if there is a moon in the tenth house of the horoscope, then what is its usual function ? Look out
यदि कुंडली के दसवें घर में चन्द्रमा हो तो उसका सामान्य रूप से क्या फल मिलता है। देखिये
Auspicious Results : One is pious
and good charactered. One will be benevolent and sympathetic. One will be calm
and contented. One is satisfied with one’s gains. One will be educated,
scholarly, clever and prudent. One will be sympathetic, religious, pious,
dutiful, pleasant natured and unproblematic. One will be cultured and of a good
character. One will be intelligent and thoughtful. One will honored in the
family and society. One will be popular and one’s fame may spread far and wide.
One will be enthusiastic, benevolent and charitable. One may always be
victorious, valiant and brave and famous. One will execute any work one will
undertake. Whatever one takes up is successfully accomplished. One will perform
pious deeds and will favor good and saintly people. One may be very wealthy and
one’s personality may be enlightened by this. One will be very wealthy and prosperous.
One may become wealthy through wealth attained from one’s in-laws. One may be
recognized by the state and may get wealth and name from there. One may gain
wealth from the state. One may gain from people as wealthy as the king. One
will have good contacts with the government and may exercise one’s influence
over them. One will get benefit from ladies of high-class families. One will
possess clothes and ornaments. One may become a famous businessman through
one’s own efforts inspite of being born in a poor household. One will get the
help and support of one’s father. Friends and others are helpful. One will be devoted to one’s family and
father. One will rear one’s family. One may have affairs with different members
of the opposite sex everyday. One may be skilled at all arts. One will be
blessed with all comforts in youth. One will attain various comforts and will
be blessed with a spouse and son. One will constantly be in conflict with one’s
elder son. One may gain through the trade of items of public welfare. One
should recall that the Moon is considered to be Vaishya and one may prosper
through prostitution. One’s wealth will be fluctuating. One is determined. One will succeed in good deeds. .
शुभ फल : दसवें भाव में
चन्द्रमा होने से जातक सतोगुणी होता है। परोपकार एवं करुणा जातक के स्वाभाविक गुण
होते हैं। शान्त प्रकृति और संतोषी होता है। यथालाभ संतुष्ट रहने वाला होता है।
विद्यावान्, प्रकांड पंडित, विद्वान, चतुर, महान् मतिमान्
होता है। विषादहीन, प्रसन्नचित्त,
सत्कर्म परायण, पवित्रात्मा, धर्मात्मा और दयालु होता है। जातक शीलवान् और सच्चरित्र होता है। जातक मनस्वी,
बुद्धिमान् होता है। उसे परिवार में और समाज
में आदर मिलता है। वह यशस्वी होता है। यश दूर-दूर तक फैलता है। लोकप्रिय होता है।
तत्पर होकर कामों को करनेवाला, लोकहितैषी,
और दानशील होता है। पराक्रमी और शौर्य सम्पन्न
होता है। सर्वत्र विजय पाता है। जातक सब कामों को निष्पन्न सम्पादन करनेवाला होता
है। जिस काम को हाथ में लेता है इसमें इसे सफलता मिलती है। शुभ कर्म करता है।
सत्पुरुषों, सज्जनों के साथ उपकार करनेवाला
होता है। शोभायमान लक्ष्मी से युक्त होता है जिससे जातक का व्यक्तित्व चमक उठता
है। धनी, लक्ष्मीवान् और धनाढ़्य,
होता है। श्वासुरगृह से प्राप्त धन से धनी होता
है। राजमान्य होता है। राजा से धन और मान पाता है। राजकुल से धन का लाभ होता है।
राज्य से अथवा तत्समान धनी-मानी लोगों से भी सुख प्राप्त होता है। राज्याधिकारियों
से सम्पर्क रखने वाला एवं उनमें अपना प्रभाव बनाने वाला बनता है। ऊँचे घराने की
स्त्रियों से लाभ होता है। वस्त्र और अलंकार युक्त होता है। प्रसिद्ध व्यापारी,
ऐसा जातक दरिद्र घर में जन्म लेकर भी अपने
बाहुबल से प्रसिद्ध हो जाता है। पिता के सुख एवं सहयोग को प्राप्त करता है।
बन्धु-बान्धवों से सुख प्राप्त होता है। पितृभक्त और कुटुम्बवत्सल होता है। अपने
परिवार का पालक होता है। नवीन-अंगना- अर्थात् नव परिणीता स्त्री के
ऐश्वर्य-प्रभुत्व और मान को देखकर बड़ी प्रसन्नता होती है। नित्य नवीना नगरवासिनी
नारियों से रतिसुख मिलता है। स्त्रियों से विलास करनेवाला और कलाओं का जाननेवाला
होता है। यौवन में सर्वप्रकार का सुख प्राप्त होता है। नाना प्रकार के सुख प्राप्त
होते हैं-स्त्री-पुत्र आदि से भरपूर होता है। ज्येष्ठपुत्र से पूर्णसुख प्राप्त
नहीं होता है अर्थात् जातक और ज्येष्ठपुत्र का परस्पर वैमनस्य (मनमुटाव) रहता है।
लोकोपयोगी वस्तुओं के व्यापार से लाभ होता है। वैश्यवृत्ति से व्यापार में धन
प्राप्त होता है। स्मरण-रहे कि चन्द्रमा को वैश्य भी माना गया है। सम्पत्ति सदैव एक-सी
नहीं रहती - कभी धन से पूर्ण और कभी धन से खाली। स्थिर राशि के चन्द्र होने से स्वभावदृढ़
होता है। भावेश बलवान् होने से जातक
को अच्छे कामों में विशेष सफलता मिलती है।
Inauspicious Results : One will have a weak body. One’s childhood will be full
of problems. One may suffer from
breathing ailments. One shirks one’s
duties. One may have an affair with
a widow/widower in one’s 27th year and people may oppose this liason. One will perform ill deeds. There will be
obstacles and hurdles at work.
Planetary combinations may cause the loss of parents. If during this
period, one of them survives then relations become strained
अशुभ फल : निर्बल देहवाला
होता है। वाल्यावस्था में अल्पसुख मिलता है अर्थात् बचपन कष्टमय व्यतीत होता
है। चन्द्रमा शत्रुक्षेत्री हो,
अथवा पापग्रह के क्षेत्र में हो तो मनुष्य को
श्वास-कासरोग होता है। दूषित चन्द्रमा
होने से अकर्मण्य होता है। चन्द्रमा
के साथ पापग्रह होने से सत्ताईसवें वर्ष में मनुष्य विधवा स्त्री के साथ रमण करता
है अतएव जनता के लोग विरोध करते हैं।
भावेश पर पापग्रह की दृष्टि होने से, अथवा पापग्रह साथ में होने से जातक बुरे कामों को करनेवाला
होता है। कामों में विघ्न पड़ते हैं-रुकावटें आती हैं। वृश्चिक राशि को छोड़कर अन्य किसी राशि में
चन्द्र होने से माता-पिता का सुख नष्ट होता है। यदि इन दोनों में कोई एक जीवित रहे
तो परस्पर अच्छे सम्बन्ध नहीं रह सकते।