यदि आप विदेश यात्रा जाना चाहते है या आपकी विदेश यात्रा में रूकावट आ रही है तो ये उपाय आपके लिए है।
इसके लिए किसी भी शुभ मुहूर्त में पूर्व मुखी होकर लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता की तस्वीर को स्थापित करें। इसके साथ ही विदेश यात्रा यंत्र को भी स्थापित करें। उसके बराबर में किसी गुलाबी वस्त्र पर हल्दी से स्वस्तिक बनाएं। उसपर तीन सौ ग्राम चने की दाल की ढेरी बनाएं। उसपर तीन पीले हकीक के साथ एक अभिमंत्रित लघु नारियल रखें। तिलक बिंदी करके धूप दीप के साथ भोग लगाएं। लाल अथवा पीले हकीक की माला से-
ॐ एेम् ह्रीं श्रीं क्लीं हूं सौः जग्त्प्रसुत्यै नमः
की तीन माला जाप करे तथा जाप् के बाद एक हकीक को कलावे से गांठ लगा दें। अगले दिन पुनः पूजा करके भोग लगाएं। फिर दूसरे हकीक में पहले दिन के हकीक से बंधे कलावे से थोड़ी दूर पर गांठ लगा दें। इसी तरह अगले दिन भी मंत्र जाप के बाद गांठ लगा दें। उसके अगले सिरे को पहले दिन वाले हकीक से बांध दें।
इस बात को इस तरह से समझे कि तीनों हकीक को त्रिकोण में इस तरह बांधे कि उसके बीच में लघु नारियल घुस जाएँ। इस तरह आप तीसरे दिन मंत्र के बाद तीनों हकीक को त्रिकोण में बांधकर उनके बीच लघु नारियल घुसा दें। फिर गुलाबी वस्त्र में यंत्र के साथ हकीक के त्रिकोण में बंधे लघु नारियल को रखकर पोटली बनाकर बहते जल में प्रवाहित करदें।
इसके लिए किसी भी शुभ मुहूर्त में पूर्व मुखी होकर लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता की तस्वीर को स्थापित करें। इसके साथ ही विदेश यात्रा यंत्र को भी स्थापित करें। उसके बराबर में किसी गुलाबी वस्त्र पर हल्दी से स्वस्तिक बनाएं। उसपर तीन सौ ग्राम चने की दाल की ढेरी बनाएं। उसपर तीन पीले हकीक के साथ एक अभिमंत्रित लघु नारियल रखें। तिलक बिंदी करके धूप दीप के साथ भोग लगाएं। लाल अथवा पीले हकीक की माला से-
ॐ एेम् ह्रीं श्रीं क्लीं हूं सौः जग्त्प्रसुत्यै नमः
की तीन माला जाप करे तथा जाप् के बाद एक हकीक को कलावे से गांठ लगा दें। अगले दिन पुनः पूजा करके भोग लगाएं। फिर दूसरे हकीक में पहले दिन के हकीक से बंधे कलावे से थोड़ी दूर पर गांठ लगा दें। इसी तरह अगले दिन भी मंत्र जाप के बाद गांठ लगा दें। उसके अगले सिरे को पहले दिन वाले हकीक से बांध दें।
इस बात को इस तरह से समझे कि तीनों हकीक को त्रिकोण में इस तरह बांधे कि उसके बीच में लघु नारियल घुस जाएँ। इस तरह आप तीसरे दिन मंत्र के बाद तीनों हकीक को त्रिकोण में बांधकर उनके बीच लघु नारियल घुसा दें। फिर गुलाबी वस्त्र में यंत्र के साथ हकीक के त्रिकोण में बंधे लघु नारियल को रखकर पोटली बनाकर बहते जल में प्रवाहित करदें।