Monday 10 June 2019

Moon in the eleventh house | ग्यारहवें घर में चन्द्रमा

Posted by Dr.Nishant Pareek
 if there is a moon in the eleventh house of the horoscope, then what is its usual function ? Look out






यदि कुंडली के ग्यारहवें घर में चन्द्रमा हो तो उसका सामान्य रूप से क्या फल मिलता है। देखिये   


Auspicious Results :
 A person born during the day when the Moon is in the eleventh bhava is wealthy, famous, entertaining and socially active. One of the children, brothers or sisters may cause pain, may be ill charactered and useless and may have to spend one’s entire life in the house due to some deformity. There may not be many children. At the most there will be four to five children. One will be long lived. One will be fortunate, good-looking, valiant, shy and will follow the dutiful path. One will be fearless and clever at talking. One will always be happy. One will be thoughtful, intelligent, knowledgeable, soft spoken and will work faultlessly. One will be imaginative and lively. One will be charitable, liberal, good looking, talented and knowledgeable about mantras. One will have acquired the knowledge of the shastras by listening to them and will know many arts. One will favor others. One will rear many people. One may be skilled at state affairs and may be the treasurer of the state. One may have got authority from the state and may be honored by the state. One may get name, power and beautiful clothes from the state. One will be blessed with a beautiful spouse and plenty of wealth. One will be endowed with many comforts. One’s fame will be well spread and established. One will be popular, luminous and renowned. One may be respected by great people. One will perform pious deeds and people will praise him for these benevolent acts of public interest. One will be wealthy and will gain in every way. One will profit in the business of various things. One will be prosperous and wealthy. One will attain wealth in many ways and will enjoy the pleasures which money brings. One will be contented with one’s gains. One will attain precious metals like silver. One may attain hidden treasure buried in the Earth such as money, diamonds pearls and jewelry. One will have very good friends. One will have all sorts of vehicles at one’s disposal. One will enjoy the best things of life. One may also have good servants. Planets signify more feminine children. One will have masculine children. A son may be born in the 50th year, which helps him to be free from the debt of one’s ancestors. One will have many sons. One will acquire knowledge through hearing, thinking and practicing. There are many shastras. All of them cannot be read but one can learn a lot through listening. Therefore, listening has been given importance. One will own agricultural land. One will attain good worldly happiness. One may be the leader of a local organization.      The above-mentioned auspicious results are experienced.





