जानिए किस ग्रह की दशा में विवाह होगा ?
कुंडली में दशाओं से भी विवाह का समय ज्ञात किया जा सकता है कि किस ग्रह की दशा अन्तर्दशा में विवाह होने की सम्भावना होती है।
कुंडली में दशाओं से भी विवाह का समय ज्ञात किया जा सकता है कि किस ग्रह की दशा अन्तर्दशा में विवाह होने की सम्भावना होती है।
- सप्तमेश की दशा अन्तर्दशा में विवाह होता है।
- शुक्र की दशा अन्तर्दशा में भी विवाह सम्भव होता है।
- दूसरे भाव का स्वामी जिस राशि में हो उसके स्वामी को दशा में विवाह की पूरी सम्भावना होती है।
- आठवें या दसवें भाव का स्वामी के स्वामी की दशा में भी विवाह की पूर्ण सम्भावना होती है।
- सातवें भाव में स्थित ग्राह की दशा में भी विवाह की पूरी सम्भावना होती है .
- शुक्र जिस राशि में हो यदि उसका स्वामी ६,८,१२, भाव में न हो तो उसकी दशा में विवाह होता है।
- लग्नेश व सप्तमेश को स्पष्ट कर इनके राशि अंश व कला आदि के तुल्य राशि पर जब गुरु गोचर क्रम से प्रवेश करे तब विवाह होता है।
- चन्द्र व सप्तमेश की स्पष्ट कर इनके राशि व आदि के तुल्य गोचर क्रम में गुरु के प्रवेश करने करने पर विवाह होता है।
- शुक्र जितना लग्नेश के पास होगा उतनी ही जल्दी विवाह होता है .
- शुक्र, लग्न , और चन्द्रमा , से सप्तम भाव के स्वामी की दशा की संख्या जोड़कर उतनी आयु में विवाह होता है।
- शुक्र अथवा चन्द्रमा से ७ वें अथवा त्रिकोण में गोचर में गुरु के जाने के पर भी विवाह होता है।
- चन्द्र लग्न से गुरु लग्न , दूसरे , तीसरे पांचवे सातवें नवे अथवा ग्यारहवें भाव में जाने पर विवाह होता है।
- सप्तमेश पंचमेश या एकादशेश की दशा में भी विवाह होता है।
- सप्तमेश यदि शुक्र के साथ हो तो उसकी दशा में भी विवाह होता है।
- लग्न से दूसरे भाव के स्वामी की भुक्ति में भी विवाह होता है।
- दशमेश और अष्टमेश की भुक्ति में भी विवाह होता है।
- नवम सप्तम व दशम भाव के स्वामी की दशा में भी विवाह होता है।
- शुक्र या चन्द्रमा में से जो बली होता है , उसकी महादशा में विवाह होता है।