Mangal ka kanya rashi me gochar aapke liye kaisa rahega, janiye is lekh me
मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके लिये कैसा रहेगा ? जानिए इस लेख में
मेषः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके छठे भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह शुभ समय का सूचक है । आप पाएँगे कि इस काल में आप धन, स्वर्ण, मूँगा, ताँबा प्राप्त करेंगे, धातु व अन्य व्यापार में आपको अप्रत्याशित लाभ होगा । यदि आप कहीं सेवारत हैं तो आप जिस पदोन्नति व सम्मान की इतनी प्रतीक्षा कर रहे हैं, वह आपको अपने कार्यालय में प्राप्त होगा । आपमें से अधिकांश को अपने कार्य में सफलता मिलेगी । हर ओर आर्थिक दशा में सुधार से आप सुरक्षा, शान्ति व सुख अनुभव कर सकते हैं । आपको इन दिनों पूर्ण मानसिक शान्ति मिलेगी व आपको लगेगा कि आप भयमुक्त हैं । यह शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का भी समय है । यदि आपके ऊपर कोई कानूनी मुकदमा चल रहा है तो फैसला आपके पक्ष में हो सकता है । आपके अधिकांश शत्रु पीछे हट जाएँगे और विजय आपकी होगी । समाज में आपको सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त होगी । आपमें से कुछ इस समय दान-पुण्य के कार्य भी करेंगे । इस काल में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । सारे पुराने रोगों व पीड़ाओं से मुक्ति मिलेगी ।
वृषः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा से आपके पाँचवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह जीवन में क्षुब्धता व अस्त-व्यस्तता का प्रतीक है । अपने व्यय जितना सम्भव हो, कम करना बुद्धिमतापूर्ण होगा क्योंकि इस काल में धन और व्यय का नियंत्रण आपके हाथ से निकल सकते हैं । बच्चों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि वे रोग-ग्रस्त हो सकते हैं । अपने और अपने पुत्र के बीच अनबन न होने दें क्योंकि यह कष्टकारक हो सकती है। शत्रुओं से सावधानीपूर्वक भली भाँति निपटें और नए शत्रु न बन जाएँ, इसके प्रति विशेष सतर्कता बरतें । शत्रु इस विशेष अवधि में आपके और अधिक संताप का कारण बन सकते हैं । स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । आप उत्साहहीन, कमजोरी व हरारत अनुभव कर सकते हैं । आपमें से कुछ किसी ऐसे रोग से ग्रस्त हो सकते हैं जिसकी पूरी जाँच करानी पड़ेगी । अपनी भोजन सम्बन्धी आदतों पर भी ध्यान दें । आपमें से कुछ के व्यवहार में परिवर्तन आ सकता है । आपमें से कुछ क्रोधी, आशंकित व अपने प्रियजनों के प्रति उदासीन हो सकते हैं जो आपकी सामान्य प्रकृति के विरुद्ध है । आपमें से कुछ अपनी शान व प्रसिद्धि भी गँवा सकते हैं । व्यर्थ की आवश्यकताओं का उभरकर आना व कुछ अनैतिक कार्यों का प्रलोभन आपमें से कुछ को परेशानी में डाल सकता है । आप इस दौरान परिवार के सदस्यों से झगड़ा करने से बचें
मिथुनः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा से आपके चतुर्थ भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह आपके जीवन के कुछ भागों में कठनाई उत्पन्न करेगा । आपमें से अधिकांश को पुराने शत्रुओं को नियंत्रित रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा । कुछ नए शत्रुओं से भिड़ने की भी संभावना है जो आपके परिवार व मित्रों की परिधि में ही होंगे । आपमें से कुछ की दुष्टजनों से मित्रता हो सकती है जिनके कारण बाद में कष्ट झेलने पड़ सकते हैं । अपने व्यवहार पर नजर रखें क्योंकि इस काल में यह क्रूर हो सकता है । फिर भी आपमें से कुछ का शत्रुओं से किसी प्रकार का समझौता हो जाएगा । स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय आपको ज्वर होने अथवा छाती में बेचैनी होने की संभावना है । आपमें से कुछ रक्त व पेट के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं । मानसिक रुप से आप चिन्तित रह सकते हैं तथा विषाद के दौर से गुजर सकते हैं । इस काल में रिश्ते आपसे विशेष अपेक्षा रखेंगे । अधिक कठोर होने से बचंे और अपने परिवार व अन्य सम्बन्धियों से शान्तिपूर्ण व्यवहार रखें । अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा व सम्मान को किसी प्रकार की ठेस न लगने दें । इस समय भूमि व अन्य जायदाद सम्बन्धी मामलों से दूर ही रहें ।
