Thursday 24 October 2019

बुध आ गए है मंगल की राशि वृश्चिक में। ये राशि वाले रहें सावधान।

Posted by Dr.Nishant Pareek





 बुध आ गए है मंगल की राशि वृश्चिक में।  ये राशि वाले रहें सावधान। 

मेष :-
  इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके आठवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह अधिकतर धन व सफलता का प्रतीक है । यह आपके समस्त कार्यों व परियोजनाओं में सफलता दिलाएगा । यह वित्तीय पक्ष में स्थिरता व लाभ का समय है । आपका समाज में स्तर ऊँचा होगा । लोग आपको अधिक सम्मान देंगे व आपकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी ।  इस दौरान जीवन शैली आरामदायक रहेगी । संतान से सुख मिलने की संभावना है । परिवार में शिशु जन्म सुख में वृद्धि कर सकता है । इस विशेष काल में आपकी संतान का संतुष्ट व सुखी रहने का योग है ।  आपमें चैतन्यता व बुद्धिमानी बढ़ेगी । आप अपनी प्रतिभा व अन्तर ज्ञान का सही निर्णय लेने में उपयोग करेंगे  । शत्रु परास्त होंगे व आपके तेज के सामने फीके पड़ जाएँगे । आप इस बार सब ओर से सहायता की आशा कर सकते हैं ।  परन्तु इस सबके बीच आपको स्वास्थ्य की ओर अतिरिक्त ध्यान देना होगा क्योंकि आप बीमार पड़ सकते हैं । खाने-पीने का ध्यान रखें, प्रसन्नचित्त रहें तथा व्यर्थ के भय व उदासी को पास न फटकने दें ।


वृष :-
 इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके सातवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह शारीरिक व मानसिक दृष्टि दोनों से ही कठिन समय है । यह रोग का सूचक है । आपको इस समय शरीर में दर्द व कजमोरी झेलनी पड़ सकती है ।  मानसिक रुप से आप चिंतित व अशान्त अनुभव कर सकते हैं । यह समय मानसिक उलझन व परिवार के साथ गलतफहमियाँ भी दर्शाता है । अपनी पत्नी/पति  बच्चों से बात करते समय विवाद अथवा परस्पर संचार में कमी न आने दें । ध्यान रखें कि ऐसी स्थिति न आ जाय जो आपको अपमानित होना पड़े या नीचा देखना पड़े ।  अपने प्रयासों में बाधाएँ आपको और अधिक क्षुब्ध कर सकती हैं । यदि आपकी यात्रा की कोई योजना है तो सम्भव है वह कष्टकर हो व वांछित फल न दे पाए ।


मिथुन:-
इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके छठे भाव में होते हुए गोचर करेगा । इस दौरान सकारात्मक व नकारात्मक गतिविधियों का मिश्रण रहेगा । यह विशेष समय व्यक्तिगत जीवन में सफलता, स्थिरता व उन्नति का सूचक है । आपकी योजना व परियोजनाएँ सफलतापूर्वक सम्पन्न होंगी व उनसे लाभ भी प्राप्त होगा । कार्यक्षेत्र में आपके और भी अच्छा काम करने की संभावना है । आप समस्त कार्यों में उन्नति की आशा कर सकते हैं ।  इस समय में समाज में आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी । आपका सामाजिक स्तर बढ़ने की भी संभावना है । स्वास्थ्य अच्छा रहेगा साथ ही मानसिक शान्ति व संतोष अनुभव करने की पूर्ण संभावना है ।  किन्तु फिर भी, आपमें से कुछ के लिए बुध की यह गति शत्रु पक्ष से चिंताएँ व कठिनाइयाँ ला सकती है ।  अपने वित्त का पूरा ध्यान रखें । अपने अधिकारियों से किसी भी प्रकार के विवाद से बचें ।  स्वास्थ्य को जोखिम में डालने वाली हर गतिविधि से बचें । शरीर का ताप इन दिनों कष्ट का कारण बन सकता है । 


