Wednesday 3 April 2019

The moon in second house | कुंडली के दूसरे घर में चन्द्रमा | द्वितीय भाव में चन्द्रमा

Posted by Dr.Nishant Pareek
If there is a moon in the second house of the horoscope, then what is its usual function ? Look out






यदि कुंडली के दूसरे घर में चन्द्रमा हो तो उसका सामान्य रूप से क्या फल मिलता है। देखिये  

 Auspicious Results :

                                  One is soft spoken, good looking, pleasure loving, tolerant, peace loving and fortunate. One will be charitable, intelligent, extremely wealthy, energetic and can be a foreign resident.One is famous like a lotus and as beautiful as the Moon. One will get respected by scholars. One will get physical happiness. One may have a large family, happy children and many friends. One will be wealthy. One will get good help from the opposite sex. One will be fond of accumulating many things. One will participate in social work and be successful at it. Migration abroad is fortunate. One’s association with general organizations is beneficial. The Moon in the second house signifies gain and loss from married persons of the of the opposite sex.  One will be skilled and knowledgeable about many languages. Since the Moon is strong and auspicious, wealth and prosperity prevail.

 
 शुभ फल :

                द्वितीय स्थान भाव  में चन्द्रमा होने से जातक मधुरभाषी, सुन्दर, भोगी, परदेशवासी, सहनशील, शान्तिप्रिय एवं भाग्यवान् होता है। जातक दानी, बुद्धिमान्, निधि के सदृश धन से परिपूर्ण, चंचल स्वभाव, सुखी, यशस्वी, सहनशील, कमल की भाँति कीर्तिमान्, तथा चाँद जैसा सुन्दर होता है। विद्वानों के समाज में सम्मानित होता है। शरीर से अत्यन्त सुखी होता है। बहुत बड़े परिवार वाला होता है। सुखी संतान तथा धन से युक्त होता है। मित्र बहुत होते हैं। स्त्रियों से अच्छी मदद मिलती है। जातक को विविध वस्तुओं के संग्रह का बहुत शौक होता है। सार्वजनिक हित के कार्यों में भाग लेकर विजयी होता है। विदेश में प्रवास करने से भाग्योदय हो सकता है। सार्वजनिक संस्थाओं के सम्बन्ध से भाग्योदय होता है। धन स्थान के चन्द्र से विशेषत: विवाहित स्त्रियों से होनेवाले लाभ और हानि का बोध होता है। शुभग्रहों से सम्बन्ध होने से जातक बहुत सी भाषाओं का पण्डित तथा विविध विद्याओं का ज्ञाता होता है। चन्द्र बलवान् और शुभ सम्बन्धित हो तो सम्पत्ति सुख अच्छा मिलता है।



Inauspicious Results :

 One may enjoy the company of the opposite sex and have little affection for one’s family. One may lose money on account of one’s sister or daughter. One may be poor and foolish. Lawyers get benefits. The position of the planet is good for robbers. Just as the Moon reduces and increases, similarly people influenced by the Moon have fluctuating fortunes. The state of the wealth also fluctuates like a sea storm.  One may stutter. One may be poor, tainted and foolish. There might be a burning sensation in the stomach. Paternal wealth might be destroyed. There might be obstacles in earning more wealth. Money is accumulated with less difficulties. This position is good for doctors who will cure patients and earn wealth and fame.



अशुभ फल :
                    जातक स्त्रियों के साथ विलास करता है अपने कुटुम्ब में प्रेम थोड़ा होता है। जातक की बहिन से अथवा कन्या से धन का नाश होता है। जातक निर्धन और अल्पबुद्धि होता है। वकीलों को बहुत लाभ होता है। धनभाव का चन्द्रमा डाकुओं के लिये भी लाभदायक है। जैसे चन्द्रमा की वृद्धि और हानि नियमित रूप से होती है इसी प्रकार चन्द्रप्रभावान्वित्त व्यक्तियों को भी उतार-चढ़ाव होते हैं। संपत्ति की स्थिति समुद्र के ज्वारभाटे के समान स्थित्यन्तर होते रहते हैं। चन्द्र से पापग्रह का सम्बन्ध होने से जातक विद्या से वंचित रहता है। क्षीण चन्द्रमा होने से जातक अटक-अटक कर बोलने वाला, निर्धन, मलिनात्मा तथा कम अक्ल (मूर्ख) होता है। चन्द्रमा क्षीण काय होने से जातक की जठराग्नि मन्द रहती है- अर्थात् अग्निमांद्यरोग के कारण भूख कम होती है। धनभाव में क्षीणचन्द्र होने से जातक के पूर्वार्जित-पैतृक सम्पत्ति का नाश होता है और नूतन धन-धान्य रूपी सम्पत्ति के उपार्जन में रुकावटें आती हैं।  मकर और कुम्भ में होने से धन प्राप्ति होती है किन्तु कठिनाई कुछ कम होती है।   चन्द्रमा के कारकत्व में आए हुए रोगों का इलाज करके डाक्टर लोग धन-मान, तथा कीर्तिमान प्राप्त करते हैं।
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