Rahu kaal kya hota hai, kab hota hai, jainye is lekh me
राहुकाल क्या होता है ? कब होता है ? जानिए इस लेख में
राहुकाल
भारतवर्ष में राहु काल का अत्यधिक महत्त्व है। इसे राहुकालम् भी कहते है। खासकर दक्षिण भारत में। दिन के इस समय को अशुभ माना जाता है और कोई भी शुभ कार्य राहुकाल में सम्पन्न करने का परामर्श नहीं दिया जाता। अर्थात् राहुकाल प्रत्येक शुभ कार्य के लिए त्याज्य है। राहुकाल का समय तिथि और स्थान के हिसाब से अलग अलग होता है। समय का यह अंतर उस स्थान के समय क्षेत्र की गणना के अनुसार होता है। इसका समय 90 मिनट से 120 मिनट तक का होता है। प्राचीन मान्यता अनुसार इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिये।
राहुकाल सप्ताह के सातों दिन निश्चित समय पर लगभग 90 मिनट का होता है। इसका कारण यह है की सूर्य के उदय होने का समय विभिन्न स्थानों के अनुसार अलग होता है। इस सूर्य के उदय के समय व अस्त के समय के काल को निश्चित आठ भागों में बांटने से ज्ञात किया जाता है। सप्ताह के पहले दिन सोमवार के प्रथम भाग में कोई राहु काल नहीं होता है। यह सोमवार को दूसरे भाग में, शनिवार को तीसरे भाग में, शुक्रवार को चौथे भाग में, बुधवार को पांचवें भाग में, गुरुवार को छठे भाग में, मंगलवार को सातवें भाग में तथा रविवार को आठवे भाग में होता है। यह प्रत्येक सप्ताह में दिन के हिसाब से निश्चित रहता है।
इस गणना में सूर्याेदय के समय को प्रातः 6 बजे (भा.स्टै.टा) बजे का मानकर एवं अस्त का समय भी सांयकाल 6 बजे का माना जाता है। इस प्रकार मिले 12 घंटों को बराबर आठ भागों में बांटा जाता है। इन बारह भागों में प्रत्येक भाग डेढ घण्टे का होता है। यहां इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वास्तव में सूर्य के उदय के समय में प्रतिदिन कुछ परिवर्तन होता रहता है और इसी कारण से ये समय कुछ खिसक भी सकता है। अतः इस बारे में एकदम सही गणना करने हेतु सूर्याेदय व अस्त के समय को पंचांग से देख आठ भागों में बांट कर समय निकाल लेते हैं जिससे समय निर्धारण में ग़लती होने की संभावना भी नहीं रहती है।
दिन..............................................................राहुकाल
रविवार...............................................सायं -४.३० से ६.०० तक।
सोमवार.............................................प्रातः 7ः30 से 9ः00 बजे तक
मंगलवार...........................................दोपहर 3 बजे से 4ः30 बजे तक
बुधवार..............................................दोपहर 12ः00 से 1ः30 बजे तक
बृहस्पतिवार......................................दोपहर 1ः30 से 3ः00 बजे तक
शुक्रवार............................................प्रातः 10ः30 से 12ः00 बजे तक
शनिवार............................................रात्रि 9ः00 से 10ः30 बजे तक
यह समय सूर्याेदय से सूर्यास्त के समय को, जिसे दिनमान कहते हैं, को विशिष्ट अनुपात में विभाजित करके निश्चित किया जाता है। ऋतुओं तथा स्थान के अनुसार राहुकाल की समयावधि में थोडा बहुत परिवर्तन होता रहता है।