कर्क :-
     इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके पाँचवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह आपके व्यक्तिगत जीवन में कष्ट का सूचक है । इस विशेष अवधि में आप अपनी पत्नी, बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों से विवादों के टकराव से बचें । यह ऐसा समय नहीं है कि मित्रों में भी आप हठ कों अथवा अपनी राय दूसरों पर थोपें । अपने प्रियजनों से व्यवहार करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें ।  स्वास्थ्य इस समय चिन्ता का कारण बन सकता है । खाने पर ध्यान दें क्योंकि आप ज्वर अथवा लू लगने से बीमार हो सकते हैं । ऐसे किसी क्रियाकलाप में भाग न लें जिसमें जीवन के प्रति खतरा हो ।  मानसिक रुप से आप उत्तेजित व शक्तिहीन महसूस कर सकते हैं ।  इस समय आप बेचैनी व बदन-दर्द से पीडि़त हो सकते हैं ।  कामकाज में कष्टदायक कठिन परिस्थिति आ सकती है । यदि आप विद्यार्थी हैं तो दृढ़ निश्चयपूर्वक एकाग्रता से पढ़ाई पर ध्यान दें, मन को भटकने न दें । 

  
सिंह :-
          इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके चतुर्थ भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति का सूचक है । व्यक्तिगत रुप से आप अपने जीवन से पूर्णतया संतुष्ट होंगे और हर कार्य, हर उद्यम में लाभ होगा । समाज में आपका स्तर बढ़ेगा व आप सम्मान प्राप्त करेंगे ।  वित्तीय रुप से भी यह अच्छा दौर है और धन व जायदाद के रुप में सम्पत्ति प्राप्त होने का द्योतक है । आपको अपने पति/पत्नी व विपरीत लिंग वालों से लाभ होने की संभावना है ।  घर में यह समय किसी नए सदस्य के आने का सूचक है । आपकी माता आप पर गर्व करे, इसकी भी पूरी संभावना है । आपकी उपस्थिति मात्र से परिवार के सदस्यों को सफलता मिल सकती है ।  आपकी उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त व सज्जन व सुसंस्कृत नए व्यक्तियों से मित्रता होने की संभावना है । 


कन्या :-
 इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके तृतीय भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह आप व आपके अधिकारियों के बीच विषम स्थिति का सूचक है । आपको अपने से वरिष्ठ अधिकारी व अफसर से व्यवहार करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ सकती है । किसी भी ऐसे तर्क से जो विवादपूर्ण है अथवा गलतफहमी को जन्म दे, दूर रहें ।  जाने-पहचाने शत्रुओं से दूर रहें तथा अनजानों के प्रति सावधान रहें । फिर भी यह दौर आपको कुछ न व सुयोग्य मित्र भी दे सकता है जिनकी मित्रता जीवन की एक मूल्य निधि होगी । वित्त को सावधानीपूर्वक खर्च करें क्योंकि धन पर इस समय विशेष ध्यान की आवश्यकता है । धन हाथ से न निकल जाय इसके प्रति विशेष सावधानी बरतें ।  बुध की इस यात्रा में आप विषाद, पुराने तथ्यों को पुन: एकत्रित करने की परेशानी, मानसिक तनाव व प्रयासों में आई अप्रत्याशित रुकावट से कष्ट भोग सकते हैं । 


तुला :-
      इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके द्वितीय भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह आर्थिक लाभ व आय में वृद्धि का द्योतक है । विशेष रुप से उनके लिए जो रत्न व्यवसाय से जुड़े हैं ।  इस समय सफलतापूर्वक कुछ नया सीखने से व ज्ञान अर्जित करने से आपको आनन्द का अनुभव होगा ।  इस काल में अच्छे व्यक्तियों का साथ मिलेगा और सुस्वादु बढि़या भोजन करने के अवसर प्राप्त होंगे ।  यह सब कुछ होतें हुए भी कुछ लोगों के लिए यह विशेष समय कष्ट, समाज में बदनामी व शत्रुओं द्वारा हानि पहुँचाने का हो सकता है । इस काल में आप किसी सम्बन्धी व प्रिय मित्र को भी खो सकते हैं । 


