क्या आपके बच्चे जिद्दी है / आपका कहना नहीं मानते है ? तो सुधारे उन्हें इन सरल उपायों से-1
आजकल बच्चे अपने माता पिता या बड़ों का कहना नहीं मानते। वे अपने हिसाब से काम करना पसंद करते है। उनकी सोच होती है की सिर्फ हम सही है और बाकि सब गलत है। इस विचारधारा में वे अपना और अपने घरवालों का बहुत नुकसान कर देते है अथवा ऐसे गलत कदम उठा लेते है जिससे समाज में माता पिता का नाम ख़राब हो जाता है। माता पिता बहुत समझते है, परन्तु बच्चे अपनी जिद पर अड़े रहते है। यदि आप भी अपने बच्चे की इस आदत से परेशां है तो ये आसान उपाय अपनाएं और अपने बच्चे को सुधारें -
आजकल बच्चे अपने माता पिता या बड़ों का कहना नहीं मानते। वे अपने हिसाब से काम करना पसंद करते है। उनकी सोच होती है की सिर्फ हम सही है और बाकि सब गलत है। इस विचारधारा में वे अपना और अपने घरवालों का बहुत नुकसान कर देते है अथवा ऐसे गलत कदम उठा लेते है जिससे समाज में माता पिता का नाम ख़राब हो जाता है। माता पिता बहुत समझते है, परन्तु बच्चे अपनी जिद पर अड़े रहते है। यदि आप भी अपने बच्चे की इस आदत से परेशां है तो ये आसान उपाय अपनाएं और अपने बच्चे को सुधारें -
- यदि आपका बच्चा आपका कहना नहीं मानता है तो उसे प्रतिदिन दूध में डालकर या और किसी भी तरह से केसर का सेवन करवाए तथा प्रतिदिन केसर का तिलक लगाएं। यदि केसर संभव न हो तो प्रतिदिन हल्दी का सेवन करवाए और हल्दी का तिलक लगाए। इससे आपके बच्चे के मन में परिवार के प्रति प्रेम की भावना बढ़ेगी और परिवार जनो से लगाव होगा।
- यदि आपका बेटा बहुत जिद्दी हो गया हो तो उस उसे पास के किसी भी पुराने दुर्गा माता के मंदिर में ले जाकर , माता से उसे सदबुद्धि देने की प्रार्थना करते हुए उसका मुंडन करवा दें।
- यदि बच्चा कहना नहीं मानता हो तो दत्तात्रेय भगवान के मंदिर में पहले गुरुवार को तीन ब्राह्मणों को पीला भोजन करवाए , उपहार में पीले वस्त्र , तीन धार्मिक पुस्तकें और नकद दक्षिणा प्रदान करें। ये सब अपनी संतान से करवाए तो ज्यादा अच्छा होगा।
- कृष्णपक्ष की अष्टमी को आप किसी भी बहाने से संतान के सर के कुछ बाल काट ले। अगले दिन इस बालों को एक लकड़ी की डिब्बी में दो अभिमंत्रित वश्य गोमती चक्र के साथ रखकर एक काले वस्त्र में उस डिब्बी को बांधकर किसी कांटे वाले वृक्ष के नीचे छोटा खड्डा खोदकर दबा दें। इसका चमत्कार तुरंत दिखाई देगा।