Monday 24 June 2019

मंगल ग्रह आगये है अपनी नीच राशि में। जानिए आपके लिए शुभ है या अशुभ

Posted by Dr.Nishant Pareek
 आपकी नाम राशि के अनुसार जानिए कि नीच राशि का मंगल आपके लिए कैसा फलदायक होगा। 








उसी के अनुसार अपने कार्यों को व्यवस्थित कीजिये। जिससे आप होने वाले किसी भी नुकसान या हानि से बच सकें।

मेष 

 जन्म चंद्रमा से मंगल का चतुर्थ भाव से गोचर:-
 मंगल चन्द्रमा से आपके चतुर्थ भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह आपके जीवन के कुछ भागों में कठनाई उत्पन्न करेगा । आपमें से अधिकांश को पुराने शत्रुओं को नियंत्रित रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा । कुछ नए शत्रुओं से भिड़ने की भी संभावना है जो आपके परिवार व मित्रों की परिधि में ही होंगे । आपमें से कुछ की दुष्टजनों से मित्रता हो सकती है जिनके कारण बाद में कष्ट झेलने पड़ सकते हैं । अपने व्यवहार पर नजर रखें क्योंकि इस काल में यह क्रूर हो सकता है ।  फिर भी आपमें से कुछ का शत्रुओं से किसी प्रकार का समझौता हो जाएगा ।  स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय आपको ज्वर होने अथवा छाती में बेचैनी होने की संभावना है । आपमें से कुछ रक्त व पेट के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं ।  मानसिक रुप से आप चिन्तित रह सकते हैं तथा विषाद के दौर से गुजर सकते हैं ।  इस काल में रिश्ते आपसे विशेष अपेक्षा रखेंगे । अधिक दु:ख से बचने के लिए अपने परिवार व अन्य सम्बन्धियों से शान्तिपूर्ण व्यवहार रखें । अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा व सम्मान को किसी प्रकार की ठेस न लगने दें ।  इस समय भूमि व अन्य जायदाद सम्बन्धी मामलों से दूर ही रहें । 

वृष :-

 जन्म चंद्रमा से मंगल का तृतीय भाव से गोचर :-
मंगल चन्द्रमा से आपके तृतीय भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह शुभ समय का प्रतीक है, विशेष रुप से धन लाभ हेतु । इस काल में आप अपने व्यापार व व्यवसाय से अच्छा धन कमाएँगे । इस समय आपके मूल्यवान आभूषण क्रय करने की भी संभावना है ।  कार्य सरलतापूर्वक सम्पन्न होंगे व महत्तवपूर्ण मामलों में सफलता की संभावना है । नए प्रयासों में भी आपको सफलता मिलेगी । यदि आप सेवारत हैं तो अधिक अधिकार व प्रतिष्ठा वाले पद पर पदोन्नत हो सकते हैं । सफलता के फलस्वरुप आपके आत्मविश्वास व इच्छाशक्ति को अत्यंत बल मिलेगा ।  स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप शक्ति व स्वास्थ्य से दमकते रहेंगे । आपका उत्साह चरम सीमा पर होगा और पूर्व की समस्त भ्रांतियों और बाधाओं से आपको मुक्ति मिल सकती है । यह समय अत्यंक सुस्वादु भोजन के सेवन के अवसर प्रदान कर सकता है ।  शत्रुओं की पराजय होगी और आपको मानसिक शान्ति मिलेगी ।  विदेश यात्रा से बचें क्योंकि इस समय वांछित परिणाम प्राप्त होने की संभावना नहीं है । 


