If there is a moon in the third house of the horoscope, then what is its usual function ? Look out
यदि कुंडली के तीसरे घर में चन्द्रमा हो तो उसका सामान्य रूप से क्या फल मिलता है। देखिये
Auspicious Results : The person is pleasant natured, meditative, an atheist, soft-spoken, loving and suffering from cough ailments. One will be happy among brothers, progressive through one’s valor and pleased with one’s dear ones. One will earn money through one’s valor which keeps on increasing. The native will be happy with one’s friends and relatives. One will be religiously inclined. One will be respected in the world. One will be a leader in one’s family. One will have many brothers and sisters, probably two brothers and three sisters and all of them would be healthy. One will be on good terms with one’s neighbors and will benefit from them. In one’s 28th year one may have to migrate, fame and name is on the rise and good deeds are done. One enjoys worldly happiness.
शुभ फल : चन्द्रमा तृतीय स्थान में होने से जातक प्रसन्नचित्त, तपस्वी, आस्तिक, मधुरभाषी, कफरोगी एवं पे्रमी होता है। सहजभाव में स्थित चन्द्रमा व्यक्ति को सहोदरों से सुख, अपने पराक्रम से उन्नतिशील और स्वजनों से सुखी रहनेवाला बनाता है। जातक अपने पराक्रम द्वारा द्रव्य लाभ कर पाता है। जातक के प्रताप की उत्तरोत्तर वृद्धि होती है। अपने भाई बन्धुओं से अधिक सुख मिलता है। जातक की प्रवृत्ति धर्मिक कार्यों में होती है। संसार में इसका आदर सम्मान होता है। जातक अपने वंश में एक मुख्य पुरुष होता है। तीसरे स्थान में चन्द्रमा होने से जातक को भाई-बहिनों का सुख अच्छा मिलता है। दो भाई-और तीन बहिनें होती हैं और ये सब नीरोग होते हैं। पड़ोसियों से सम्बन्ध अच्छे रहते हैं। और उनसे लाभ होता है। 28 वें वर्ष के करीब बहुत प्रवास करना होता है। कीर्ति और प्रसिद्धि का आरम्भ होता है, और सत्कृत्य किये जाते हैं।
Inauspicious Results : Sisters are a source of happiness, whilw brothers are not so. One may have an odd nature, may be a tell tale and will have odd types of interests. One will suffer cough ailments and gastric problems too. One may harm one’s brothers and relatives. Bliss from spouse is moderate only. One is passionate and may have relations with the opposite sex, but is so soft-spoken that people do not mistrust one’s character. One is unsympathetic, violent, lacking happiness and supporter of friends. There will be a shortage of cows, buffaloes and animals in the house. One may be unfortunate and not even get enough food to eat. In one’s 24th year, one may suffer due to penal punishment. There will be changes in business. Person will get the chance of migration again and again but one will get little pleasure from this.
अशुभ फल :तृतीय स्थान का चन्द्रमा भ्राताओं के विषय में अच्छा नहीं है। बहिनों से सुख प्राप्ति कराता है। तृतीय स्थान में चन्द्रमा के साथ रवि होने से बहिनों का वैधव्य संभावित है-या तो गृहकलह से संसार-सुख नहीं मिलता, या मृत्यु होती है अथवा बोझ होती हैं। जातक का अनिश्चयी स्वभाव होता है। चुगुलखोर होता है। अजीब तरह की रुचि होती है। जातक को कफ सम्बन्धी रोग अधिकता से होते हैं। वायु - प्रधान शरीर वाला होता है। भाई-बंधुओं को हानि पहुँचाने वाला होता है। स्त्रीसुख के लिए भी तृतीय चन्द्र सामान्य है। तृतीयभाव मे चन्द्रमा होने से जातक कामासक्त रहता है तथा अनेक स्त्रियों का उपभोग करता है किन्तु इतना मधुरभाषी होता है कि चरित्र पर स्पष्टतया सन्देह नहीं किया जाता। तृतीय भाव में चन्द्रमा होने से जातक जीवहिंसक, अल्पसुखवान्, स्वबन्धुपालक, और निर्दयी होता है। घर में गाय-भैंस आदि पशुधन का अभाव रहता है। भरपूर अन्न नहीं मिलता है। अभागा होता है। 24 वें वर्ष में राजदंड से धनहानि होती है। व्यवसाय में बार-बार परिवर्तन होता है। इस भाव के चन्द्रमा से प्रवास बहुत होते हैं किन्तु इनमें सुखप्राप्ति बहुत थोड़ी होती है।
यदि कुंडली के तीसरे घर में चन्द्रमा हो तो उसका सामान्य रूप से क्या फल मिलता है। देखिये
Auspicious Results : The person is pleasant natured, meditative, an atheist, soft-spoken, loving and suffering from cough ailments. One will be happy among brothers, progressive through one’s valor and pleased with one’s dear ones. One will earn money through one’s valor which keeps on increasing. The native will be happy with one’s friends and relatives. One will be religiously inclined. One will be respected in the world. One will be a leader in one’s family. One will have many brothers and sisters, probably two brothers and three sisters and all of them would be healthy. One will be on good terms with one’s neighbors and will benefit from them. In one’s 28th year one may have to migrate, fame and name is on the rise and good deeds are done. One enjoys worldly happiness.
