इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो अपने व्यापार में मेहनत नहीं करता हो। परन्तु उसे मेहनत जितना फल नहीं मिलता। उसके व्यापार में गति नहीं होती। बस खर्चा पानी चलता रहता है और आया गया बराबर रहता है। उसके पास बचत नहीं हो पाती। इस परेशानी के अनेक कारण हो सकते है। जैसे नजर लगना, कुंडली में व्यापार के योग कमजोर होना , अथवा किसी के द्वारा कोई तांत्रिक कर्म करवा देना।
यह उपाय सामान्य स्थिति में बहुत लाभदायक है। यदि आपको इस उपाय से लाभ कम होता है तो आप समझ लीजिये कि या तो आपकि कुंडली में कोई परेशानी है अथवा आपके व्यापार को किसी ने बांध दिया है। बंधन खोलने के लिए आप इस लिंक पर जाकर उपाय देख सकते है। - http://www.jyotisham.in/
अपने व्यापार को गति देने के लिए शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार को एक पीपल का पत्ता तोड़कर लाएं। उसे पहले दूध से फिर गंगाजल से धोकर अपने व्यापार स्थल पर बैठने के स्थान पर रखें। अगले शनिवार को भी इसी तरह पत्ता लाकर धो धोकर रखें। इस तरह सात शनिवार तक सात पत्ते एकत्रित करलें। सातवें शनिवार को सातों पत्तों पर "श्री जय वीर हनुमान" लिख कर बहते जल में प्रवाहित करदें। इसके प्रभाव से आप जितनी मेहनत करेंगे उससे ज्यादा लाभ मिलेगा।
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