मिथुन

जन्म चंद्रमा से मंगल का द्वितीय भाव से गोचर:-
मंगल चन्द्रमा से आपके दूसरे भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह हानि उठाने का समय है । अपने धन व मूल्यवान वस्तुओं की सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित करें क्योंकि इस काल में चोरी की संभावना है । कार्यस्थल पर कुछ अप्रिय धटनाओं के कारण निराशा का दौर रहेगा । विवाद से दूर रहें । किसी के भी सामने बोलने से पहले अपने शब्दों को ताल लें । यदि आपने सावधानी नहीं बरती तो यह बुरा समय आपमें से कुछ को पदच्युत भी कर सकता है ।  पुराने शत्रुओं से सतर्क रहें व नए न बनने दें । आपमें दूसरों के लिए ईर्ष्या जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियाँ उभर सकती हैं । अपने अधिकारी व सरकार के क्रोध के प्रति सचेत रहें । इस विशेष समय में आप कुछ दुष्ट लोगों से मित्रता करके अपने परिवार व प्रियजनों से झगड़ा मोल ले सकते हैं । 


कर्क 

  जन्म चंद्रमा से मंगल का प्रथम भाव से गोचर :-
मंगल आपके प्रथम भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह कठिनाइयों का सूचक है । व्यापार और व्यवसाय के लिए यह समय काँटों भरी राह का है । आपको अपनी परियोजना समय पर सफलतापूर्वक समाप्त करने में कठिनाई आ सकती है  । अच्दा हो इन दिनों आप कोई नया कार्य आरम्भ न करें । यदि आप सेवारत हैं तो वरिष्ठ सदस्यों, अधिकारियों व सरकारी विभाग से विवाद एवम् गलतफहमियों से बचें । आपमें से कई को अपने पद में परिवर्तन झेलना पड़ सकता है। शत्रुओं पर नजर रखें क्योंकि वे इस समय आपके लिए समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं ।  आपको कुछ अनचाहे खर्चे करने पड़ सकते हैं अत: धन के सम्बन्ध में विशेष सावधानी बरतें । धन व्यय करने की ललक पर नियंत्रण रखें ।  इस अवधि में यात्रो के अनेक अवसर हैं । अत: आप विवाहित हैं तो जीवनसाथी व बच्चों से दूर रहने का योग है ।  स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । आर रोज के जीवन में बुझा-बुझा सा व उत्साहहीन अनुभव कर सकते हैं । आपमें ज्वर तथा रक्त व पेट से सम्बन्धित कष्ट पनप सकते हैं। आप हथियार, अग्नि, विषैले जीव अर्थात् ऐसी हर वस्तु से दूर रहें जो जीवन के लिए खतरा बन सकती है । अपने आप को चुस्त-दुरुस्त रखने का प्रयत्न करें क्योंकि इसमें आपको विषाद, घबराहट व व्यर्थ के भय के दौरे से पड़ सकते हैं । 


सिंह
    
 जन्म चंद्रमा से मंगल का द्वादश भाव से गोचर:-
मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके बारहवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह शारीरिक व्याधि व पीड़ा का द्योतक है । यदि आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो यह समय तनावपूर्ण रहेगा । स्वास्थ्य के सम्बन्धित सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान दें क्योंकि इस समय आपमें रोग पनप सकता है, विशेष रुप से नेत्र व पेट सम्बन्धी व्याधियाँ उभर सकती हैं । पैरों का भी ध्यान रखें । इन दिनों शारीरिक सक्रियता वाली गतिविधियों से बचें क्योंकि जीवन को खतरा हो सकता है । आपमें से कुछ को भयानक स्वप्न या दु:स्वप्न आ सकते हैं ।  आपका कार्यक्षेत्र सफलता प्राप्त करने के प्रयास में अत्यधिक दबावपूर्ण व अधिक कार्य के कारण कठोर हो सकता है । यदि आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो आपमें से कुछ को अपमान व अवमानना झेलनी पड़ सकती है जिससे पद खतरे में पड़ सकता है ।  वित्त सम्बन्धी सावधानियाँ बरतें तथा अपव्यय से बचें ।  घर पर पति/पत्नी, संतान, भाई बहन, संतान और रिश्तेदारों से मधुर सम्बन्ध रखें । उनसे विवाद में न पड़ें । शत्रुओं से टकराव से बचें व नए शत्रु न बने इसके प्रति सावधानी बरतें ।  आपको विदेश यात्रा के अवसर मिल सकते हैं । किन्तु आपमें से कुछ को यात्रा के फलस्वरुप वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे और यूँ ही निरुद्देश्य भटकते रहेंगे । 