वृश्चिक :-
      इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके प्रथम भाव में होता हुआ गोचर करेगा । इसका जीवन में विपरीत परिणाम हो सकता है । इसमें अधिकतर ऐसी स्थिति आती है जब आपको किसी की इच्छा के विरुद्ध अनचाही सेवा करनी पड़े । इस दौरान आप उत्पीड़न के शिकार हो सकते हैं । ऐसी परिस्थिति में घसीटे जाने से बचें जहाँ मन को दग्ध करने वाले और कोड़ों की तरह बसने वाले दयाहीन शब्द ह्रदय को छलनी कर दें । स्वयं को आगे न लाना व अपना कार्य करते रहना ही स समय उत्तम है ।  अपव्यय के प्रति सचेत रहें क्योंकि यह पैसे की कमी का कारण बन सकता है । ध्यानपूर्वक खर्च करें । आपकी ऐसे कुपात्रों से मित्रता की भी संभावना है जो हानि पहुँचा सकते हैं । अपने निकट वाले व प्रियजनों से व्यवहार करते समय शब्दों का ध्यान रखें । आपमें संवेदनशीलता का अभाव आपके अपने दाएरे में व्यर्थ ही शत्रुता का कारण बन सकता है । मुकदमों व दुर्जनों की संगत से बचें । ऐसा कुछ न करें जिससे आपका महत्तव व गरिमा कम हो । सौभाग्य की निरन्तर आवश्यकता रहती है, उसे बचाए रखें । अपनी शिक्षा व अनुभव का लाभ उठाते हुए जीवन में व्यवधान न आने दें ।  लचीलेपन को अपनाएँ क्योंकि आपकी योजना, परियोजना अथवा विचारों में अनेक ओर के दबाव से भय की आशंका को देखते हुए कुछ अन्तिम समय पर परिवर्तन करने पड़ सकते हैं । यदि आप विदेश में रहते हैं तो कुछ बाधाएँ आ सकती हैं । घर में भी अनुष्ठान सम्पन्न करने में बाधाएँ आ सकती हैं । स्वयं का व परिवार का ध्यान रखें क्योंकि इस दौरान छल-कपट का खतरा हो सकता है । संभव हो तो यात्रा न करें क्योंकि न तो आनन्द आएगा न अभीष्ठ परिणाम निकलेंगे ।


धनु :-
      इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके बारहवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह आपके लिए व्यय का द्योतक है । सुविधापूर्ण जीवन के लिए आपको अनुमानित से अधिक खर्च करना पड़ सकता है। मुकदमेबाजी से दूर रहें क्योंकि यह धन के अपव्यय का कारण बन सकता है । इसके अलावा आपको अपने द्वारा सम्पादित कार्यों को पूर्ण करने के लिए अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ सकता है।  शत्रुओं से सावधान रहें और अपमानजनक स्थिति से बचने के लिए उनसे दूर ही रहें । समाज में अपना मान व प्रतिष्ठा बचाए रखने का प्रयास करें ।  कई कारणों से आप मानसिक रुप से त्रस्त हो सकते हैं । इस समय आपको बेचैनी व चिन्ताओं की आशंका हो सकती है । इस दौर में असंतोष व निराशा के आप पर हावी होने की भी संभावना है ।  आपका खाने से व दाम्पत्य सुखों से मन हटने की भी संभावना है । इन दिनों आप स्वयं को बीमार व कष्ट में महसूस कर सकते हैं ।