शुभ फल :
  एकादश चन्द्रमा में दिन को जन्म होने से जातक धनी, यशस्वी, लोकरंजक, सार्वजनिक कार्यकुशल होता है। एकादस्थ चन्द्र से संतान (पुत्र)-भाई या बहिन, इनमें से कोई एक त्रासदाता, दुराचारी वा निरुपयोगी होता है। अथवा किसी व्यंग के कारण उसे सारा जीवन घर में ही व्यतीत करना पड़ता है। एकादश चन्द्र हो तो संतति, भाई-बहने बहुत नहीं होती, अधिक से अधिक संख्या चार-पाँच तक होती है। ग्यारहवें भाव में चन्द्र दीर्घायुता का सूचक है। जातक सुन्दर, श्रेष्ठ मार्ग पर चलनेवाला, लज्जाशील, प्रतापी और भाग्यवान् होता है। जातक बोलने में निर्भय तथा चतुर होता है। सदैव प्रसन्नमूर्ति रहता है। मनस्वी, बुद्धिमान्, प्राज्ञ, मधुरभाषी और निर्दोषकाम करनेवाला होता है। जातक चंचल बुद्धि, कल्पनाशील होता है। उदारचित्त, रूपवान्, बहुगुणी, मन्त्रज्ञ, दाता होता है। जातक बहुश्रुत होता है अर्थात् श्रवण द्वारा बहुत से शास्त्रों का ज्ञान होता है। बहुत-सी विद्याओं का ज्ञाता होता है। दूसरों पर उपकार करनेवाला होता है। बहुत से लोगों का पालन करनेवाला होता है। जातक राजा का धनाध्यक्ष (खजांची या ट्रैजरी आफिसर) होता है। राज्यकार्यदक्ष होता है। राजा के द्वारा प्रभुत्व प्राप्त होता है। राज्य द्वारा सम्मानित होने का अवसर आता है। राजदरवार से प्रतिष्ठा-अधिकार और बहुमूल्यवान् वस्त्र का लाभ होता है। जातक के घर में प्रमुदिता (प्रसन्नमना:) लक्ष्मी तथा उत्तम सुन्दर स्त्री निवास करती है। कई प्रकार के भोग भोगने को प्राप्त होते हैं। जातक की प्रतिष्ठा (कीर्ति) दिगन्तव्यापिनी, स्थिर होती है। जातक सर्वत्र लोकप्रिय, प्रसिद्ध होता है। यशस्वी और कीर्तिमान होता है। श्रेष्ठ-आप्तजनों से आदर और मान प्राप्त होता है। जातक शुभकर्म करता है और जनहित के काम करता है जिससे लोग इसका गुणगान करते हैं। जातक को सभी तरह का लाभ होता रहता है। धनवान् होता है। जातक को नानाप्रकार के पदार्थों के व्यापार से लाभ होता है।जातक धन से युक्त होता है। धनाढ़्य, और धनिक होता है। कई प्रकार से धन की प्राप्ति होती है-और धनोपलब्ध सुखों का भोग प्राप्त होता है। यथालाभ सन्तुष्ट रहनेवाला होता है। चाँदी आदि मूल्यवान् धातुएँ प्राप्त होती हैं। लाभभाव में चन्द्रमा के होने से पृथ्वी में गाड़ी हुई-छुपी हुई वस्तुओं का लाभ होता है। भूमि के अन्दर गुप्त रखे हुए रुपये-हीरे, मोती, जवाहरात की प्राप्ति हो सकती है। जातक उत्तम मित्रों से युक्त होता है। जातक के पास सवारी के लिए सुन्दर-सुन्दर वाहन-घोड़ा-गाड़ी-मोटर आदि होते हैं। अर्थात वाहनसुख मिलता है। उत्तम-उत्तम भोगों का भोक्ता होता है। नौकर का भी सुख प्राप्त होता है। ग्यारहवेें स्थान का चन्द्रमा जातक के कन्या सन्तान अधिक होने का सूचक है। पुत्र संतति होती है। पचास वर्ष की आयु में पुत्र-प्राप्ति होती है-जिससे पितरों के ऋण से मुक्ति पा लेता है। बहुत से पुत्रों के होने का सौभाग्य मिलता है। ज्ञान प्राप्ति के लिए मुख्यसाधन तीन हैं-श्रवण-मनन और निदिध्यासन। शास्त्र बहुत हैं सभी का अध्ययन गुरुमुख से नहीं हो सकता है श्रवण करने से मनुष्य बहुत से शास्त्रों का ज्ञाता हो सकता है-अत: श्रवण साधन को प्राथमिकता और मुख्यता दी गई है। खेती-बाड़ी का स्वामी होता है। ससांर सुख अच्छा मिलता है। सार्वजनिक संस्था में यह नेता होता है।      चन्द्रमा के पुरुष राशियों में होने पर उपर दिये शुभ फल अधिक अनुभव में आते हैं।



Inauspicious Results :
Work done by him does not succeed. One’s efforts will be in vain. One will have feminine children      One will be deprived of happiness. One will be ailing, foolish and dull.

  अशुभ फल :
जातक के किए हुए काम विगड़ जाते हैं। अर्थात् किया हुआ उद्यम और यत्न विफल रहता है। कन्या सन्तति होती है।      एकादशभावस्थित चन्द्रमा हीनबली होने से, नीचराशि में, पापग्रह की राशि में तथा शत्रुग्रह की राशि में होने से जातक सुखों से वंचित रहता है। रोगी, मूर्ख और अज्ञानी होता है।

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