कन्या
     
जन्म चंद्रमा से मंगल का एकादश भाव से गोचर :-
मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके ग्यारहवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह आप व आपके परिवार के लिए सुखद समय लाएगा । इस समय आपको भूसम्पत्ति की प्राप्ति होगी एवम् व्यवसाय व व्यापार में लाभ होगा । संतान पक्ष से भी आपमें से कुछ को लाभ प्राप्त होने की संभावना है । सेवारत व्यक्तियों हेतु भी समय शुभ है । आपमें से कुछ की वेतनवृद्धि व पदोन्नति हो सकती है । आपके समस्त प्रयास व उद्यम सफल होंगे व अधिक लाभ प्राप्त होगा ।  इस समय आप केवल व्यवसाय में ही नहीं वरन् अपने दैनिक जीवन में भी सुधार देखेंगे । आपका सामाजिक स्तर, सम्मान व प्रतिष्ठा सभी में वृद्धि की संभावना है । आपकी उपलब्धियों से आपके व्यक्तित्व में और अधिक निखार आएगा ।  आपमें से कुछ परिवार में शिशु जन्म से सुख व शान्ति में वृद्धि होगी । संतान व भाई-बहनों से और भी अधिक सुख मिलेगा ।  अच्छे स्वास्थ्य व रोगमुक्त शरीर के कारण आप प्रसन्न्ता अनुभव करेंगे । आप अपने को पूर्णतया इतना निर्भीक अनुभव करेंगे जैसा पहले कभी नहीं किया होगा । 


तुला 



 जन्म चंद्रमा से मंगल का दशम भाव से गोचर:-
मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके दसवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह सफलता के बी ऊबड़-खाबड़ मार्ग का द्योतक है । इसमें अनेक मिली-जुली मुसीबतें आ सकती हैं जैसे अफसरों को अभद्र व्यवहार, प्रयासों में विफलता, दु:ख, निराशा, थकान आदि । फिर भी आपको अपने कार्यक्षेत्र में अन्त में सफलता मिल सकती है । आपसे कुछ तो पहले से भी अच्छा कार्य सम्पन्न करेंगे । हाँ कार्य की माँग के अनुसार आपमें से कुछ को यहाँ-वहाँ जाना पड़ सकता है। इस काल में आपको प्रतिष्ठा, पद व अधिकार में वृद्धि दिए जाने की संभावना है । आपका नाम अपने अधिकारियों के विशेष कृपा-पात्रों की सूची में आ सकता है तथा अच्छे मित्रों का दायरा भी बढ़ सकता है ।  आपका महिमामंडित गौरव आपके जीवन में कुछ नए मित्र ला सकता है ।  किन्तु स्वास्थ्य आपका ध्यान अपनी ओर अवश्य खींचेगा । ध्यान रखिए कि आप क्या खा रहे हैं व स्वस्थ मानसिकता बनाए रखें ।  आपमें से कुछ को चिंताओं से मुक्ति मिलने व शत्रुओं पर विजय पाने की संभावना है । कुछ भी हो, शत्रुओं को कम न समझें व शस्त्रों से दूर रहें । 