मकर :-
इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके ग्यारहवें भाव में होते हुए गोचर करेगा । यह धन लाभ व उपलब्धियों का सूचक है । यह समय आपके लिए धन लाभ लेकर आ सकता है । आप विभिन्न स्त्रोतों से और अधिक आर्थिक लाभ की आशा कर सकते हैं । आपके व्यक्तिगत प्रयास, व्यापार व निवेश आपके लिए और अधिक मुनाफा और अधिक धन लाभ ला सकते हैं । यदि आप सेवारत हैं या व्यवसायी हैं तो इस विशेष समय में आपके और अधिक सफल होने की संभावना है । आप इस दौरान अपने कार्यक्षेत्र में अधिक समृद्ध होंगे ।  स्वास्थ्य अच्छा रहना चाहिए । आप स्वयं में पूर्ण शान्ति अनुभव करेंगे । आप बातचीत व व्यवहार में और भी अधिक विनम्र हो सकते हैं । घर पर भी आप सुख की आशा कर सकते हैं । आपके बच्चे व जीवनसाथी प्रसन्न व विनीत रहेंगे। कोई अच्छा समाचार प्राप्त होने की संभावना है । आप भौतिक सुविधाओं से घिरे रहेंगे ।  सामाजिक दृष्टि से भी यह अच्छा दौर है । समाज आपको और अधिक आदर-सम्मान देगा । आपकी वाक्पटुता व मनोहारी प्रकृति के कारण लोग आपके पास खिंचे चले आएँगे । 



कुम्भ :-
      इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके दसवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह सुख के समय व संतोष का सूचक है । आप प्रसन्न रहेंगे व समस्त प्रयासों में सफलता मिलेगी । व्यावसायिक पक्ष में आप अच्छे समय की आशा कर सकते हैं । आप स्वयं को सौंपे हुए कार्य सफलतापूर्वक नियत समय में सम्पन्न कर सकेंगे ।  यह समय घर पर भी सुख का द्योतक है । आप किसी दिलचस्प व्यक्ति से मिलने की आशा कर सकते हैं । आपमें से कुछ विपरीत लिंग वाले के साथ भावनापूर्ण व्यतीत कर सकते हैं । इस व्यक्ति विशेष से लाभ की भी आशा है ।  वित्तीय दृष्टि से भी यह अच्छा समय है । आपके प्रयासों की सफलता से आपको आर्थिक लाभ मिलेगा व आप और भी लाभ की आशा कर सकते हैं ।  इस अवधि में समाज में आपका स्थान ऊँचा होने की भी संभावना है । आपको सम्मान मिल सकता है व समाज में प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है । समाज में आप अधिक सक्रिय रहेंगे व समाज सुधार कार्य में भाग लेंगे ।  यह समय मानसिक तनाव मुक्ति एवम् शान्ति का सूचक है । शत्रु सरलता से परास्त होंगे व जीवन में शान्ति प्राप्त होने की संभावना है । 


मीन :-
इस अवधि में बुध चन्द्रमा से आपके नवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह रोग व पीड़ा का सूचक है । यह काल विशेष आपके कार्यक्षेत्र में बाधा व रुकावट ला सकता है । कार्यालय में अपना पद व प्रतिष्ठा बनाए रखें । यह भी निश्चित कर लें कि आप कोई ऐसा कार्य न कर बैंठें जो बाद में पछताना पड़े ।  कोई भी नया काम आरम्भ करने से पहले देख लें कि उसमें क्या बाधाएँ आ सकती हैं । अनेक कारणों से मानसिक रुप से आप झल्लाहट, अत्यधिक भार व अस्थिरता का अनुभव कर सकते हैं ।  शत्रुओं से सावधान रहें क्योंकि इस दौरान वे आपको अधिक हानि पहुँचा सकते हैं । परिवार व सम्बन्धियों से विवाद में न पड़ें क्योंकि यह झगड़े का रुप ले सकता है ।  इस दौरान अपने चिड़चिड़े स्वभाव के कारण आप धर्म अथवा साधारण धारणाओं में कमियाँ या गलतियाँ ढ़ूँढ़ सकते हैं । इस समय कार्य सम्पन्न करने हेतु आपको अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ सकता है । परन्तु कार्य रुचिकर न लगना आपको परिश्रम करने से रोक सकता है ।  लम्बी यात्रा से बचें क्योंकि इसके कष्टकर होने की संभावना है व वांछित फल भी नहीं मिलेगा । भोजन में अच्छी आदतों को अपनाएँ साथ ही जीवन में सकारात्मक रवैया अपनावें ।

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