Monday, 13 July 2020

Satve bhav me ketu ka shubh ashubh samanya fal / सातवें भाव में केतुु का शुभ अशुभ सामान्य फल

Satve bhav me ketu ka shubh ashubh samanya fal 


सातवें भाव में केतुु का शुभ अशुभ सामान्य फल

शुभ फल : धन से उत्तम सुख अवश्य प्राप्त होता है। लौटा हुआ धन स्थिर रहता है।   

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अशुभ फल : सातवें भाव में केतु होने से जातक मतिमन्द, मूर्ख, शीलहीन, बहुत सोनेवाला, दीनवचन होता है। जातक के चित्त में घबराहट एवं व्यग्रता रहती है। सप्तम में केतु होने से जातक का अपमान होता है। सप्तमभाव में केतु होने से स्त्रीसुख नहीं मिलता, अथवा स्त्री बुरी मिलती है। स्वयं अपनी पत्नी से वियुक्त होता है। जातक की स्त्री को पीड़ा, कष्ट मिलता है। जातक व्यभिचारिणी स्त्रियों से रति करता है। जातक को पुत्र आदि का क्लेश होता है। मित्रों के द्वारा कष्ट मिलता रहता है। सप्तमभाव में केतु होने से यात्रा की चिन्ता, यात्रा का स्थगित होना- आदि फल होते हैं।सातवें स्थान में केतु से मार्ग सम्बन्धी चिन्ता बहुत होती है। जातक लौटकर आता है। जातक को प्रवास में कष्ट होता है। जातक का धन खर्च में अधिक जाता है। जातक के धन का नाश होता है। आर्थिक चिन्ता लगी रहती है। पिता के द्वारा संचित धन जल्दी ही नष्ट हो जाता है। शत्रुओं का भय होता है। शत्रुओं से धन का नाश होता है। राजा की अकृपा होती है। चोरी का डर होता है। सुख का अभाव होता है। वातरोग, अंतडि़यों के रोग और वीर्य के रोग होते हैं। जल से भय होता है। जातक को जल से दूर ही रहना चाहिए, पानी में डूबने की आशंका इस स्थान में स्थित केतु के कारण बनी रहती है।