वृश्चिक
  जन्म चंद्रमा से मंगल का नवम भाव से गोचर:-
 मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके नवम् भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह समय छोटे से बड़े तक शारीरिक कष्ट व पीड़ा का है । इस में आपको निर्जलन (डीहाइड्रेशन) तथा कमजोरी व शारीरिक शक्ति में क्षीणता का सामना करना पड़ सकताहै । आप मांस-पेशियों में दर्द अथवा किसी शस्त्र से लगे घाव से भी पीडि़त हो सकते हैं ।  मानसिक रुप से अधिकतर आप चिंतित व निराश रहेंगे । आपमें से कुछ को विदेश जाकर कष्टपूर्ण जीवनयापन करना पड़ सकता है ।  धन का विशेष ध्यान व सुरक्षा रखें क्योंकि विशेष रुप से इस समय थोड़ा बहुत हाथ से निकल सकता है । आपके व्यावसायिक जीवन को भी सही ढ़ंग से व परिश्रम से काम करने की अपेक्षा है । आपमें से कुछ को कुछ समय के लिए कष्टदायक परिस्थितियों में काम करना पड़ सकता है । अपने कार्यालय या व्यावसायिक क्षेत्र में अपना पद व गरिमा बनाए रखने के लिए परिश्रम करें ।  घर में शान्ति व सामन्जस्य बनाए रखें तथा प्रिय स्वजनों के बीच छद्मवेशी शत्रु पर नजर रखें । आपमें से कुछ को कोई ऐसा काम करने की तीव्र लालसा हो सकती है तो धर्म के मापदण्ड पर स्वीकार करने योग्य न हो । 


धनु 

 जन्म चंद्रमा से मंगल का अष्टम भाव से गोचर:-
मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके आठवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह अधिकतर शारीरिक खतरों का सूचक है । अपने जीवन, स्वास्थ्य व देह-सौष्ठव के प्रति अत्यधिक सतर्कता इस समय विशेष की माँग है । रोगों से दूर रहें साथ ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रकार के नशे व बुरी लत से दूर रहें । आपमें से कुछ को रक्त सम्बन्धी रोग जैसे एनीमिया (रक्त की कमी), रक्त स्त्राव अथवा रक्त की न्यूनता से उत्पन्न बीमारियाँ हो सकती हैं । इस समय शस्त्र व छद्मवेशी शत्रु से दूर रहें । जीवन को खतरे में डालने वाला कोई भी कार्य न करें ।  आर्थिक मामलों पर नजर रखना आवश्यक है । यदि सावधानी नहीं बरती जो आपमें से अधिकांश को आय में भारी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है । जो भी ऋण लेने से बचें व स्वयं को ऋण-मुक्त रखने की चेष्टा करें ।  यदि अपने कार्य/व्यवसाय में सफल होना चाहते हैं तो अतिरिक्त प्रयास करें । अपने पद व प्रतिष्ठा पर पकड़ मजबूत रखें क्योंकि यह कठिनाईपूर्ण घटिया स्थिति भी गुजर ही जाएगी ।  आपमें से अधिकांश को विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है । यहाँ तक कि काफी समय के लिए परिवार से दूर रहकर उनका विछोह झेलना पड़ सकता है ।


मकर :-

    जन्म चंद्रमा से मंगल का सप्तम भाव से गोचर :-
मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके सातवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । स्वास्थ्य सम्बन्धों की दृष्टि से यह कठिन समय है ।  आपके स्वयं की पति/पत्नी की अथवा किसी नजदीकी व प्रियजन के स्वास्थ्य की समस्या अत्यधिक मानसिक चिन्ता का कारण बन सकती है । आप थकान महसूस कर सकते हैं तथा नेत्र सम्बन्धी कष्ट, पेट के दर्द या छाती की तकलीफ का शिकार हो सकते हैं । आपको अपने जीवनसंगी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना पड़ सकताहै । आप व आपकी पत्नी/पति को कोइ गहरी मानसिक चिन्ता सता सकती है ।  आपमें से अधिकांश की किसी सज्जन, व्यक्ति से शत्रुता होने की संभावना है । आप व आपके पति/पत्नी के बीच व्यर्थ अनुमानित अलग सोच के कारण गलतफहमी न हो जाय, इसका ध्यान रखें व इससे बचें । यदि बुद्धि चातुर्य से कुशलतापूर्वक इससे नहीं निपटा गया तो ये आप दोनों के बीच एक बड़े झगड़े का रुप ले सकता है । अपने मित्रों व प्रियस्वजनों से समझौता कर लें । आपके सम्बन्धी आपकी मनोव्यथा का कारण बन सकते हैं । अपने व्यवहार को नियंत्रित रखों क्योंकि अपनी संतान तथा भाई-बहनों के प्रति आप क्रोध कर सकते हैं व अपशब्दों का प्रयोग कर सकते हैं ।  धन सम्बन्धी मामलों के प्रति भी सचेत रहें । व्यर्थ की प्रतियोगिता के चक्कर में आप व्यर्थ गँवा सकते हैं । रंगरेलियों पर व्यय न करके अच्च्छे भोजन व वस्त्रों पर ध्यान दें ।