कर्कः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा से आपके तृतीय भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह शुभ समय का प्रतीक है, विशेष रुप से धन लाभ हेतु । इस काल में आप अपने व्यापार व व्यवसाय से अच्छा धन कमाएँगे । इस समय आपके मूल्यवान आभूषण क्रय करने की भी संभावना है । कार्य सरलतापूर्वक सम्पन्न होंगे व महत्तवपूर्ण मामलों में सफलता की संभावना है । नए प्रयासों में भी आपको सफलता मिलेगी । यदि आप सेवारत हैं तो अधिक अधिकार व प्रतिष्ठा वाले पद पर पदोन्नत हो सकते हैं । सफलता के फलस्वरुप आपके आत्मविश्वास व इच्छाशक्ति को अत्यंत बल मिलेगा । स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप शक्ति व स्वास्थ्य से दमकते रहेंगे । आपका उत्साह चरम सीमा पर होगा और पूर्व की समस्त भ्रांतियों और बाधाओं से आपको मुक्ति मिल सकती है । यह समय अत्यंक सुस्वादु भोजन के सेवन के अवसर प्रदान कर सकता है । शत्रुओं की पराजय होगी और आपको मानसिक शान्ति मिलेगी । विदेश यात्रा से बचें क्योंकि इस समय वांछित परिणाम प्राप्त होने की संभावना नहीं है ।
सिंहः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा से आपके दूसरे भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह हानि उठाने का समय है । अपने धन व मूल्यवान वस्तुओं की सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित करें क्योंकि इस काल में चोरी की संभावना है । कार्यस्थल पर कुछ अप्रिय धटनाओं के कारण निराशा का दौर रहेगा । विवाद से दूर रहें । किसी के भी सामने बोलने से पहले अपने शब्दों को तोल लें । यदि आपने सावधानी नहीं बरती तो यह बुरा समय आपमें से कुछ को पद से हटा भी सकता है । पुराने शत्रुओं से सतर्क रहें व नए न बनने दें । आपमें दूसरों के लिए ईर्ष्या जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियाँ उभर सकती हैं । अपने अधिकारी व सरकार के क्रोध के प्रति सचेत रहें । इस विशेष समय में आप कुछ दुष्ट लोगों से मित्रता करके अपने परिवार व प्रियजनों से झगड़ा मोल ले सकते हैं ।
कन्याः-
इस अवधि में मंगल आपके प्रथम भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह कठिनाइयों का सूचक है । व्यापार और व्यवसाय के लिए यह समय काँटों भरी राह का है । आपको अपनी परियोजना समय पर सफलतापूर्वक समाप्त करने में कठिनाई आ सकती है । अच्दा हो इन दिनों आप कोई नया कार्य आरम्भ न करें । यदि आप सेवारत हैं तो वरिष्ठ सदस्यों, अधिकारियों व सरकारी विभाग से विवाद एवम् गलतफहमियों से बचें । आपमें से कई को अपने पद में परिवर्तन झेलना पड़ सकता है। शत्रुओं पर नजर रखें क्योंकि वे इस समय आपके लिए समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं । आपको कुछ अनचाहे खर्चे करने पड़ सकते हैं अतः धन के सम्बन्ध में विशेष सावधानी बरतें । धन व्यय करने की ललक पर नियंत्रण रखें । इस अवधि में यात्रो के अनेक अवसर हैं । अतः आप विवाहित हैं तो जीवनसाथी व बच्चों से दूर रहने का योग है । स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है । आप दैनिक जीवन में बुझा-बुझा सा व उत्साहहीन अनुभव कर सकते हैं । आपमें ज्वर तथा रक्त व पेट से सम्बन्धित कष्ट पनप सकते हैं। आप हथियार, अग्नि, विषैले जीव अर्थात् ऐसी हर वस्तु से दूर रहें जो जीवन के लिए खतरा बन सकती है । अपने आप को चुस्त-दुरुस्त रखने का प्रयत्न करें क्योंकि इसमें आपको विषाद, घबराहट व व्यर्थ के भय के दौरे से पड़ सकते हैं ।
