क्या आपके पति बहुत झगड़ालू है ? बहुत गुस्सा करते है ? तो शांत करें उनको इन अचूक उपायों से
हमारे समाज में पति - पत्नी के अधिकतर रिश्ते कठोर स्वभाव के कारण टूटते है। गुस्से की वजह बहुत छोटी होती है, परन्तु वह बढ़ती बढ़ती इतनी बड़ी हो जाती है कि बात तलाक या अलगाव तक पहुँच जाती है। पति के गुस्सा करने के अनेक कारण हो सकते है। उनको घर और बाहर के माहौल में सामंजस्य रखना पड़ता है। घर में पत्नी और माँ के मध्य परस्पर मेलजोल रखना पड़ता है। क्योंकि यदि पत्नी की तरफदारी करे तो माँ नाराज होती है माँ की तरफ बोले तो पत्नी नाराज होती है। इस तरह से व्यक्ति चक्की के दो पाटों के बीच में पिस जाता है। इसके अलावा वे जो व्यापार या नौकरी करते है। उसमें भी उतार चढ़ाव चलते रहते है। उसका दबाव भी उनके दिमाग पर रहता है। जो गुस्से के रूप में पत्नी या बच्चों पर निकलता है। ये जो भी कारण बताये है ये लौकिक और प्रत्यक्ष दिखाई देते है। इनमें पता रहता है कि गुस्सा क्यों आ रहा है। परन्तु कुछ लोग ऐसे होते है जिनका स्वभाव पैदा होने के साथ ही कठोर होता है अर्थात वे बचपन से ही गुस्से वाले होते है। क्योकि उनकी कुंडली में ही ऐसे ग्रह बैठे होते है कि उनको बात - बात पर गुस्सा आता है। इस तरह गुस्सा आने या स्वभाव के कठोर होने के अनेक कारण हो सकते है। परन्तु कारण कोई भी हो , गुस्से का दुष्प्रभाव पूरे परिवार को झेलना पड़ता है। रिश्ता टूटता है तो दो परिवार बर्बाद हो जाते है।
विशेष - किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत रूप से गुस्से का कारण पता करना हो तो वह उस व्यक्ति की कुंडली से ही पता लग सकता है। उसमे जो ग्रह उसके गुस्से का कारण है। उसका उपाय करने से निश्चित रूप से उस व्यक्ति का गुस्सा शांत हो जाता है। क्योकि कुंडली में कारण सटीक पता लग जाता है तो उसका इलाज भी सटीक और अचूक हो जाता है। परन्तु कुछ उपाय ऐसे होते है जो बिना कुंडली देखे भी करें तो उनका भी अच्छा परिणाम मिलता है।
मैं आपको कुछ ऐसे सरल और अचूक उपाय बता रहा हूँ जिनसे आप अपने पति के कठोर स्वभाव को बदलकर शांत स्वभाव में परिवर्तित कर सकती है।
हमारे समाज में पति - पत्नी के अधिकतर रिश्ते कठोर स्वभाव के कारण टूटते है। गुस्से की वजह बहुत छोटी होती है, परन्तु वह बढ़ती बढ़ती इतनी बड़ी हो जाती है कि बात तलाक या अलगाव तक पहुँच जाती है। पति के गुस्सा करने के अनेक कारण हो सकते है। उनको घर और बाहर के माहौल में सामंजस्य रखना पड़ता है। घर में पत्नी और माँ के मध्य परस्पर मेलजोल रखना पड़ता है। क्योंकि यदि पत्नी की तरफदारी करे तो माँ नाराज होती है माँ की तरफ बोले तो पत्नी नाराज होती है। इस तरह से व्यक्ति चक्की के दो पाटों के बीच में पिस जाता है। इसके अलावा वे जो व्यापार या नौकरी करते है। उसमें भी उतार चढ़ाव चलते रहते है। उसका दबाव भी उनके दिमाग पर रहता है। जो गुस्से के रूप में पत्नी या बच्चों पर निकलता है। ये जो भी कारण बताये है ये लौकिक और प्रत्यक्ष दिखाई देते है। इनमें पता रहता है कि गुस्सा क्यों आ रहा है। परन्तु कुछ लोग ऐसे होते है जिनका स्वभाव पैदा होने के साथ ही कठोर होता है अर्थात वे बचपन से ही गुस्से वाले होते है। क्योकि उनकी कुंडली में ही ऐसे ग्रह बैठे होते है कि उनको बात - बात पर गुस्सा आता है। इस तरह गुस्सा आने या स्वभाव के कठोर होने के अनेक कारण हो सकते है। परन्तु कारण कोई भी हो , गुस्से का दुष्प्रभाव पूरे परिवार को झेलना पड़ता है। रिश्ता टूटता है तो दो परिवार बर्बाद हो जाते है।
विशेष - किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत रूप से गुस्से का कारण पता करना हो तो वह उस व्यक्ति की कुंडली से ही पता लग सकता है। उसमे जो ग्रह उसके गुस्से का कारण है। उसका उपाय करने से निश्चित रूप से उस व्यक्ति का गुस्सा शांत हो जाता है। क्योकि कुंडली में कारण सटीक पता लग जाता है तो उसका इलाज भी सटीक और अचूक हो जाता है। परन्तु कुछ उपाय ऐसे होते है जो बिना कुंडली देखे भी करें तो उनका भी अच्छा परिणाम मिलता है।
मैं आपको कुछ ऐसे सरल और अचूक उपाय बता रहा हूँ जिनसे आप अपने पति के कठोर स्वभाव को बदलकर शांत स्वभाव में परिवर्तित कर सकती है।
- यदि आपके पति का स्वभाव कठोर है तो आप गुरुवार को गाय को भोग खिलाने के लिए आटे के दो पेड़े बनाकर उन पर थोड़ी हल्दी लगाये , इसके साथ थोड़ा गुड़, चने की गीली दाल , 11 बताशे तथा दो केले , ये सब सामग्री गाय को प्रेम भावना से खिलाये।
- दूसरा उपाय है कि सोमवार को बरगद के पेड़ का साबुत पत्ता तोड़कर लाएं। उस पत्ते पर अष्टगंध से अनार की कलम से लिखे - पति के कठोर स्वभाव से परेशानी है। फिर आपकी लम्बाई जितना मोली का धागा लेकर उस पत्ते पर लपेट दें। और बहते पानी में प्रवाहित कर दें। ऐसा लगातार सात सोमवार करना है। उपाय का समय समाप्त होने तक आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा।
- एक आसान उपाय और है। आपके पति पलंग पर जिस तरफ सोते है , उस तरफ के ऊपर वाले पायें में चांदी की दो कील ठुकवा दें। इससे भी तुरंत लाभ होगा।