कुम्भ 

    जन्म चंद्रमा से मंगल का षष्ठ भाव से गोचर :-
मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके छठे भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह शुभ समय का सूचक है । आप पाएँगे कि इस काल में आप धन, स्वर्ण, मूँगा, ताँबा प्राप्त करेंगे, धातु व अन्य व्यापार में आपको अप्रत्याशित लाभ होगा । यदि आप कहीं सेवारत हैं तो आप जिस पदोन्नति व सम्मान की इतनी प्रतीक्षा कर रहे हैं, वह आपको अपने कार्यालय में प्राप्त होगा । आपमें से अधिकांश को अपने कार्य में सफलता मिलेगी ।  हर ओर आर्थिक दशा में सुधार से आप सुरक्षा, शान्ति व सुख अनुभव कर सकते हैं । आपको इन दिनों पूर्ण मानसिक शान्ति मिलेगी व आपको लगेगा कि आप भयमुक्त हैं ।  यह शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का भी समय है । यदि आपके ऊपर कोई कानूनी मुकदमा चल रहा है तो फैसला आपके पक्ष में हो सकता है । आपके अधिकांश शत्रु पीछे हट जाएँगे और विजय आपकी होगी । समाज में आपको सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त होगी । आपमें से कुछ इस समय दान-पुण्य के कार्य भी करेंगे ।  इस काल में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । सारे पुराने रोगों व पीड़ाओं से मुक्ति मिलेगी । 

मीन 

जन्म चंद्रमा से मंगल का पंचम भाव से गोचर:-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा से आपके पाँचवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह जीवन में क्षुब्धता व अस्त-व्यस्तता का प्रतीक है । अपने व्यय जितना सम्भव हो, कम करना बुद्धिमतापूर्ण होगा क्योंकि इस काल में धन और व्यय का नियंत्रण आपके हाथ से निकल सकते हैं ।  बच्चों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि वे रोग-ग्रस्त हो सकते हैं । अपने और अपने पुत्र के बीच अनबन न होने दें क्योंकि यह कष्टकारक हो सकती है ।  शत्रुओं से सावधानीपूर्वक भली भाँति निपटें और नए शत्रु न बन जाएँ, इसके प्रति विशेष सतर्कता बरतें । शत्रु इस विशेष अवधि में आपके और अधिक संताप का कारण बन सकते हैं ।  स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । आप उत्साहहीन, कमजोरी व हरारत अनुभव कर सकते हैं । आपमें से कुछ किसी ऐसे रोग से ग्रस्त हो सकते हैं जिसकी पूरी जाँच करानी पड़ेगी । अपनी भोजन सम्बन्धी आदतों पर भी ध्यान दें ।  आपमें से कुछ के व्यवहार में परिवर्तन आ सकता है । आपमें से कुछ क्रोधी, आशंकित व अपने प्रियजनों के प्रति उदासीन हो सकते हैं जो आपकी सामान्य प्रकृति के विरुद्ध है । आपमें से कुछ अपनी शान व प्रसिद्धि भी गँवा सकते हैं । व्यर्थ की आवश्यकताओं का उभरकर आना व कुछ अनैतिक कार्यों का प्रलोभन आपमें से कुछ को परेशानी में डाल सकता है । आप इस दौरान परिवार के सदस्यों से झगड़ा करने से बचें । 

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