if there is a moon in the ninth house of the horoscope, then what is its usual function ? Look out
यदि कुंडली के नवें घर में चन्द्रमा हो तो उसका सामान्य रूप से क्या फल मिलता है। देखिये
Auspicious Results :
One becomes fortunate
from the beginning of youth. Good fortunes favor from the 21st year. One will
be physically healthy. Physical strength will increase or decrease like the
Moon. One will be enlightened, good looking, dutiful, pure and respected. One
will be imaginative, proud and firm. One will have many friends. One will be
judicious, active, fond of migration, lively and brave. One’s courage will increase
or decrease like the Moon. One will be a famous and respectable in society.
One’s praise may be sung by the people, bards and the brahmins. One will be
intelligent, scholarly and fond of studying. One will have children and sons
and be fortunate. One will be pious and faithful to one’s religion. One will
get opportunities of going on pilgrimages. One may perform sacrifices, worship
God, practice meditation and be charitable. One may be interested in listening
to the ancient stories of the puranas. One will perform good deeds and go on
pilgrimages. One will be devoted to God and one’s father. One may be interested
in religion and the shastras, will have spiritual knowledge and may be a saint.
One may have a lot of knowledge of shastras and will be very scholarly. One will perform pious deeds. One may
construct ponds, temples and rest houses for the convenience of people. One
will have the comfort of vehicles. One will have wealth and be prosperous and
happy. One will be pleasure loving. One will give pleasure to one’s spouse. One
will be the favorite of young and passionate females. One will enjoy many
comforts. One will not have many brothers. One will be blessed by sons. One’s
father will have a long life. Good fortune commences in the 24th year. One may migrate
by the sea. One will get help from one’s relatives and one’s wife’s relatives.
One will get good profit from migration, law, partnership and shastras. One
will have one or two or many younger brothers, but one may not have an elder
brother. If there is an elder brother, one will stay separately and there will
not be any younger sisters. The
masculine child may be delayed (48th year). It is possible that there may be no
son at all. The Moon in Sagittarius
brings fame to the family. One will
be a writer, printer or publisher.
शुभ फल : नवें
भाव में बैठा चन्द्रमा यौवनावस्था के प्रारम्भ से ही भाग्यवान् होता है। इक्कीसवें
वर्ष में भाग्योदय करता है। नीरोग, शरीर से सुखी रहता है। शारीरिक बल चन्द्रमा के समान ही घटता
बढ़ता-रहता है। जातक तेजस्वी, सुन्दर, स्वधर्मपारायण, सज्जनमान्य और निष्पाप होता है। कल्पनाशक्ति से युक्त, स्थिरचित्त और अभिमानी
होता है। मित्र-बन्धु से युक्त होता है। जातक कार्यशील, प्रवास-प्रिय, न्यायी, चंचल, एवं साहसी होता है। जातक
का साहस-अर्थात् पराक्रम चन्द्रमा के समान बढ़ता-घटता रहता है। समाज में आदरणीय, विख्यात पुरुष होता है।
जातक की स्तुति, गुणगान जनता के लोग, ब्राह्मण लोग और बन्दी लोग (भाटलोग) करते हैं। जातक
बुद्धिमान विद्वान् विद्याप्रिय होता है। सन्तति-युक्त सन्तान सुख और पुत्रवान्
होता है। जातक धार्मिक, धर्मात्मा, धर्मनिष्ठ होता है। तीर्थयात्रा के अवसर प्रदान करता है।
तर्पण-श्राद्ध-सन्ध्या-देवपूजा आदि कार्यों का करने वाला और दानशील होता है। जातक
का अनुराग और प्रेम पुराणों की कथा श्रवण करने में होता है। शुभकर्मकर्ता और उत्तम
तीर्थ करनेवाला होता है। जातक देवभक्त तथा पितृभक्त होता है। ईश्वर को जाननेवाला,धर्म और शास्त्रों का
प्रेमी, अध्यात्मज्ञानी, योगी होता है। बहुश्रुत होता है अर्थात् बहुशास्त्रनिष्णात होता है और
ज्ञानवान् होता है। पुण्यकर्मों को करनेवाला होता है। लोगों के सुख के लिए तालाब
बनवाता है। मन्दिर और धर्मशाला आदि बनवाता है। सवारियों पर चलने वाला होता है। सम्पत्तियुक्त, धनवान्, सुखी होता है। इसके प्रभाव
से जातक विलासी बनता है। अपनी स्त्री को सुख देनेवाला होता है। उन्मत यौवनारूढ़
स्त्रियों के आँखों का तारा होता है। चन्द्रमा पूर्ण बलवान् होने से जातक बहुत
प्रकार के सुख भोगता है। अल्पभ्रातृवान् तथा भाइयों का सुख कम मिलता है। पुत्रों
का सुख मिलता है। चन्द्रमा पूर्णबली होने से जातक का पिता दीर्घायु होता है। नवम चन्द्र के फलस्वरूप 24 वें वर्ष में लाभ होता है।
जलमार्ग से प्रवास करता है। पत्नी के संबंधियों से और अपने आप्तजनों से अच्छी
सहायता मिलती है। कानून, हिस्सेदारी, शास्त्रीयज्ञान और जलपर्यटन से अच्छा लाभ होता है। नवमस्थ चन्द्र दूषित हो या स्त्रीराशि का
हो तो पुत्र सन्तान बहुत देर से (48 वें वर्ष के करीब) होती है। यह भी संभव है कि
पुत्र सन्तान हो ही नहीं। धनुराशि का
चन्द्र होने से कुलकीर्ति बढ़ती है। कर्क, वृश्चिक, मीन, मेष, सिंह तथा धनुराशि का चन्द्र होने से जातक लेखक, प्रकाशक, या मुद्रक होता है।
Inauspicious
Results :
One may be foolish, poor and useless. One may
follow the wrong path in life. One
may be destroyed. One may be
unfortunate and may lose one’s parents.
अशुभ फल :
चन्द्रमा यदि हीनबली हो या नीच राशि का होने से जातक निर्धन, निर्गुण और मूर्ख होता है
और यह सन्मार्ग से विरुद्ध चलनेवाला होता है। चन्द्रमा हीनबली होने से जातक का सर्वनाश होता है। चन्द्रमा के साथ पापग्रह युति करता है अथवा
यह चन्द्र पापग्रह की राशि में होने से जातक अभागा होता है। पिता और माता की
मृत्यु होती है।