्वजों के चित्र कहां लगाएं और कहां नहीं लगाएं, इसके बारे में भारतीय वास्तु शास्त्र में उल्लेख मिलता है। गलत स्थान पर उनकी तस्वीर लगाने का अशुभ प्रभाव होता है। अत: अपने पूर्वजों के चित्र आप उचित स्थान पर ही लगाएं। आओ जानते हैं कुछ विशेष बातें-
पूर्वजों की तस्वीर यहां कभी ना लगाएं:-
1.अपने परिवार के पूर्वजों की तस्वीर देवी और देवताओं की तस्वीर के साथ न लगाएं या रखें, क्योंकि देवी या देवता पितरों से बढ़कर होते हैं। ऐसा करने से देवदोष का प्रभाव होता है।
2.अपने पूर्वजों की तस्वीर अपने घर के ब्रह्म अर्थात मध्य स्थान में कभी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे मान-सम्मान की हानि होती है। उत्तर, ईशान और पूर्व दिशा में भी नहीं लगानी चाहिए। क्योकि ये भगवान की पूजा का स्थान है।
3.पितरों की तस्वीर घर में सभी जगह नहीं लगाना चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता है। इससे तनाव बना रहता है।
4. कभी भी मृत लोगों की तस्वीर जीवित लोगों के साथ ना लगाएं इससे नकारात्मकता फैलती है।
5.पूर्वजों की तस्वीर को बैठक, शयनकक्ष और रसोई घर में भी नहीं लगाना जाहिए। इससे पूर्वजों का अपमान होता है और घर में तनाव का माहौल बना रहता है।
6.पितरों की तस्वीर को कभी भी लटकते हुए या झुलते हुए नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि इससे व्यक्ति का जीवन भी लटकता और झुलता रहता है।
यहां लगाएं तस्वीर:-
1. यदि घर में पूजा-पाठ का स्थान ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में है तो पितरों की तस्वीर को पूजा के कमरे में दक्षिण वाली दीवार पर लगा सकते हैं।
1. यदि घर में पूजा-पाठ का स्थान ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में है तो पितरों की तस्वीर को पूजा के कमरे में दक्षिण वाली दीवार पर लगा सकते हैं।
2.हालांकि सामान्य रूप से आप अपने पूर्वर्जों की तस्वीर घर की दक्षिण दीवार पर लगाएं। आप इसे घर का दक्षिण पश्चिम का कोना मान लीजिए। अगर दक्षिण नहीं मिल पा रहा है तो आप पश्चिम के कोने में लगा सकते हैं। मतलब यह कि उनका मुख पूर्व या उत्तर में होना चाहिए।
3.घर के किसी एक ही स्थान पर ही पूर्वजों की तस्वीर लगाएं। वह स्थान ऐसा होना चाहिए तो कि दिशादोष से मुक्त हो।
4.जब भी तस्वीर लगाएं तो तस्वीर के नीचे किसी लकड़ी के गत्ते का सपोट लगाना चाहिए जिससे तस्वीर लटकी या झुलती हुई नजर नहीं आती है।