Friday 28 October 2022

किन लोगों को पीड़ित करता है कालसर्प योग, जानिए इस लेख में / kalsarp yog kin logo ko pidit karta hai ? janiye is lekh me

Posted by Dr.Nishant Pareek

किन लोगों को पीड़ित करता है कालसर्प योग, जानिए इस लेख में. 


kalsarp yog kin logo ko pidit karta hai ? janiye is lekh me


कालसर्प योग का भय लगभग प्रत्येक व्यक्ति के मन में स्थाई रूप से घर कर गया है। दूसरे की देखा देखी लोग स्वयं भी खुद को इस योग से प्रभावित समझने लगते है। चाहे उनकी कुंडली में कालसर्प योग बन ही नहीं रहा हो। फिर इसमें आग में घी डालने का काम कुछ तथाकथित कर्मकांडी करते हैं जो व्यक्ति को इतना डरा देते हैं कि बस व्यक्ति मरता नहीं है और बाकी रहता नहीं है। 

अनेकों कुंडलियों में देखने को मिला है कि उनके कालसर्प योग तो बन रहा है परंतु प्रभावित नहीं कर रहा। तब व्यक्ति के मन में शंका हो जाती है कि ऐसा क्यों?? तो आज आपको इस लेख में बताउंगा कि किन लोगों को कालसर्प योग पीड़ित करता है और किन को नहीं........

  कालसर्प योग की तरह ही केमद्रुम योग व शकट योग आदि भी ज्योतिष शास्त्र में अत्यत अशुभ माने गये हैं। मजदूर, रिक्शा चलाने वाला, दर्जी, नाई, लोहार, मोची, घरेलू नौकर, इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, कारपेन्टर तथा टेलर आदि को कालसर्प योग पीड़ित नहीं करता। यदि इनकी कुंडली में कालसर्प योग विद्यमान हो, तो बिलकुल भी डरना नहीं चाहिए। यह योग सामान्य और निम्न वर्ग के लोगों को प्रभावित नहीं करते। उनकी आजीविका और रोजाना के खर्च  शारीरिक परिश्रम पर ही आधारित होते है। वो अपने परिवार को चलने और जीविकोपार्जन के लिए दिन भर परिश्रम करते हैं  
कहने का मतलब ये है की कालसर्प योग शरीर से परिश्रम करने वाले व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित  नहीं करता। कालसर्प योग तो व्यक्ति के भाग्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। व्यक्ति के भाग्य को पीड़ित करता है ; कोई व्यक्ति दिनभर परिश्रम करने के बाद 500 - 700 रूपये कमाता है। जबकि भाग्यशाली पुरुष एक ही दिन में बिना कुछ म्हणत के ही  करोड़ों रुपये कमा लेता है। ऐसे भाग्यशाली व्यक्तियों की कुंडली  में कालसर्प योग उपस्थित हो, तो उनके जीवन की प्रगति, प्रतिष्ठा, प्रसन्‍नता का सर्वनाश हो जाता  है। उनका जीवन आतंक और भय के साथ आशंका के चक्रव्यूह  में फँस जाता है। 

जो लोग अपने भाग्य तथा बुद्धिबल से अपार शौर्य, धन, ऐश्वर्य, यश और कीर्ति अर्जित करते हैं उनको ही काल सर्प योग प्रभावित करता है। निम्न वर्ग के सामान्य व्यक्तियों पर काल सर्प योग का अशुभ परिणाम  इसलिए भी नहीं होता कि उनके पास खोने के लिए कुछ है ही  नहीं। खोने के लिए कोई सम्पत्ति नहीं, कोई बैंक बैलेंस नहीं। सामान्य जीवन व्यतीत करने के लिए उन्हें दिनभर परिश्रम करने के उपरान्त ही भोजन व्यवस्था सम्भव हो पाती है। यदि निम्न वर्ग में कुछ परिश्रमी लोग धन संचय कर भी लें परन्तु उन्हें परिश्रम करते रहना पड़े, शारीरिक परिश्रम उनके जीवन का आधार और अंग हो, तो उन्हें कालसर्प योग का अशुभ प्रभाव पीड़ित नहीं करता। | 

जिन कुंडलियों  में उच्च ग्रह शुभ राजयोगों का निर्माण कर रहे हों, केन्द्र- त्रिकोण  शुभ सम्बन्ध हों, विनिमय परिवर्तन राजयोग की स्थापना हो रही हो अथवा ग्रह महाराजा योग का निर्माण कर रहे हों, लग्न बली हो या लग्न का स्वामी पंचम, नवम या दशम स्थान में स्थित हो या फिर उपचय स्थान में शुभ ग्रहों से संयुक्त हो, तो कालसर्प योग का प्रभाव स्वत: ही इतना न्यून हो जाता है जिसे निर्मूल ही समझना चाहिए। 

जिन कुंडलियों  में कालसर्प योग का निर्माण हो रहा हो, सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य स्थित हों तथा राहु और केतु स्वयं भी अशुभ तथा क्रूर ग्रह शनि ओर मंगल से संयुक्त हों, तो कालसर्प योग के प्रभाव में वृद्धि होती है। यदि सूर्य और चन्द्रमा राहु और केतु के साथ स्थित हों तथा सूर्य और चन्द्रमा के अंश समान हों, तो ग्रहण काल में बालक का जन्म होता है तथा ऐसे बालक का जीवित रहना संदिग्ध होता है। 


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