तुलाः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके बारहवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह शारीरिक व्याधि व पीड़ा का द्योतक है । यदि आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो यह समय तनावपूर्ण रहेगा । स्वास्थ्य के सम्बन्धित सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान दें क्योंकि इस समय आपमें रोग पनप सकता है, विशेष रुप से नेत्र व पेट सम्बन्धी व्याधियाँ उभर सकती हैं । पैरों का भी ध्यान रखें । इन दिनों शारीरिक सक्रियता वाली गतिविधियों से बचें क्योंकि जीवन को खतरा हो सकता है । आपमें से कुछ को भयानक स्वप्न या दुरूस्वप्न आ सकते हैं । आपका कार्यक्षेत्र सफलता प्राप्त करने के प्रयास में अत्यधिक दबावपूर्ण व अधिक कार्य के कारण कठोर हो सकता है । यदि आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो आपमें से कुछ को अपमान व अवमानना झेलनी पड़ सकती है जिससे पद खतरे में पड़ सकता है । वित्त सम्बन्धी सावधानियाँ बरतें तथा अपव्यय से बचें । घर पर पति/पत्नी, संतान, भाई बहन, संतान और रिश्तेदारों से मधुर सम्बन्ध रखें । उनसे विवाद में न पड़ें । शत्रुओं से टकराव से बचें व नए शत्रु न बने इसके प्रति सावधानी बरतें । आपको विदेश यात्रा के अवसर मिल सकते हैं । किन्तु आपमें से कुछ को यात्रा के फलस्वरुप वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे और यूँ ही निरुद्देश्य भटकते रहेंगे ।
वृश्चिकः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके ग्यारहवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह आप व आपके परिवार के लिए सुखद समय लाएगा । इस समय आपको भूसम्पत्ति की प्राप्ति होगी एवम् व्यवसाय व व्यापार में लाभ होगा । संतान पक्ष से भी आपमें से कुछ को लाभ प्राप्त होने की संभावना है । सेवारत व्यक्तियों हेतु भी समय शुभ है । आपमें से कुछ की वेतनवृद्धि व पदोन्नति हो सकती है । आपके समस्त प्रयास व उद्यम सफल होंगे व अधिक लाभ प्राप्त होगा । इस समय आप केवल व्यवसाय में ही नहीं वरन् अपने दैनिक जीवन में भी सुधार देखेंगे । आपका सामाजिक स्तर, सम्मान व प्रतिष्ठा सभी में वृद्धि की संभावना है । आपकी उपलब्धियों से आपके व्यक्तित्व में और अधिक निखार आएगा । आपमें से कुछ परिवार में शिशु जन्म से सुख व शान्ति में वृद्धि होगी । संतान व भाई-बहनों से और भी अधिक सुख मिलेगा । अच्छे स्वास्थ्य व रोगमुक्त शरीर के कारण आप प्रसन्न्ता अनुभव करेंगे । आप अपने को पूर्णतया इतना निर्भीक अनुभव करेंगे जैसा पहले कभी नहीं किया होगा ।
धनुः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके दसवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह सफलता के बीच ऊबड़-खाबड़ मार्ग का द्योतक है । इसमें अनेक मिली-जुली मुसीबतें आ सकती हैं जैसे अफसरों का अभद्र व्यवहार, प्रयासों में विफलता, दुरूख, निराशा, थकान आदि । फिर भी आपको अपने कार्यक्षेत्र में अन्त में सफलता मिल सकती है । आपसे कुछ तो पहले से भी अच्छा कार्य सम्पन्न करेंगे । हाँ कार्य की माँग के अनुसार आपमें से कुछ को यहाँ-वहाँ जाना पड़ सकता है। इस काल में आपको प्रतिष्ठा, पद व अधिकार में वृद्धि दिए जाने की संभावना है । आपका नाम अपने अधिकारियों के विशेष कृपा-पात्रों की सूची में आ सकता है तथा अच्छे मित्रों का दायरा भी बढ़ सकता है । आपका महिमामंडित गौरव आपके जीवन में कुछ नए मित्र ला सकता है । किन्तु स्वास्थ्य आपका ध्यान अपनी ओर अवश्य खींचेगा । ध्यान रखिए कि आप क्या खा रहे हैं व स्वस्थ मानसिकता बनाए रखें । आपमें से कुछ को चिंताओं से मुक्ति मिलने व शत्रुओं पर विजय पाने की संभावना है । कुछ भी हो, शत्रुओं को कम न समझें व शस्त्रों से दूर रहें ।
