Tuesday 25 February 2020

Rozana ka rashifal sach hota hai ya Jhuth. janiye is lekh me. आप भी रोज पढ़ते होंगें अखबार या टीवी का राशिफल ? ये सच होता है या झूठ। जानिये इस लेख से।

Posted by Dr.Nishant Pareek
आप भी रोज पढ़ते होंगें अखबार या टीवी का राशिफल ? ये सच होता है या झूठ। जानिये इस लेख से।




लगभग हम सभी रोजाना न्यूज पेपर में सबसे पहले दैनिक राशिफल वाले काॅलम में  अपनी नामराशि का फलादेश देखकर या सुबह पहले टीवी चालू करके न्यूज चैनल लगाकर उस पर दैनिक राशिफल सुनकर अपने दिन के अच्छे या बुरे निकलने का अनुमान लगाने के लिये तैयार रहते हैं और सांझ ढलते ही महसूस करते हैं कि उनकी राशि का जो फलित दैनिक राशिफल में बताया गया था, वह तो असत्य निकला। इसके बाद वे ज्योतिष शास्त्र को कोसने लगते हैं। आज यह लगभग हर दूसरे व्यक्ति के साथ होता है।

आज मैं अपने पाठकों को न्यूज चैनल या न्यूज पेपर में आने वाले दैनिक राशिफल से जुड़ीं कुछ महत्वपूर्ण व प्रामाणिक जानकारियां देने जा हूं। मैं अपने पाठकों को बताना चाहता हूं कि आजकल जिस प्रकार दैनिक राशिफल बताया जाता है, वह पूरी तरह से  भ्रामक व अप्रामाणिक होता है। उसका कोई शास्त्रोक्त व ज्योतिषीय आधार नहीं होता।

इसी लिये लगभग 90 फीसदी दैनिक राशिफल का फलित झूठ निकलता है। जिन व्यक्तियों का फलित सही होता भी है तो, वह उनकी निजी जन्म पत्रिका की ग्रह स्थितियों, दशाओं व ग्रह-गोचर का परिणाम होता है। जो उन्हें अनुभव में आता है।

इस बात को सुनकर आप चौंक  जाएंगे। कुछ लोगों के विचार इससे भिन्न भी हो सकते है। किंतु मैं यहां आपके विचार करने योग्य कुछ तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूं। जिसे पढने से आप खुद दैनिक राशिफल की सच्चाई का अंदाजा लगा सकते हैं।

नौ ग्रहः-
भारतीय ज्योतिष में फलादेश के लिए नौ ग्रहों की स्थिति सबसे महत्वपूर्ण होती है, चाहे वह जन्म पत्रिका की ग्रह स्थिति हो या गोचर की। ज्योतिष के गोचर सिद्धान्त के अनुसार ग्रह गोचर अर्थात ग्रहों का राशि पर भ्रमण या परिवर्तन प्रतिदिन नहीं होता।

सभी 9 ग्रहों के गोचर का भिन्न भिन्न समय निश्चित है।
सूर्य, बुध, शुक्र लगभग 1 माह तक एक ही राशि में रहते है। उसके बाद दूसरी राशि में जाते है।
मंगल लगभग 57 दिन तक एक ही राशि में विराजमान रहते है। उसके बाद दूसरी राशि में जाते है।
गुरु 1 वर्ष तक एक ही राशि में रहते है। उसके बाद दूसरी राशि में जाते है।
राहु-केतु 1.5 (डेढ़) वर्ष तक एक ही राशि में बैठे रहते है। उसके बाद दूसरी राशि में जाते है।
शनि ढाई (2.5) वर्ष तक एक राशि में रहते है। उसके बाद दूसरी राशि में जाते है।

कहने का मतलब ये है कि सभी ग्रह एक राशि में उपर बताये गये दिनों या वर्षाें तक स्थायी रहते है। यदि वक्री हो जाये तो ज्यादा समय भी लग सकता है। सूर्य चंद्रमा कभी वक्री नहीं होते और राहु केतु सदैव वक्री ही रहते है। कभी मार्गी नहीं होते।

चंद्रमा के गोचर की बात करें तो चंद्रमा भी लगभग सवा दो दिन में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। मतलब एक राशि में सवा दो दिन तक तो रहते ही है। कभी कभी ढाई दिन भी रह जाते है।

इसका मतलब ये हुआ कि सवा दो दिनों तक तो सभी ग्रहों की स्थितियों में कोई परिवर्तन नहीं होता। यदि किसी ग्रह का गोचर में राशि परिवर्तन हुआ भी तो अगले दिन से लेकर लगभग 3 दिनों तक वही स्थिति और फलादेश रहेगी। जो ग्रह जिस राशि में स्थित है, उसी राशि में रहेगा तो ऐसे समान ग्रह स्थिति के आधार पर फलित रोजाना कैसे परिवर्तित हो सकता है, आप खुद विचार कीजिये। रोजाना ग्रह का परिवर्तन होगा तो ही रोजाना ग्रह का फलादेश होगा। यदि रोज ग्रह परिवर्तन नहीं हो रहा है तो फलादेश भी नहीं बदलेगा।