शुभ फल : चन्द्रमा तृतीय स्थान में होने से जातक प्रसन्नचित्त, तपस्वी, आस्तिक, मधुरभाषी, कफरोगी एवं पे्रमी होता है। सहजभाव में स्थित चन्द्रमा व्यक्ति को सहोदरों से सुख, अपने पराक्रम से उन्नतिशील और स्वजनों से सुखी रहनेवाला बनाता है। जातक अपने पराक्रम द्वारा द्रव्य लाभ कर पाता है। जातक के प्रताप की उत्तरोत्तर वृद्धि होती है। अपने भाई बन्धुओं से अधिक सुख मिलता है। जातक की प्रवृत्ति धर्मिक कार्यों में होती है। संसार में इसका आदर सम्मान होता है। जातक अपने वंश में एक मुख्य पुरुष होता है। तीसरे स्थान में चन्द्रमा होने से जातक को भाई-बहिनों का सुख अच्छा मिलता है। दो भाई-और तीन बहिनें होती हैं और ये सब नीरोग होते हैं। पड़ोसियों से सम्बन्ध अच्छे रहते हैं। और उनसे लाभ होता है। 28 वें वर्ष के करीब बहुत प्रवास करना होता है। कीर्ति और प्रसिद्धि का आरम्भ होता है, और सत्कृत्य किये जाते हैं।
Inauspicious Results : Sisters are a source of happiness, whilw brothers are not so. One may have an odd nature, may be a tell tale and will have odd types of interests. One will suffer cough ailments and gastric problems too. One may harm one’s brothers and relatives. Bliss from spouse is moderate only. One is passionate and may have relations with the opposite sex, but is so soft-spoken that people do not mistrust one’s character. One is unsympathetic, violent, lacking happiness and supporter of friends. There will be a shortage of cows, buffaloes and animals in the house. One may be unfortunate and not even get enough food to eat. In one’s 24th year, one may suffer due to penal punishment. There will be changes in business. Person will get the chance of migration again and again but one will get little pleasure from this.
अशुभ फल :तृतीय स्थान का चन्द्रमा भ्राताओं के विषय में अच्छा नहीं है। बहिनों से सुख प्राप्ति कराता है। तृतीय स्थान में चन्द्रमा के साथ रवि होने से बहिनों का वैधव्य संभावित है-या तो गृहकलह से संसार-सुख नहीं मिलता, या मृत्यु होती है अथवा बोझ होती हैं। जातक का अनिश्चयी स्वभाव होता है। चुगुलखोर होता है। अजीब तरह की रुचि होती है। जातक को कफ सम्बन्धी रोग अधिकता से होते हैं। वायु - प्रधान शरीर वाला होता है। भाई-बंधुओं को हानि पहुँचाने वाला होता है। स्त्रीसुख के लिए भी तृतीय चन्द्र सामान्य है। तृतीयभाव मे चन्द्रमा होने से जातक कामासक्त रहता है तथा अनेक स्त्रियों का उपभोग करता है किन्तु इतना मधुरभाषी होता है कि चरित्र पर स्पष्टतया सन्देह नहीं किया जाता। तृतीय भाव में चन्द्रमा होने से जातक जीवहिंसक, अल्पसुखवान्, स्वबन्धुपालक, और निर्दयी होता है। घर में गाय-भैंस आदि पशुधन का अभाव रहता है। भरपूर अन्न नहीं मिलता है। अभागा होता है। 24 वें वर्ष में राजदंड से धनहानि होती है। व्यवसाय में बार-बार परिवर्तन होता है। इस भाव के चन्द्रमा से प्रवास बहुत होते हैं किन्तु इनमें सुखप्राप्ति बहुत थोड़ी होती है।