If there is a moon in the sixth house of the horoscope, then what is its usual function ? Look out
यदि कुंडली के छठे घर में चन्द्रमा हो तो उसका सामान्य रूप से क्या फल मिलता है। देखिये
Auspicious Results :
There are very few auspicious results. One will be liberal by nature. One is traitorous but this will be for the benefit of the general public and to attain justice. This brings him honor in society. One may not have faith in one’s mother and will not be devoted to her. One’s mind will be against one’s mother. However powerful the enemies may be, one will be victorious over them due to one’s valor. Enemies will be defeated and will bow their head before one. One will quarrel with friends and king and thieves will cause pain. The opposite sex may also cause pain. One will be successful in service.
शुभ फल :
छठे भाव में चंद्र के शुभ फल बहुत कम मिलते हैं। जातक के स्वभाव में उदारता रहती है। छठे स्थान का चन्द्रमा जातक को राजद्रोही बनाता है किन्तु यह राजद्रोह जनहित में न्याय-प्राप्ति के लिए होता है इसलिये समाज में सम्मान दिलाता है। माँ के प्रति निष्ठा नहीं रहती। जातक मातृभक्त नहीं होता है। अर्थात् जातक का मन जन्मदात्री माता की ओर से मलिन रहता है। छठे स्थान में चन्द्रमा होने से चाहे कितने ही प्रबल शत्रु हों जातक उन पर अपने प्रताप से अधिकार जमा लेता है। शत्रु मुंह की खाकर इसके आगे नतमस्तक हो जाते हैं। बन्धुओं के साथ झगड़ा होता है, राजा से (सरकार से) तथा चोरों से कष्ट रहता है। स्त्रियों से दु:ख पहुँचता है। नौकरी में सफलता मिलती हैं।
Inauspicious Results :
There will be many problems due to servants who will not stick for long. Ill health and ailments are signified. There might be stomach ailments. One will suffer cough ailments and eye ailments. There will be a fear from enemies and the water related ailments. There might be urinary and related problems. There might be stomach ailments, indigestion and an unhealthy childhood. There might be cough ailments, breathing problems and infected blood. There could be physical, mental and financial problems. There will be insult and enemies will increase. One may not be long lived. The life span of the person is reduced by some planetary conditions. One might be a drunkard. Money is uselessly spent. There will be business problems. There will be many enemies and court cases cause defame.
अशुभ फल :
नौकरों से बहुत तकलीफ होती हैें वे कायम नहीं रह सकते। छठेभाव में चन्द्रमा से शरीर सौख्य अच्छा नहीं मिलता। इससे रोग बढ़ते हैं। छठेभाव में चन्द्रमा होने से उदर के रोगों से पीड़ा रहती है। "षष्ठे नर उरभवै: रोगै: संपीडि़तोभवति।" जातक कफरोगी होता है। आँखों की बीमारी होती है। शत्रुओं से भय और जल तत्व से सम्बन्धित रोग करता है। चन्द्रमा अपनी दशा अन्तर्दशा काल में मारक बनता है अथवा मरणतुल्य कष्ट दिया करता है। स्थिर राशि में हो तो अर्श, भगंदर और मूत्रकृच्छ, इनमें से कोई विकार होता है। चन्द्र चरराशि में खासकर कर्क में हो तो पेट के और जठर के रोग-पाचनक्रिया में गड़बड़ी होना आदि पैदा होते हैं । खासकर बचपन में प्रकृति बहुत अस्वस्थ होती है। चन्द्र स्त्रीराशि का होने से कफ, सांस के रोग होते हैं, और रक्त दूषित होता है। वृश्चिक, मीन का चन्द्रमा होने से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्ट होते हैं। अपमान होता है शत्रु बढ़ते हैं। चन्द्रमा की यह स्थिति दीर्घायु नहीं देती। चन्द्रमा क्षीणकाय होने से जातक अल्पायु होता है। "राजनीकरेस्वल्पायु: षष्ठगते भवति संक्षीणे।"्2प्!6'./ॅ'2प्त्8 वृश्चिक में छठेभाव में चन्द्रमा होने से पियक्कड होता है। घन बेकार खर्च होता है। व्यवसाय में मुश्किलें बहुत आती हैं। शत्रु बहुत होते हैं। कानूनी मामले में हरबार अपयश बाता है।