मकरः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके नवम् भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह समय छोटे से बड़े तक शारीरिक कष्ट व पीड़ा का है । इस में आपको निर्जलन (डीहाइड्रेशन) तथा कमजोरी व शारीरिक शक्ति में क्षीणता का सामना करना पड़ सकता है । आप मांस-पेशियों में दर्द अथवा किसी शस्त्र से लगे घाव से भी पीड़ित हो सकते हैं । मानसिक रुप से अधिकतर आप चिंतित व निराश रहेंगे । आपमें से कुछ को विदेश जाकर कष्टपूर्ण जीवनयापन करना पड़ सकता है । धन का विशेष ध्यान व सुरक्षा रखें क्योंकि विशेष रुप से इस समय थोड़ा बहुत हाथ से निकल सकता है । आपके व्यावसायिक जीवन को भी सही ढ़ंग से व परिश्रम से काम करने की अपेक्षा है । आपमें से कुछ को कुछ समय के लिए कष्टदायक परिस्थितियों में काम करना पड़ सकता है । अपने कार्यालय या व्यावसायिक क्षेत्र में अपना पद व गरिमा बनाए रखने के लिए परिश्रम करें । घर में शान्ति व सामन्जस्य बनाए रखें तथा प्रिय स्वजनों के बीच छद्मवेशी शत्रु पर नजर रखें । आपमें से कुछ को कोई ऐसा काम करने की तीव्र लालसा हो सकती है तो धर्म के मापदण्ड पर स्वीकार करने योग्य न हो ।
कुंभः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके आठवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । यह अधिकतर शारीरिक खतरों का सूचक है । अपने जीवन, स्वास्थ्य व देह-सौष्ठव के प्रति अत्यधिक सतर्कता इस समय विशेष की माँग है । रोगों से दूर रहें साथ ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रकार के नशे व बुरी लत से दूर रहें । आपमें से कुछ को रक्त सम्बन्धी रोग जैसे एनीमिया (रक्त की कमी), रक्त स्त्राव अथवा रक्त की न्यूनता से उत्पन्न बीमारियाँ हो सकती हैं । इस समय शस्त्र व छद्मवेशी शत्रु से दूर रहें । जीवन को खतरे में डालने वाला कोई भी कार्य न करें । आर्थिक मामलों पर नजर रखना आवश्यक है । यदि सावधानी नहीं बरती जो आपमें से अधिकांश को आय में भारी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है । जो भी ऋण लेने से बचें व स्वयं को ऋण-मुक्त रखने की चेष्टा करें । यदि अपने कार्य/व्यवसाय में सफल होना चाहते हैं तो अतिरिक्त प्रयास करें । अपने पद व प्रतिष्ठा पर पकड़ मजबूत रखें क्योंकि यह कठिनाईपूर्ण घटिया स्थिति भी गुजर ही जाएगी । आपमें से अधिकांश को विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है । यहाँ तक कि काफी समय के लिए परिवार से दूर रहकर उनका विछोह झेलना पड़ सकता है ।
मीनः-
इस अवधि में मंगल चन्द्रमा की ओर से आपके सातवें भाव में होता हुआ गोचर करेगा । स्वास्थ्य सम्बन्धों की दृष्टि से यह कठिन समय है । आपके स्वयं की पति/पत्नी की अथवा किसी नजदीकी व प्रियजन के स्वास्थ्य की समस्या अत्यधिक मानसिक चिन्ता का कारण बन सकती है । आप थकान महसूस कर सकते हैं तथा नेत्र सम्बन्धी कष्ट, पेट के दर्द या छाती की तकलीफ का शिकार हो सकते हैं । आपको अपने जीवनसंगी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना पड़ सकता है। आप व आपकी पत्नी/पति को कोइ गहरी मानसिक चिन्ता सता सकती है । आपमें से अधिकांश की किसी सज्जन, व्यक्ति से शत्रुता होने की संभावना है । आप व आपके पति/पत्नी के बीच व्यर्थ अनुमानित अलग सोच के कारण गलतफहमी न हो जाय, इसका ध्यान रखें व इससे बचें । यदि बुद्धि चातुर्य से कुशलतापूर्वक इससे नहीं निपटा गया तो ये आप दोनों के बीच एक बड़े झगड़े का रुप ले सकता है । अपने मित्रों व प्रियस्वजनों से समझौता कर लें । आपके सम्बन्धी आपकी मनोव्यथा का कारण बन सकते हैं । अपने व्यवहार को नियंत्रित रखों क्योंकि अपनी संतान तथा भाई-बहनों के प्रति आप क्रोध कर सकते हैं व अपशब्दों का प्रयोग कर सकते हैं । धन सम्बन्धी मामलों के प्रति भी सचेत रहें । व्यर्थ की प्रतियोगिता के चक्कर में आप व्यर्थ गँवा सकते हैं । रंगरेलियों पर व्यय न करके अच्च्छे भोजन व वस्त्रों पर ध्यान दें ।