प्राचीन काल से ही तांत्रिक साधनाओं का हमारे समाज में विशेष स्थान है। सामान्य व्यक्ति तांत्रिक शब्द से ही डर जाता है। उसे लगता है कि जितनी भी तांत्रिक क्रिया होती है , वह बुरे कामों के लिए की जाती है। यह गलत विचार है। तांत्रिक क्रिया भी एक साधना है। लेकिन यह अन्य साधनाओं से बहुत कठोर होती है। जिसे सामान्य व्यक्ति करने में सक्षम नहीं है। इसलिए तांत्रिक शब्द के साथ अनेक प्रकार के भय तथा अन्धविश्वास जुड़ गए है। तांत्रिक क्रियाओं के दौरान अनेक वस्तुओं का उपयोग किया जाता है। जो साधना की सफलता को निश्चित करते है। ये वस्तुएं बहुत दुर्लभ होती है। आज भी इन वस्तुओं का विभिन्न क्रियाओं में प्रयोग किया जाता है।
गोमती चक्र - तंत्र क्रिया में गोमती चक्र का बहुत महत्व है। यह गोमती नदी में पाये जाने वाले कैल्शियम और पत्थर मिश्रित होते है। इनके एक और सादा उठी हुई सतह होती है और दूसरी तरफ कुछ चक्र होते है। इन्हें लक्ष्मी जी का प्रतिनिधि माना जाता है।
गोमती चक्र - तंत्र क्रिया में गोमती चक्र का बहुत महत्व है। यह गोमती नदी में पाये जाने वाले कैल्शियम और पत्थर मिश्रित होते है। इनके एक और सादा उठी हुई सतह होती है और दूसरी तरफ कुछ चक्र होते है। इन्हें लक्ष्मी जी का प्रतिनिधि माना जाता है।
- यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती है तो आप शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को किसी पीले रेशमी वस्त्र स्थापित करें। उन सभी पर हल्दी से तिलक करें। और शिव जी का स्मरण करके कपड़े की पोटली बना लें। फिर उसे लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर आकर कहीं बहते जल में प्रवाहित कर दें या किसी सुनसान जगह खड्डा खोदकर गाड़ दें। कुछ ही दिनों में आपकी आर्थिक हानि रुक जाएगी।
- यदि आपके हाथ से खर्चा ज्यादा होता है तो ये उपाय आपके लिए लाभदायक है। शुक्लपक्ष के पहले शुक्रवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र लेकर पीले कपड़े पर स्थापित करें। और माँ लक्ष्मी का स्मरण कर धूप दीप से पूजन करें। अगले दिन उनमे से चार गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक एक गाड़ दें। तीन गोमती चक्र लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें। और बचे चार में से तीन को पूजा स्थल में ही रखा रहने दे। एक को किसी मंदिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें। कुछ ही समय में आपको लाभ मिलने लग जायेगा।