आजकल बच्चों में रात को सोते समय डरने की बीमारी बहुत चल रही है। किसी भी माता पिता से यह बात सुनने को मिल जाएगी। इसमें बच्चा रात को सोते सोते झटके खाता है। कभी जोर जोर से चीखने चिल्लाने लगते है। कभी हाथ पैर मारता है। उठ कर भागने लगता है। आधुनिक माता पिता सोचते है कि हमारे बच्चे को कोई बीमारी हो गई है और वो डॉक्टर को दिखाने पहुंच जाते है। डॉक्टर भी बिना सोचे समझे दवा देने लग जाते है। परन्तु यह कोई बीमारी नहीं है। वास्तविकता ये है कि बच्चे सपने देखते है। और जिस तरह के सपने देखते है , उसी तरह की प्रतिक्रिया करते है। यदि डरावने सपने देखते है तो उनको डर लगने लगता है और वो बाहर भी डरावनी हरकत करने लगते है। फलस्वरूप वह चिल्लाता है , हाथ पैर मारता है। जोर जोर से रोने लगता है। इस प्रकार की क्रिया घर में रोज होने लगती है तो घर के दूसरे लोग भी डरने लगते है। फिर घर के कुछ बड़े बुजुर्ग कहते है कि बच्चे पर ऊपर की हवा का प्रकोप है। या ऊपरी साया है या कोई भूत प्रेत का साया है।
इस परेशानी से निजात पाने के लिए मैं आपको एक सरल उपाय बता रहा हूँ। इसके लिए शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमान जी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक कर किसी कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें अर्थात लॉकेट के रूप में पहना दें। कुछ समय बाद ही बच्चा डरना बंद हो जायेगा।
इस परेशानी से निजात पाने के लिए मैं आपको एक सरल उपाय बता रहा हूँ। इसके लिए शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमान जी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक कर किसी कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें अर्थात लॉकेट के रूप में पहना दें। कुछ समय बाद ही बच्चा डरना बंद हो जायेगा।