जन्म कुंडल सबसे महत्वपूर्ण-

ज्योतिष में किसी व्यक्ति के फलित के लिए उसकी जन्म पत्रिका की लग्न कुंडली को सर्वाधिक महत्ता प्रदान की गई है उसके बाद नवमांश कुंडली, उसके बाद वर्ग कुंडली, फिर विंशोत्तरी दशाएं, उसके बाद योगिनी दशाएं और सबसे अंत में गोचर को मान्यता दी गई है।
फलादेश में जब गोचर को ही फलित करते समय सबसे अंतिम भाग में रखा है तो केवल चंद्र के गोचर व नक्षत्र से दैनिक राशिफल निकालना कहां तक प्रामाणिक व तर्कसंगत है?


दैनिक राशिफल होता जरूर है-

अब यदि मान लिया जाए कि ज्योतिष में दैनिक राशिफल होता ही नहीं है? तो ऐसा भी नहीं है। दैनिक राशिफल भी ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत ही आता है लेकिन वह प्रत्येक व्यक्ति का अलग और व्यक्तिगत राशिफल होता है और उसका आधार प्रश्न कुंडली व नष्टजातकम् पद्धति होता है।
अपने दैनिक राशिफल के लिए व्यक्ति को ज्योतिषी से प्रश्न करना होता है कि मेरा आज का दिन कैसा रहेगा? तब ज्योतिषी प्रश्न कुंडली के आधार पर अथवा उस व्यक्ति से कोई अंक पूछकर उसके दिन के बारे में गणना करके उस दिन का संभावित फल बता देता है।

तो इस तरह दैनिक राशिफल व्यक्तिगत होता है, न कि सार्वजनिक। इसलिये मेरे विचार से समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में आने वाले दैनिक राशिफल के फलित को गंभीरता से न लेते हुए अपनी जन्म पत्रिका की ग्रह स्थितियों, दशाओं व अपनी राशि गोचर पर अधिक विश्वास करना चाहिए। और फलादेश में अपनी बुद्धि और अपने विवेक का सामंजस्य मिलाकर अपने दिन को सफल बनाना चाहिये।

अब आप सोच रहें होंगे कि फलादेश में बुद्धि और अपने विवेक का सामंजस्य कैसे मिलायें ? तो मैं आपको बताता हूं-
 मान लीजिये कि आपके प्रतिदिन के व्यक्तिगत फलादेश में आ गया कि आपका किसी से झगडा होगा।  तो आप किसी भी ऐसे स्थान या व्यक्ति के पास न जायें, जहां झगडे की संभावना लगती हो। या जाना भी पडे तो ये मानकर जाये कि मेरा टाइम आज खराब है, कुछ भी सुनने को मिल सकता है। तो मुझे धैर्य से काम लेना है।

अथवा आपके फलादेश में आ गया कि विश्वासघात होने की संभावना है तो अथवा इमोश्नल ब्लैकमेल हो सकते है और किसी परिचित व्यक्ति का फोन आ जाये कि मेरे घर में इमरजेंसी हो गई है मुझे पैसे चाहिये अथवा मैं थाने में या कोर्ट में हूं, मेरी जमानत देने आजा । तो आपको उस समय अपनी बुद्धि और विवेक से काम लेना है और किसी तरह का बहाना बनाकर उस मामले से राजी खुशी दूर हो जाना है।

मेरे विचार से रोजमर्रा की जिंदगी में प्रतिदिन का राशिफल पूछना भी नहीं चाहिये। क्योंकि आपके राशिफल पूछने से आप सिर्फ खुद में ही परिवर्तन ला सकते हेै। पूरी दुनिया में नहीं। जबकि रोज हमें लगभग हर नये व्यक्ति से या अनेक व्यक्तियों से काम होता है तो उन्हें हम हमारे हिसाब से नहीं बदल सकते। इसलिये प्रतिदिन का राशिफल न पूछकर किसी विशेष कार्य जैसे नये व्यापार को शुरू करने से पहले, नया मकान या भूमि किसके नाम से लें ताकि उसका पूरा सुख भोग सकें या मोटा अमाउंट उधार दे रहे हो या ले रहे हो या नौकरी छोडकर दूसरी नौकरी पकडने की सोच रहें हो तथा और भी अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण विषय होते है जीवन में उनके बारे में कुंडली दिखानी चाहिये।



Powered by Blogger.